
Agenda AajTak 2022: Yuzvendra Chahal: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल पिछले दो टी20 वर्ल्ड कप में एक भी मैच नहीं खेले. 2021 में उन्हें चुना ही नहीं गया था, जबकि 2022 वर्ल्ड कप में सेलेक्ट तो किया गया, लेकिन चहल को एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिल सका. इसको लेकर अब चहल का दर्द छलका है, जो उन्होंने सभी के सामने बयां किया.
युजवेंद्र चहल आजतक के एजेंडा प्रोग्राम में शामिल हुए. इसी दौरान उन्होंने वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाने के सवाल पर कहा कि यह टीम कॉम्बिनेशन का मामला होता है. मैं तो पूरी तरह से तैयार था, लेकिन सेलेक्शन जैसी बाकी चीजें मेरे हाथ में नहीं होती हैं.
चहल मैच खेलने के लिए पूरी तरह तैयार थे
वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाने के सवाल पर चहल ने कहा, 'टीम कॉम्बिनेशन होता है. यह टीम गेम होता है. रविचंद्रन अश्विन और अक्षर (पटेल) भाई थे. सभी अच्छा कर रहे थे. बाकी यह मेरे हाथ में नहीं है. कोच और रोहित भाई से क्लियर था. सभी ने मुझे तैयार रहने के लिए कहा था. मैं भी पूरी तरह तैयार था कि कभी भी मैच में मौका मिल सकता है.'
चहल ने कहा, 'दो टी20 वर्ल्ड कप नहीं खेल पाया, तो क्या हुआ 2019 में वनडे वर्ल्ड कप खेला था. टीम इंडिया के लिए खेलना ही गर्व की बात होती है. मैं ज्यादा बातों पर ध्यान देता नहीं हूं. अगले साल वनडे वर्ल्ड कप होना है, तो मैं उसकी तैयारी कर रहा हूं.'
क्या चहल को बैटिंग प्रैक्टिस भी करना चाहिए?
टीम मैनेजमेंट ने बैटिंग ऑप्शन की बात कहते हुए चहल को मौका नहीं दिया था. क्या चहल को भी बैटिंग की प्रैक्टिस करना चाहिए? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'बैटिंग में मैं 10-15 मिनट की प्रैक्टिस करता हूं औऱ कोच-कप्तान से भी बात करता हूं. जूनियर लेवल पर मैंने शतक लगाया है. रणजी स्तर पर आकर मैंने सिर्फ गेंदबाजी पर ही ध्यान दिया था.'
टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हारकर बाहर हो गई थी. इस हार को लेकर चहल ने कहा, 'क्रिकेट में यह चलता रहता है. बिल्कुल बुरा लगता है, जब आप मेहनत करते हैं और परीक्षा के दिन ऐसा होता है, तो बुरा लगता है. लेकिन अब हमें वनडे वर्ल्ड कप पर ध्यान देना चाहिए.'
चहल ने बताया चेस से क्रिकेट तक का सफर
चेस से क्रिकेट तक के सफर पर चहल ने कहा, '2002 में अंडर-11 नेशनल चैम्पियन बना था. ग्रीस में चैम्पियन बना था. तब मैं क्रिकेट को काफी मिस कर रहा था. उस वक्त मैंने पिता से पूछा था. तब पिता ने कहा था कि एक बार टीम चैम्पियन बन जाए, तब देखेंगे. फिर टीम 2011 में टीम चैम्पियन बनी. उसके बाद सफर शुरू हुआ.'
तीन-चार छक्के पड़ जाएं, तब भी फर्क नहीं पड़ता
उन्होंने कहा, 'मैं विकेट के लिए बल्लेबाज की गलती का इंतजार करता हूं. मुझे कोई भी 3-4 छक्के मार ले, मुझे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि उसके बाद विकेट मिलने के चांस ज्यादा होते हैं. तीन छक्के मारने के बाद बल्लेबाज भी ओवर कॉन्फिडेंस हो जाता है. तब वह गलती कर जाता है. 2011 में मैं टीम इंडिया के लिए पहली बार सिलेक्ट हुआ था. सचिन तेंदुलकर भी कैम्प में थे, तो मिलने का जुनून था. जब सचिन से मैं पहली बार मिला, तो हाय हैलो हुई. मगर नेट्स में बॉलिंग के दौरान ज्यादा बातें हुईं. मैंने सचिन को बॉल की है. मेरे हिसाब से सचिन क्रिकेट के भगवान हैं.'
कुलचा की जोड़ी टूटने पर चहल ने क्या कहा?
चहल ने कहा, '2014 में मैं आरसीबी में आया था. इससे पहले में विराट कोहली के साथ तीन-चार मैच जूनियर लेवल पर खेल चुका था. तब डेनियल विटोरी ने मुझे खुलकर बॉल डालने के लिए कहा था. 2016 में मेरा टीम इंडिया में डेब्यू हुआ था. मगर 2017 से मैं रेग्युलर खेलने लगा था. तब कुलदीप यादव से मेरी अच्छी बॉन्डिंग हो गई थी. हम एक-दूसरे पर भरोसा करते थे. हम एक-दूसरे की बॉलिंग को एनालिसिस भी करते थे. एक टीम कॉम्बिनेशन होता है, इसलिए 2019 में कुलचा की जोड़ी अलग हुई.'
वर्कलोड मैनेजमेंट पर चहल ने कही बड़ी बात
वर्कलोड मैनेजमेंट और ऑप्शनल प्रैक्टिस पर कहा, 'कई बार आपकी यात्राएं भी मायने रखती हैं. बॉडी भी काफी थक जाती है. कई बार ज्यादा यात्राओं के बाद आप थक जाते हैं. ऐसे में टीम मैनेजमेंट आपको ऑप्शन देते हैं कि प्रैक्टिस करें या ना करें. मगर सर्जरी के बाद जब वापसी करते हैं, तब कई बार आपको लगता है कि बॉडी को आराम देना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'हमारी बेंच स्ट्रैंथ बाकी टीमों के मुकाबले ज्यादा अच्छी है. इससे हमें दो टीमें बनाने का मौका होता है. एक साथ टेस्ट और वनडे सीरीज खेल सकते हैं. सूर्यकुमार यादव का मैं काफी फैन हूं. वह एबी डिविलियर्स की तरह बैटिंग करते हैं. उन्हें बॉलिंग करने से पहले काफी सोचना पड़ता है.' 2023 का मुख्य एजेंडा क्या है? इस पर चहल ने लिखा, 'भारतीय टीम के लिए वर्ल्ड कप जीतना'.