
ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप अभियान का निराशाजनक अंत हुआ, जब पेरू ने आंद्रे कैरिलो और पाउलो गुरेरो के गोल की बदौलत ग्रुप-सी मैच में उसे 2-0 से हराकर बाहर का रास्ता दिखा दिया.
2006 के बाद नॉकआउट में पहली बार जगह बनाने की किसी भी तरह की उम्मीद जीवंत रखने के लिए ऑस्ट्रेलिया को हर हाल में यह मैच जीतने की जरूरत थी.
फिश्ट स्टेडियम में कैरिलो ने 18 वें मिनट में पेरू को बढ़त दिलाई और फिर दूसरे हाफ की शुरुआत में गुरेरो ने एक और गोल दागकर ऑस्ट्रेलिया की रही सही उम्मीद भी तोड़ दी.
इस जीत से पेरू की टीम तीन अंक के साथ तीसरे स्थान पर रही, जबकि ऑस्ट्रेलिया की टीम इस ग्रुप में एक भी मैच नहीं जीतने वाली एकमात्र टीम रही. ऑस्ट्रेलिया ने दो हार और एक ड्रॉ से एक अंक हासिल किया और टीम अंतिम स्थान पर रही.
पेरू की टीम इस मैच से पहले ही विश्व कप से बाहर हो चुकी थी, लेकिन उसने अपने दमदार खेल से सबका दिल जीत लिया. ग्रुप-सी से फ्रांस की टीम तीन मैचों में दो जीत और एक ड्रॉ से सात अंक जुटाकर शीर्ष पर रही. डेनमार्क ने तीन मैचों में एक जीत और दो ड्रॉ से पांच अंक जुटाकर ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहते हुए नॉकआउट में प्रवेश किया.
मैच के लिए पेरू के दर्शक बड़ी संख्या में पहुंचे थे. वे उस समय खुश से झूम उठे, जब कैरिलो ने पहला गोल किया. 1982 के बाद विश्व कप में टीम का यह पहला गोल है. 1978 में अर्जेंटीना में ईरान पर 4-1 की जीत के बाद विश्व कप में यह पेरू की पहली जीत है.