
प्रत्येक विश्व कप में सुधार के लिए नई-नई तकनीक का आना अब आम बात हो गई है और रूस के फुटबॉल महासमर में इस दफा पांच तकनीक से इस वर्ल्ड कप को निखारा जा रहा है.
ये पांच तकनीक हैं, वीएआर (वीडियो एसिसटेंट रेफरी), 4के अल्ट्रा हाई डेफिनिशन वीडियो एवं वीआर, इलेक्ट्रॉनिक परफॉरमेंस एंड ट्रैकिंग सिस्टम (ईपीटीएस), 5जी और एडिडास की टेलीस्टार 18 फुटबॉल है.
रेफरी वीएआर तकनीक के इस्तेमाल से गोल, पेनल्टी, रेड कार्ड और किसी गलत खिलाड़ी की पहचान के संबंध में वीडियो रेफरी को रेफर कर सकते हैं, जो उनकी मदद करेगा.
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इस तकनीक का परीक्षण कई टूर्नामेंट में किया जा चुका है, जिसमें एफए कप शामिल है. फीफा सभी 64 मैचों में इस तकनीक का इस्तेमाल करेगा. इसके लिए वीडियो सहायक रेफरी टीम में एक मुख्य वीएआर और तीन सहायक वीएआर होंगे जो मॉस्को में इंटरनेशनल ब्रॉडकास्ट सेंटर में वीडियो ऑपरेशन रूम (वीओरआर) में बैठेंगे.
वीएआर ‘फाइबर पर आधारित रेडियो सिस्टम’ के इस्तेमाल से रेफरियों से बात कर सकते हैं, जबकि 33 प्रसारणकर्ता कैमरे की फीड और ऑफसाइड के दो कैमरे की फीड सीधे वीओरआर में पहुंचा दी जाएगी. इनमें से आठ फीड सुपर-स्लो मोशन की हैं और चार अल्ट्रा-स्लो मोशन की हैं. वहीं, नॉकआउट मैचों में दो अतिरिक्त अल्ट्रा-स्लो मोशन कैमरे होंगे.
ब्राजील 2014 में 4के अल्ट्रा हाई डेफिनिशन तकनीक का ट्रायल किया गया था, लेकिन इस बार पहली बार 4के फीड प्रसारकों को उपलब्ध कराई जाएगी, क्योंकि काफी बड़ी संख्या में दर्शकों के पास अब इस तकनीक के मुताबिक टीवी सेट हैं.
इलेक्ट्रॉनिक परफॉरमेंस एंड ट्रैकिंग प्रणाली फीफा की दूसरी बड़ी खोज है, जो टेबलेट आधारित प्रणाली है, जिससे सभी भाग लेने वाली 32 टीमों के कोचों को खिलाड़ियों के आंकड़े और वीडियो फुटेज मुहैया होंगे.
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प्रत्येक टीम को तीन टेबलेट दिए जाएंगे. स्टैंड में विश्लेषक को एक, बेंच पर विश्लेषक को एक और मेडिकल टीम में को एक. इसमें मैच फुटेज 30 सेकेंड की देरी से होगा, जिसमें खिलाड़ियों की पोजिशन का डाटा, पासिंग, प्रेसिंग, स्पीड और टैकल्स के आंकड़े शामिल होंगे.
इपीटीएस कैमरा आधारित प्रणाली है, जिसे फीफा ने 2015 में ही मंजूरी दे दी थी. इसके लिए डाटा मुख्य स्टैंड पर स्थित दो ऑप्टिकल ट्रैकिंग कैमरे से जुटाया जाएगा, जबकि टीमों के लिए चुनिंदा खास कैमरे भी लगे हैं.
वहीं, रूस में 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा, विश्व कप के अधिकारिक कम्यूनिकेशन साझीदार टीएमएस और मेगाफोन टूर्नामेंट के दौरान इस तकनीक का ट्रायल करेंगे. हालांकि यह 5जी नेटवर्क 2019 तक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होगा.
सबसे अहम होगी ‘एडिडास की टेलीस्टार 18’ बॉल. एडिडास 1970 से हर विश्व कप के लिए बॉल बना रहा है और हर बार कुछ नए बदलाव करता है. इस बार इसमें ‘नीयर फील्ड कम्यूनिकेशन’ चिप लगाई गई है और यह वही तकनीक है जो एपल पे और एंड्रोइड पे में इस्तेमाल होती है, जिससे यह स्मार्टफोन से कनेक्ट हो जाती है और पहली बार किसी भी मैच की गेंद में एनएफसी चिप को लगाया गया है.