
कुछ टॉप PUBG मोबाइल गेमर्स 23 अप्रैल से शुरू होने वाले India Today League: PUBG Mobile Invitational के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. इस टूर्नामेंट में टोटल प्राइज अमाउंट 2.5 लाख रुपये है. ये टूर्नामेंट 4 दिनों तक जारी रहेगा. इससे पहले टॉप गेमर्स ने खेल की तैयारियों को लेकर चर्चा की है. इसी बातचीत में एक गेमर ने कहा है कि PUBG खेलने के लिए दिमाग को शांत रखना बेहद जरूरी है.
चार दिनों तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में ये टीमें 16 मैच खेलेंगी. इस लीग में हर दिन 4 मैच खेले जाएंगे. फिलहाल लीग शुरू होने से पहले इन ई-एथलीट्स ने अपनी तैयारियों और बाकी बातों को लेकर चर्चा की है.
FNATIC टीम के इन-गेम लीडर (IGL) ओवैस ने कहा कि ई-एथलीट्स की तैयारियां कभी रुकती नहीं हैं. चाहे टूर्नामेंट जारी हो या ना हो. तैयारी एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. हम खेलना और प्रैक्टिस करना हमेशा जारी रखते हैं. इसके लिए किसी खास तैयारी की तो जरूरत नहीं पड़ती लेकिन हम ये लंबे समय से करते आ रहे हैं.
वर्चुअल बैटलफील्ड में ई-एथलीट्स अपने इन-गेम नेम्स (वर्चु्अल नामों) से ऑपरेट होते हैं. हालांकि, इनमें से काफी सारे लोग ना केवल अपने टीममेट्स को जानते हैं बल्कि विरोधी टीम के लोगों को भी जानते हैं.
एक आउटडोर स्पोर्ट खेलने वाले एथलीट और एक ई-एथलीट की तैयारियों में क्या अंतर होता है? इसका जवाब देते हुए TSM ENTITY टीम के IGL TSMentGHATAK ने कहा कि हमें भी रूटीन फॉलो करना होता है. हालांकि, अनियमित समयों में टूर्नामेंट शुरू होने की वजह से हमारे लिए एक शेड्यूल का फॉलो करना मुश्किल होता है. हमें प्रैक्टिस सेशन्स की भी जरूरत पड़ती है. ई-एथलीट्स के पास आमतौर पर फिटनेस पर फोकस करने का समय नहीं होता है.
टीम FNATIC के ओवैस का मानना है कि अपना दिमाग शांत रखना सबसे महत्वपूर्ण है. खासतौर पर तब जब आप एक PUBG जैसा एक्शन-पैक्ड गेम खेल रहे हों. ओवैस आगे कहते हैं कि एक फुटबॉलर होने के नाते मैं कहना चाहूंगा कि अगर आप गेम खेलने से पहले थोड़ा योग या वर्कआउट करते हैं तो ये आपकी मदद करता है. ये खेल थोड़ा हिंसक है, इसमें फूल नहीं गोलियां हैं, तो आपका मन परेशान हो सकता है. ऐसे में अपने दिमाग को शांत रखना बहुत जरूरी होता है.
इसी तरह पैरेंट्स से मिलने वाले सपोर्ट पर बात करते हुए 4King टीम के IGL 4KingGuruOp कहते हैं कि एक समय था जब हमारे पैरेंट्स ये समझ नहीं पाते थे कि हम क्या कर रहे हैं. हालांकि, जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया और हम जीतते गए, हमारे पैरेंट्स ने भी हमें सपोर्ट करना शुरू कर दिया.