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IPL: अस्पताल से किए गए एक फोन कॉल ने बदल दी वेंकटेश अय्यर की जिंदगी

रणजी ट्रॉफी शिविर के लिए 2019 में अय्यर की अनदेखी की गई थी, जिसके बाद उन्होंने अनुभवी प्रशासक जगदाले से मदद मांगी जो पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता भी थे और इस युवा की कुछ कर गुजरने की इच्छाशक्ति और जज्बे से काफी प्रभावित थे.

वेंकटेश अय्यर वेंकटेश अय्यर
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 24 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:07 PM IST
  • रणजी ट्रॉफी शिविर के लिए 2019 में अय्यर की अनदेखी की गई थी
  • वेंकटेश अय्यर ने पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता संजय जगदाले से मांगी थी मदद

पूर्व बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले को एक अस्पताल से किए गए एक फोन कॉल ने वेंकटेश अय्यर की जिंदगी बदल दी, जबकि बल्ले और गेंद से उनकी काबिलियत बाद में देखने को मिली. रणजी ट्रॉफी शिविर के लिए 2019 में अय्यर की अनदेखी की गई थी, जिसके बाद उन्होंने अनुभवी प्रशासक जगदाले से मदद मांगी जो पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता भी थे और इस युवा की कुछ कर गुजरने की इच्छाशक्ति और जज्बे से काफी प्रभावित थे.

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कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के अय्यर ने इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों के खिलाफ अच्छी बल्लेबाजी की है, जिससे उनकी टीम जीत दर्ज करने में सफल रही.

जगदाले ने पीटीआई से कहा, ‘मैं उसे अंडर-14 टूर्नामेंट से खेलते हुए देख रहा था. वह अच्छा खेलता था. लेकिन मैं कह सकता हूं कि मैंने कुछ योगदान दो-तीन साल पहले किया. उसने अंडर-23 टूर्नामेंट में मध्य प्रदेश के लिए काफी अच्छा किया था. यह 2019 ही होगा जब चयनकर्ता रणजी ट्रॉफी टीम चुन रहे थे. उन्होंने 25-30 लड़कों को छांटा था और वेंकटेश इस सूची में नहीं था.’

जगदाले ने याद करते हुए कहा, ‘मुझे विस्तृत जानकारी नहीं है, लेकिन उसने मुझे अस्पताल से फोन किया. उसने कहा, सर, मैं पिछले आठ-नौ दिनों से अस्पताल में हूं और मैंने कोई क्रिकेट नहीं खेला है, लेकिन अगर मुझे चयन ट्रायल्स में मौका मिलता है तो मेरे लिए यह अच्छा होगा और मैं अच्छा करने की कोशिश करूंगा.'

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उन्होंने कहा, ‘मुझे उसका जज्बा बहुत पसंद आया, सात-आठ दिन से वह अस्पताल में था, उसने मुझे फोन किया.’ जगदाले ने फिर चयनकर्ताओं से अय्यर को ट्रायल में मौका देने का अनुरोध किया. फिर तो इतिहास है.

जगदाले (71 वर्ष) ने कहा, ‘मैं चयनकर्ता नहीं था, लेकिन मैंने चयनकर्ताओं से बात की. चेयरमैन कीर्ति पटेल थे, मैंने उनसे और देवेंद्र बुंदेला से बात की जो कप्तान थे. मैंने कहा कि यह लड़का अच्छा कर रहा है. मैंने उन्हें कहा कि तुम पांचवें गेंदबाज को ढूंढ रहे होंगे और वह बल्लेबाज-गेंदबाज है. रणजी ट्रॉफी में वह बल्लेबाज के तौर पर रह सकता है और फिर पांचवें गेंदबाज के तौर पर गेंदबाजी कर सकता है.’

खेल के सम्मानजनक प्रशासकों में से एक जगदाले ने कहा, ‘मैंने उन्हें कहा कि उसे मौका दें. हालांकि आपने उसे संभावितों में नहीं चुना, लेकिन दो ट्रायल मैच देकर देखिए. मेरे कहने पर उन्होंने ऐसा किया और उसने अच्छा किया होगा. इस तरह वह मध्य प्रदेश के संभावितों में आया.'

 


 

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