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IPL में खिलाड़ियों के रिटेंशन का रास्ता साफ... पुरानी टीमें रिटेन कर सकेंगी इतने खिलाड़ी

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 15वें सीजन में 10 टीमें खेलती हुई दिखाई देंगी. सोमवार को बीसीसीआई ने टीमों की नीलामी प्रक्रिया खत्म होने के बाद दो नई आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों की घोषणा भी कर दी थी. अब दो नई टीमों की घोषणा के बाद आईपीएल 2022 के लिए खिलाड़ियों के रिटेंशन का भी रास्ता साफ हो गया है.

IPL Trophy (PTI) IPL Trophy (PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST
  • आईपीएल 2022 के लिए होनी है मेगा नीलामी
  • अगले सीजन में भाग लेने वाली हैं दस टीमें

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 15वें सीजन में 10 टीमें खेलती हुई दिखाई देंगी. सोमवार को बीसीसीआई ने टीमों की नीलामी प्रक्रिया खत्म होने के बाद दो नई आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों की घोषणा भी कर दी थी. अब दो नई टीमों की घोषणा के बाद आईपीएल 2022 के लिए खिलाड़ियों के रिटेंशन का भी रास्ता साफ हो गया है. आईपीएल में मौजूद आठ पुरानी टीमें अधिकतम चार खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती हैं. 

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वहीं, दो नई फ्रेंचाइजी लखनऊ और अहमदाबाद 2022 की नीलामी से पहले शेष खिलाड़ी पूल से तीन खिलाड़ियों को हासिल करने में सक्षम होंगी. हालांकि नीलामी के लिए अभी कोई निश्चित तारीख नहीं तय नहीं है. नीलामी के लिए पर्स 90 करोड़ रुपये (लगभग 12 मिलियन अमेरिकी डॉलर) होने की संभावना है, जो कि 2021 की नीलामी में उपलब्ध 85 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है.

ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएल फ्रेंचाइजी दो अलग-अलग कॉम्बिनेशन के जरिए अपने चार खिलाड़ियों को रिटेन करने के लिए आवेदन कर सकती हैं- तीन भारतीय और एक विदेशी, या दो भारतीय और दो विदेशी. साथ ही, 2018 सीजन के दौरान हुई पिछली बड़ी नीलामी के विपरीत इस बार नीलामी में कोई राइट-टू-मैच कार्ड (RTM) नहीं होगा. फ्रेंचाइजी की ओर से रिटेन किए जाने वाले तीन भारतीय खिलाड़ी कैप्ड, अनकैप्ड या दोनों का मिश्रण हो सकते हैं.

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दो नई फ्रेंचाइजी टीमें लखनऊ और अहमदाबाद- तीन में से दो भारतीय और एक विदेशी खिलाड़ी को अपनी टीम में ले पाएंगी. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि 2022 की नीलामी से पहले इन खिलाड़ियों को मौजूदा फ्रेंचाइजी की ओर से रिलीज खिलाड़ियों के समूह से चुनने की आवश्यकता होगी या मेगा ऑक्शन पूल से लिया जाएगा, जिसमें कुछ नए नामों के जुड़ने की पूरी उम्मीद है.

यदि दो नई फ्रेंचाइजी टीमों को केवल उन खिलाड़ियों के समूह में से चुनने की अनुमति दी जाती है, जिन्हें अन्य आठ टीमों ने रिटेन नहीं किया है, तो प्लेयर-ड्राफ्ट प्रणाली लागू होने की संभावना है. आईपीएल में 2016 के सीजन से पहले दो नई टीमों राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स और गुजरात लायंस के लिए यह यही प्रणाली का उपयोग किया गया था. उस साल सुपरजाइंट्स को पहले पसंदीदा खिलाड़ी चुनने का मौका मिला क्योंकि उसने फ्रेंचाइजी टीमों की नीलामी में सबसे ज्यादा बोली लगाई थी. इसके बाद सुपरजायंट्स ने सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी को चुना था.

हालांकि, रिटेंशन के संबंध में अंतिम विकल्प खिलाड़ी के पास रहेगा. क्या वह बरकरार रहना चाहते हैं या नीलामी पूल में जाना चाहते हैं. हालांकि, आईपीएल की तरफ से नियमों की घोषणा होना बाकी है, ऐसे में खिलाड़ियों के रिटेंशन की अंतिम समय सीमा नवंबर के अंत तक होने की संभावना है.

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साल 2018 में जब आखिरी बड़ी नीलामी हुई थी तो टीमों को 80 करोड़ रुपये का पर्स दिया गया था. और वे रिटेन किए गए खिलाड़ियों पर अधिकतम 33 करोड़ रुपये खर्च कर सकते थे. उस समय टीमें नीलामी में रिटेंशन और दो आरटीएम कार्ड के माध्यम से पांच खिलाड़ियों को वापस रख सकती थीं.

अगर किसी फ्रेंचाइज़ी ने नीलामी से पहले अधिकतम तीन खिलाड़ियों को बरकरार रखा है, तो वेतन पर्स से पहले खिलाड़ी के लिए 15 करोड़, दूसरे के लिए 11 करोड़ और तीसरे के लिए 7 करोड़ कटते थे. यदि केवल दो खिलाड़ियों को बरकरार रखा जाता था तो पहले के लिए 12.5 करोड़ रुपये और दूसरे के लिए  8.5 करोड़ रुपये काट लिए जाते थे. 

यदि केवल एक खिलाड़ी को रिटेन किया जाता था, तो फ्रेंचाइजी को अपने पर्स से 12.5 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. इसके अतिरिक्त आईपीएल ने एक अनकैप्ड खिलाड़ी को बनाए रखने के लिए 3 करोड़ रुपये की वेतन सीमा भी निर्धारित की थी. 

 

 

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