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Suryakumar Yadav IPL 2023: सूर्या पर 'ग्रहण': 6 पारियों में 4 गोल्डन डक... क्या हो सकते हैं बड़े कारण?

ICC टी20 के नंबर-1 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव का बल्ला इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023 सीजन में पूरी तरह खामोश दिख रहा है. पिछली 6 पारियों की बात करें तो सूर्या 4 बार गोल्डन डक का शिकार हो चुके हैं.

IPL टीम मुंबई इंडियंस के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव. (Getty) IPL टीम मुंबई इंडियंस के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव. (Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

Suryakumar Yadav IPL 2023: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023 सीजन अपने भरपूर रोमांच के साथ आगे बढ़ रहा है. 5 बार की चैम्पियन मुंबई इंडियंस ने जीत का खाता खोल लिया है. जबकि दिल्ली कैपिटल्स लगातार शुरुआती 4 मैच गंवा चुकी है. इस सीजन में खिलाड़ियों के बल्ले से जमकर रनों की बरसात भी देखने को मिल रही है.

निकोलस पूरन, अजिंक्य रहाणे, जोस बटलर और शार्दुल ठाकुर जैसे खिलाड़ी ताबड़तोड़ अंदाज में फिफ्टी जमा चुके हैं. मगर इन सबके बीच ICC टी20 के नंबर-1 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव का बल्ला खामोश दिख रहा है. ऐसा लग रहा है जैसे सूर्या पर ग्रहण लग गया हो.

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 IPL में सूर्या का प्रदर्शन बेहद फीका

सूर्या के फ्लॉप शो का अंदाजा आप उनकी पिछली 6 पारियों से लगा सकते हैं. इस दौरान सूर्या 4 बार गोल्डन डक (पहली बॉल पर बगैर खाता खोले आउट) का शिकार हो चुके हैं. आईपीएल से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों में सूर्या ने गोल्डन डक की हैट्रिक लगाई थी. इस तरह वो अपनी पिछली 6 पारियों में 4 बार पहली बॉल पर बगैर खाता खोले आउट हुए हैं. सूर्या को लगातार मौके देना भारतीय टीम को बेहद भारी पड़ा और उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-2 से वनडे सीरीज गंवाई थी. अब आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए सूर्या का प्रदर्शन बेहद फीका है..

क्या ये सूर्या का खराब फॉर्म है?

आखिर सूर्या के इस खराब प्रदर्शन की बड़ी वजह क्या हो सकती है... क्या ये खराब फॉर्म है ? हम इसी तरह के कुछ सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे. इसमें समझने वाली बात ये भी है कि टी20 फटाफट वाला गेम होता है. मंगलवार रात सूर्या जब दिल्ली के खिलाफ बैटिंग करने आए, तब 16वां ओवर खत्म होने वाला था. टीम को 25 गेंदों पर 34 रनों की जरूरत थी.

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उस वक्त सूर्या ने आते ही अपनी शैली में पहली ही बॉल पर हवाई शॉट खेला, जो कैच हो गया. जबकि इससे पहले दो मैचों में सूर्या ने 1 और 15 रन बनाए थे. इससे ठीक पहले तीन वनडे मैचों में सूर्या 0, 0, 0 पर आउट हुए थे. ऐसे में सूर्या अपनी छठी पारी में मन बनाकर आए होंगे कि वह अपना नेचुरल अटैकिंग गेम ही खेलेंगे. मगर दुर्भाग्य से वह हवाई शॉट खिलाड़ी के हाथों में चला गया.

ज्यादा गेंदें खेलने का मौका नहीं मिला

ऐसे में इसे खराब फॉर्म कहना गलत होगा, क्योंकि 4 पारियों में तो सूर्या को एक से ज्यादा गेंदें खेलने का मौका ही नहीं मिला. जब प्लेयर ज्यादा बॉल खेल ही नहीं पाएगा, तो खराब फॉर्म और बढ़िया फॉर्म कैसे तय हो पाएगा. यदि प्लेयर ज्यादा गेंदें खेले और फिर बगैर रन बनाए आउट होता है, तब खराब फॉर्म कहना समझ आता है. एक पारी में सूर्या ने 2 गेंदों पर एक रन बनाया था.

मगर एक पारी में जरूर सूर्या को क्रीज पर टिकने का मौका मिला था. उन्होंने RCB के खिलाफ 16 गेंदों पर 15 रन बनाए थे. उस समय जल्दी विकेट गिरने के कारण सूर्या पर पारी संभालने की जिम्मेदारी थी. ऐसे में अभी यह कहना कि सूर्या खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं, कहना गलत होगा. सूर्या को दिल्ली के खिलाफ देखकर लगा कि वह अपना नेचुरल गेम खेलना चाह रहे हैं. ऐसे में जब लक उनका साथ देगी, तो वह जरूर अपना पुराना रंग दिखाने में कामयाब होंगे.

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पिछले मैचों के खराब प्रदर्शन का दिमाग में होना

जब सूर्या दिल्ली के खिलाफ मैच में बैटिंग के लिए उतरे होंगे, तो उनके दिमाग में पिछले मैचों के खराब प्रदर्शन की कुछ बातें भी दिमाग में चल रही होंगी. लगातार पहली ही गेंद पर आउट होने और लगातार आलोचनाओं को सुनने के बाद जब कोई प्लेयर मैच में उतरता है, तो उसके दिमाग में काफी सारी चीजें चल रही होती हैं. ये ठीक वैसा ही मान सकते हैं, जैसे दो लगातार विकेट लेने के बाद गेंदबाज हैट्रिक के लिए सोचता है.

यहां बल्लेबाज के दिमाग में उलटा होता है. वह हैट्रिक से बचना चाहता है. कहीं ना कहीं इसी दिमागी हलचल के चलते बल्लेबाज कन्फ्यूजन में बॉल पर ध्यान ही नहीं दे पाता है. उसे पहली बॉल पर डिफेंस करने या रन बनाने की उम्मीद भी रहती है. जबकि दूसरी ओर गेंदबाज इसी का फायदा भी उठाने की कोशिश करता है. सूर्या के मामले में गेंदबाज सफल होता है.

खुद को साबित करने का दबाव

पिछली 5 पारियों में 3 गोल्डन डक हों, तो उसके बाद कोई भी प्लेयर खुद को हर हाल में साबित करना चाहेगा. खासकर तब जब वो प्लेयर उसी फॉर्मेट (टी20) में नंबर-1 हो तो मामला उलझ जाता है. लगातार हो रही आलोचनाओं और टीम से बाहर करने की बातों को बल्लेबाज अपने शानदार प्रदर्शन से धोना चाहता है, पर इसी दबाव में एक और गलती होने का भी चांस होता है. सूर्या ऐसी ही गलती कर बैठे.

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2 कैच छोड़ने से मनोबल का गिरना

दिल्ली के खिलाफ इसी मैच में मुंबई टीम ने पहले गेंदबाजी की थी. उसी पारी में सूर्यकुमार ने दो आसान कैच छोड़े थे. यह दोनों कैच अक्षर पटेल के थे, जिन्होंने ताबड़तोड़ अंदाज में फिफ्टी जमाई थी. दूसरा कैच जब छोड़ा, तब सूर्या की आंख के पास बॉल लगने से चोट भी लगी थी. ऐसे में कैच छोड़ना कहीं ना कहीं प्लेयर के मनोबल को भी तोड़ता है. इसका असर उसकी बैटिंग और बाकी प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है.

गंभीर का बयान सूर्या को मोटिवेशन दे सकता है

गौतम गंभीर ने 2020 IPL सीजन के दौरान दिनेश कार्तिक की खराब फॉर्म पर एक बयान दिया था. गंभीर का ये बयान आज सूर्या को मोटिवेशन देने का काम कर सकता है. गंभीर ने कहा था कि लगातार मैचों में जीरो पर आउट होने जैसे खराब दौर हर खिलाड़ी के जीवन में आ सकते हैं. इससे प्लेयर को सीखना चाहिए ना कि दबाव में आकर अपना खेल खराब करना चाहिए.

गंभीर ने स्वीकार किया था कि IPL के 2014 सीजन के शुरुआत में वह भी लगातार तीन मैचों में जीरो पर आउट हुए थे. मगर उन्होंने हार नहीं मानी. बता दें कि यही वह आईपीएल सीजन था, जब गंभीर ने अपनी कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को दूसरी बार चैम्पियन बनाया था.

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