
शतरंज की चैम्पियन प्लेयर और दिव्यांग (मूक-बधिर) मलिका हांडा इन दिनों पंजाब सरकार के सौतेले व्यवहार से पीड़ित हैं. मलिका ने शतरंज में 7 बार नेशनल चैम्पियनशिप जीती है. उन्होंने इसके अलावा कई इंटरनेशनल चैम्पियनशिप भी जीती हैं. इसके बावजूद अब तक पंजाब सरकार से उन्हें न तो कोई मदद मिली और न ही कोई सरकारी नौकरी का ऑफर आया है.
मलिका हांडा ने कई बार सरकार और लोगों के सामने गुहार लगाई, लेकिन अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी. एक बार फिर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो शेयर कर सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है. वीडियो में मलिका अपनी जीती हुई ट्रॉफी और मेडल दिखाती दिख रही हैं. साथ ही उनकी आवाज और चेहरे पर विरोध साफ दिखाई दे रहा है.
सरकार के रवैये से दुखी हैं मलिका
शतरंज चैम्पियन मलिका ने पोस्ट में लिखा, 'मैं बहुत ही दुखी महसूस कर रही हूं. दो महीने बीत गए. पंजाब सरकार की तरफ से मुझे अब तक कोई नगद इनाम या सरकारी नौकरी के लिए बात करने के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला. मैं लगातार इंतजार कर रहीं हूं, क्यों? मैं ग्रेजुएट हूं. इंटरनेशनल डेफ गोल्ड मेडल, 6 मेडल वर्ल्ड और एशियन चैम्पियनशिप में जीते हैं. फिर क्यों पंजाब सरकार मेरे साथ ऐसा कर रही है?
दो महीने पहले भी मांग की थी
जालंधर की रहने वाली चेस चैम्पियन मलिका 90 प्रतिशत तक मूक बधिर हैं. उन्होंने शतरंज खेलना 2010 से ही खेलना शुरू किया. 5 साल में ही उन्होंने इतनी महारत हासिल कर ली कि मंगोलिया में हुए 2015 इंटरनेशनल मूक और बधिर चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया था. मलिका ने इसी साल 8 अगस्त को भी एक पोस्ट शेयर कर पंजाब सरकार से आर्थिक मदद की मांग की थी. इसी बात को दोहराते हुए उन्होंने एक और पोस्ट में कहा है कि दो महीने बीत गए, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है.