
Bhaichung Bhutia: दुनिया में फुटबॉल की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित संस्था FIFA ने एक हफ्ते पहले ही भारतीय फुटबॉल संस्था को सस्पेंड कर एक बड़ा झटका दिया है. इस कारण भारतीय फुटबॉल जगत में तूफान से मच गया है. फीफा ने यह कदम सिर्फ इसलिए उठाया, क्योंकि भारतीय फुटबॉल संस्था में उसका और भारतीय बोर्ड का संविधान सही तरीके से लागू नहीं है.
कुछ महीने पहले ही प्रशानिक समिति (CoA) ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के लिए नया संविधान बनाया है. अब इसे ही लागू करने की जंग चल रही है. इसको लागू करने के लिए कई दिग्गजों ने याचिका दायर की है. अब इनमें भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया भी शामिल हो गए हैं. बता दें कि भूटिया समेत 7 अन्य लोगों ने AIFF के नए अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है.
'पूर्व खिलाड़ियों के हित में है नया संविधान'
भूटिया ने भी फुटबॉल संघ मामले में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है. भूटिया ने अपनी याचिका में कहा है कि CoA की ओर से तैयार किए गए संविधान को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के नए विधान के रूप में स्वीकार कर लिया जाना चाहिए. क्योंकि नया संविधान न केवल आज के दौर में आए बदलाव के मुताबिक है बल्कि सेवारत और पूर्व खिलाड़ियों के बारे में ज्यादा संवेदनशील भी है. उनके हित में सोचने वाला है.
उन्होंने कहा कि ये संविधान का प्रारूप दशकों से कुछ खिलाड़ियों और नेताओं के जकड़न भरे वर्चस्व से मुक्ति भी दिलाएगा. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट तीन अगस्त को दिए गए अपने आदेश को पूर्ण रूप से लागू कर दे, क्योंकि उस आदेश में नामचीन और प्रमुख फुटबॉल खिलाड़ियों की 36 सदस्यों वाली कमेटी ही आम सभा के तौर पर काम करेगी. ये ही कार्यसमिति का चुनाव करने वाले मतदाता मंडल का हिस्सा होंगे.
भूटिया की कोर्ट से समुचित आदेश देने की गुहार
भूटिया ने कहा कि स्वस्थ लोकतांत्रिक, तार्किक और एक समान वोट अधिकार की वजह से व्यवहारिक व्यवस्था भारतीय फुटबॉल की सुनहरी परंपरा को और मजबूती देगी. ये समिति समुचित सुधार, बदलाव और आधुनिक जरूरतों के मुताबिक कदम उठाएगी.
भूटिया ने अपनी याचिका में कोर्ट से समुचित आदेश देने की गुहार लगाई है ताकि कथित स्वार्थी तत्वों के एकाधिकार वाली मौजूदा व्यवस्था से फुटबॉल फेडरेशन को हमेशा के लिए मुक्त कर दिया जा सके.