
Rameshbabu Praggnanandhaa: शतरंज खिलाड़ी आर प्रज्ञानानंद रातों-रात स्टार बनकर उभरे हैं. इस 16 वर्षीय खिलाड़ी ने वर्ल्ड चैम्पियन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन को ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौर में पराजित किया था. प्रज्ञानानंद दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद और पी हरिकृष्णा के बाद ऐसे तीसरे भारतीय हैं, जिन्होंने गत विश्व चैंपियन कार्लसन को हराया है.
बड़ी बहन से मिली प्रेरणा
आर प्रज्ञानानंद ने अपनी बड़ी बहन से प्रभावित होकर शतरंज को महज तीन साल की उम्र में अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था. खास बात यह है कि बड़ी बहन वैशाली को इसलिए यह खेल सिखाया गया, जिससे कि वह टीवी पर कार्टून देखने में कम समय बिताएं.
प्रज्ञानानंद के पिता रमेशबाबू ने याद करते हुए कहा, 'हमने वैशाली को शतरंज से जोड़ा जिससे कि उसके टीवी देखने के समय को कम किया जा सके. दोनों बच्चों को यह खेल पसंद आया और इसे जारी रखने का फैसला किया. हमें खुशी है कि दोनों खेल में सफल रहे हैं. इससे भी अहम बात यह है कि हमें खुशी वे खेल को खेलने का लुत्फ उठा रहे हैं.
मां का मिला पूरा सपोर्ट
प्रज्ञानानंद की मां नागलक्ष्मी टूर्नामेंट के लिए दोनों के साथ जाती हैं और घर पर रहकर उनके मुकाबले भी देखती हैं. रमेशबाबू ने कहा, 'इसका श्रेय मेरी पत्नी को जाता है जो उनके साथ टूर्नामेंट के लिए जाती है और काफी समर्थन करती है. वे दोनों का काफी ख्याल रखती हैं.'
महिला ग्रैंडमास्टर 19 साल की वैशाली ने कहा कि शतरंज में उनकी रुचि एक टूर्नामेंट जीतने के बाद बढ़ी और इसके बाद उनका छोटा भाई भी इस खेल को पसंद करने लगा. उन्होंने कहा, 'जब मैं लगभग छह साल की थी, तो काफी कार्टून देखती थी. मेरे माता पिता चाहते थे कि मैं टेलीविजन से चिपकी नहीं रहूं और उन्होंने मेरा नाम शतरंज और ड्राइंग की क्लास में लिखा दिया.'
प्रज्ञानानंद को क्रिकेट का भी शौक
चेन्नई के प्रज्ञानानंद ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल किया. प्रज्ञानानंद यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे. प्रज्ञानानंद सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर की सर्वकालिक सूची में पांचवें स्थान पर हैं.
भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आंनद ने उनका मार्गदर्शन किया है. ग्रैंडमास्टर बनने के बाद से प्रज्ञानानंद ने लगातार प्रगति की लेकिन इसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण कई टूर्नामेंट रुक गए. प्रज्ञानानंद को क्रिकेट पसंद है और उन्हें जब भी समय मिलता है तो वह मैच खेलने के लिए जाते हैं.