
पेरिस ओलंपिक 2024 की समाप्ति के बाद ज्यादातर भारतीय खिलाड़ी स्वदेश लौट चुके हैं. भारतीय खिलाड़ियों ने 15 अगस्त (गुरुवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की. खिलाड़ियों ने इस दौरान पीएम मोदी से अपने अनुभव साझा किए. पीएम मोदी ने भी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया.
पीएम मोदी ने इस दौरान बैडमिंटन स्टार से लक्ष्य सेन भी खास बातचीत की. लक्ष्य सेन से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, 'जब मैं लक्ष्य सेन से पहली बार मिला था तब वह बहुत छोटा था. अब बड़ा हो गया है. आपको पता है कि अब आप एक सेलिब्रिटी बन गए हो.' लक्ष्य सेन ने भी इस चीज को लेकर हामी भरी.
लक्ष्य सेन ने कहा, 'जी सर. लेकिन मैचों के दौरान प्रकाश सर ने मेरा फोन ले लिया था और कहा था कि मैच पूरे होने के बाद ही फोन मिलेगा. उसके बाद ही मुझे पता चला कि सभी ने मेरी कितनी हौसलाअफजाई की. मेरे लिए यह अच्छा सबक था और मेरा अपने पहले ओलंपिक में अनुभव अच्छा रहा. पहले कुछ मैचों में नर्वस था, लेकिन बाद में सामान्य हो गया.थोड़ा दिल टूटा कि इतने करीब आकर रह गया अगली बार पूरी कोशिश करूंगा.'
'अगर प्रकाश सर इतने अनुशासनप्रिय...'
प्रधानमंत्री मोदी ने लक्ष्य सेन से मजाक में कहा, 'अगर प्रकाश सर इतने अनुशासनप्रिय और स्ट्रिक्ट थे तो अगली बार उनको ही भेजूंगा.' दिग्गज शटलर प्रकाश पादुकोण ने पेरिस ओलंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के मेंटर की भूमिका निभाई थी. लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अच्छा प्रदर्शन किया, हालांकि वह ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गए. लक्ष्य का ब्रॉन्ज मेडल मैच मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ था, जिसमें उन्हें 21-13, 16-21, 11-21 से हार झेलनी पड़ी.
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे लक्ष्य सेन को बैडमिंटन विरासत में मिला है. उनके दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है. लक्ष्य के पिता डीके सेन नेशनल लेवल पर बैडमिंटन खेल चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर के कोच भी हैं. डीके सेन वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लक्ष्य सेन के भाई चिराग सेन भी इंटरनेशनल लेवल पर बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
लक्ष्य का ऐसा रहा सफर
लक्ष्य ने बहुत ही कम उम्र में ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर दिया था. सेन ने 2016 के जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत अपना लोहा मनवाया था. फिर साल 2018 में उन्होंने इसी टूर्नामेंट में पीला तमगा हासिल किया. सीनियर लेवल पर लक्ष्य सेन को सबसे बड़ी कामयाबी पिछले साल वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मिली. हुलेवा में आयोजित हुए उस टूर्नामेंट में लक्ष्य ने कांस्य पदक जीता था. लक्ष्य सेन ने जनवरी 2021 में इंडिया ओपन के जरिए अपना पहला सुपर 500 खिताब जीता था. लक्ष्य सेन ने साल 2022 में ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाई थी, जो उनके लिए काफी खास रहा. हालांकि वो फाइनल मुकाबला नहीं जीत सके थे.