
ईरान की राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम (Iran Women Football Team) में एक पुरुष खिलाड़ी खेल रहा था. इस पुरुष खिलाड़ी ने मैच के दौरान गोलकीपर की भूमिका निभाई थी. ईरान पर ये आरोप उसके कट्टर प्रतिद्वंद्वी जॉर्डन ने लगाया है.
जॉर्डन फुटबॉल एसोसिएशन (Jordan Football Association) के अध्यक्ष प्रिंस अली बिन अल-हुसैन ने कथित तौर पर महिला टीम में शामिल पुरुष खिलाड़ी के 'लिंग सत्यापन' जांच की मांग की है.
'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक, 32 वर्षीय ईरानी टीम की गोलकीपर ज़ोहरेह कौडेई (Zohreh Koudaei) ने 25 सितंबर को जॉर्डन के खिलाफ हुए फुटबॉल मैच में दो पेनल्टी बचाई थी. ईरानी महिला टीम ने जॉर्डन को 4-2 से हारकर एशिया कप के लिए क्वालीफाई किया. मैच के बाद जॉर्डन ने ज़ोहरेह कौडेई को 'पुरुष' बताते हुए जांच की मांग कर दी.
गोलकीपर के जेंडर पर सवाल
जॉर्डन के फुटबॉल एसोसिएशन ने गोलकीपर ज़ोहरेह के जेंडर पर सवाल खड़े करते हुए एशियाई फुटबॉल महासंघ (एएफसी) से शिकायत की. जॉर्डन ने ज़ोहरेह के 'लिंग सत्यापन' जांच का अनुरोध करते हुए एक ट्वीट किया.
जिसके बाद एएफसी के एक प्रवक्ता ने कहा- 'जांच चल रही है, अभी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, चाहे आरोप वास्तविक हो या संभावित.' वहीं फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष प्रिंस अली ने कहा- 'अगर ये आरोप सच है तो बहुत गंभीर मुद्दा है'
ईरान-जॉर्डन में जुबानी जंग
हालांकि, ईरानी टीम मैनेजर ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि जॉर्डन की टीम मैच हारने के बाद 'बहाने' ढूंढ रही है. उन्होंने कहा कि ज़ोहरेह ने इससे पहले 2008 और 2010 में एशियाई कप क्वालीफायर में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया था. हर बार मेडिकल जांच होती है. हम एशियाई फुटबॉल संघ को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे.
उधर, जॉर्डन ने आरोप लगाया कि ईरानी महिला टीम का 'लिंग और डोपिंग विवाद का इतिहास है'. उन्होंने कुछ पुराने मामलों का जिक्र किया. जिसमें बताया गया कि कैसे ईरान की राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम में महिलाओं के रूप में चार पुरुष खिलाड़ी खेलने का आरोप लग चुका है. जिसके चलते चारों खिलाड़ियों पर प्रतिबंध भी लगाया गया था.