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Neeraj Chopra Marriage: नीरज चोपड़ा ने अपनी गुपचुप शादी पर तोड़ी चुप्पी... रिसेप्शन पार्टी पर कही ये बात

नीरज चोपड़ा ने पिछले महीने टेनिस खिलाड़ी हिमानी मोर संग सात फेरे लिए थे. नीरज और हिमानी की शादी 16 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में एक सीक्रेट प्लेस पर हुई थी. अब नीरज चोपड़ा ने अपनी गुपचुप शादी पर चुप्पी तोड़ी है.

Neeraj Chopra and Himani Mor Neeraj Chopra and Himani Mor
निखिल नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:46 PM IST

भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर और डबल ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने पिछले महीने शादी कर ली थी. नीरज चोपड़ा ने टेनिस खिलाड़ी हिमानी मोर संग सात फेरे लिए थे. नीरज और हिमानी की शादी 16 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में एक सीक्रेट प्लेस पर हुई थी. शादी समारोह में केवल नीरज और हिमानी के परिवारवाले ही शामिल हुए थे.

नीरज ने गुपचुप शादी पर तोड़ी चुप्पी

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अब नीरज चोपड़ा ने अपनी गुपचुप शादी पर चुप्पी तोड़ी है. नीरज ने स्पोर्ट्स टुडे से कहा, 'कुछ लोगों को मेरी शादी के बारे में पता था. मेरे पास बहुत कम समय था क्योंकि मुझे ट्रेनिंग शुरू करनी थी. उम्मीद है, जल्द ही एक ग्रैंड रिसेप्शन होगा. जब भी हिमानी और मेरे पास समय होगा, हम अपने गांव से सभी को आमंत्रित करेंगे. सच्चाई यह है कि मैं अब शादीशुदा हूं. यह एक ऐसा निर्णय है, जो मैंने सही समय पर लिया. हिमानी का परिवार स्पोर्ट्स बैकग्राउंड से है और हम वैसे ही हैं. हमने अनौपचारिक बातचीत से शुरुआत की. फिर हमें प्यार हो गया.'

नीरज चोपड़ा ने कहा, 'लोग कहते हैं कि मैंने अच्छा अभिनय किया है. जो भी जिम्मेदारी दी जाती है, मैं उस पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता हूं. अब मुझे कैमरे से डर नहीं लगता. मैं अच्छे से एडजस्ट कर रहा हूं. आत्मविश्वास ही सब कुछ है और हर काम चुनौतीपूर्ण है. मेरा कम्युनिकेशन स्किल बेहतर हो गया है. अंग्रेजी बोलने के लिए आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है.'

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नीरज चोपड़ा और उनके कोच जान जेलेजनी, फोटो: (Getty Images)

नीरज कहते हैं, 'मेरा मानना ​​​​है कि 90 मीटर का बैरियर जल्द ही टूटेगा. जान जेलेजनी (कोच) ने मेरे खेल में कुछ तकनीकी समायोजन किए हैं. मैं यह समझने में सक्षम हूं कि वह मुझसे क्या उम्मीद करते हैं. कुछ सुधारों की अब भी आवश्यकता है. 90 मीटर निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है. क्या होगा अगर हर कोई 90+ थ्रो करके भी नहीं जीते. मैं 90 मीटर से अधिक फेंकना चाहता हूं, हर कोई मानता है कि मैं ऐसा कर सकता हूं.'

यह भी पढ़ें: पहली मुलाकात में प्यार, फिर घरवालों को मनाया... ऐसी है नीरज-हिमानी की लव स्टोरी

नीरज चोपड़ा ने अपनी हालिया इंजरी को लेकर कहा, 'ग्रोइन इंजरी लंबे समय से एक समस्या बनी हुई थी. चोट के कारण मैं 100 प्रतिशत नहीं दे पा रहा था. प्राग में जेलेजनी के डॉक्टर के पास गया और उन्होंने कुछ व्यायाम सुझाए. मैं इस पर काम कर रहा हूं, इसलिए उम्मीद है कि इससे मदद मिलेगी और मैं अपना 100 प्रतिशत दे पाऊंगा.'

पेरिस ओलंपिक 2024 को लेकर नीरज कहते हैं, 'हर किसी को मुझसे बहुत उम्मीदें थीं. मैंने हमेशा प्रमुख आयोजनों में स्वर्ण जीता और इसकी वजह से लोग निराश थे. मैं पेरिस ओलंपिक के दौरान अपनी चोट के कारण बहुत संघर्ष कर रहा था. मैंने ओलंपिक से पहले कुछ प्रतियोगिताओं से नाम वापस ले लिया था. मुझे खुशी है कि मैं क्वालिफिकेशन और फाइनल में 89+ का थ्रो करने में सक्षम रहा. हर किसी को स्वर्ण की उम्मीद थी, हर कोई चाहता था कि राष्ट्रगान बजे. मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं, यह देखकर मुझे खुशी होती है.'

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नीरज ने भारतीय फैन्स से की ये अपील

नीरज चोपड़ा ने कहा, 'बस इतना चाहता हूं कि भारतीय लोग समझें कि एथलीट बहुत कुछ सहते हैं. वे हमेशा अपने चरम पर नहीं रह सकते. भारतीय लोग भावनाओं में बह जाते हैं. अगर प्रशंसक इसे समझते हैं और इसका सम्मान करते हैं, तो यह एथलीटों के लिए एक बड़ा सपोर्ट होगा. मैं समझता हूं कि लोग इस तरह की प्रतिक्रिया क्यों देते हैं.'

नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम, फोटो: Getty Images

नीरज ने आगे बताया, 'अरशद नदीम हमेशा अच्छा थ्रो करते हैं. लेकिन पेरिस में उनका प्रदर्शन अप्रत्याशित था. एक भाला फेंक खिलाड़ी के अपने दिन होते हैं और यह अरशद का सबसे अच्छा दिन था, उनकी तकनीक और थ्रो सही थी. वह अच्छी तरह से तैयार थे, अच्छी तरह से प्रशिक्षित थे. अरशद का सीजन ओलंपिक से पहले सही समय पर शुरू हुआ था.'

जूनियर लेवल पर सुधार की जरूरत...

नीरज ने कहा, 'कुछ साल पहले जर्मनी में घरेलू प्रतियोगिताओं में सभी ने 90+ का थ्रो किया. इससे प्रतियोगिता का स्टैंडर्ड हाई हो गया. अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई बार जर्मन खिलाड़ियों ने शीर्ष स्थान हासिल किया. मैं चाहता हूं कि भारत में भी ऐसा ही हो. जूनियर लेवल पर भी सुधार हुआ है. ऐसा हमें राष्ट्रीय खेलों में भी देखने को मिला. मैं चाहता हूं कि भविष्य के खिलाड़ी भारत से आएं क्योंकि यह घरेलू स्तर को प्रतिस्पर्धी बनाता है.'

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