
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने मंगलवार को भारत में पहला ओलंपिक वैल्यू शिक्षा कार्यक्रम (OVEP) शुरू किया. इस कार्यक्रम के जरिए ओलंपिक से जुड़े पाठ्यक्रम को ओडिशा के स्कूली शिक्षा प्रणाली में शामिल किया गया है.
ओवीईपी युवाओं को उत्कृष्टता, सम्मान और मित्रता के ओलंपिक मूल्यों से परिचित कराने के लिए आईओसी द्वारा तैयार किए गए संसाधनों का एक व्यावहारिक संग्रह है. कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को सक्रिय, स्वस्थ और जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करने के लिए मूल्य-आधारित पाठ्यक्रम का प्रसार करना है.
कार्यक्रम को आधिकारिक तौर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा लॉन्च किया गया. अपने पहले वर्ष में कार्यक्रम का लक्ष्य भुवनेश्वर और राउरकेला शहरों के 90 स्कूलों में नामांकित 32,000 बच्चों तक पहुंचना है. इसके बाद इसका प्रसार राज्य के लगभग 70 लाख स्कूली बच्चों तक होगा. इस प्रोग्राम के लॉन्चिंग के मौके पर आईओसी की सदस्य नीता अंबानी भी मौजूद थीं.
नीता अंबानी ने कही ये बात
नीता अंबानी ने कहा, 'भारत अपार संभावनाओं वाला देश है. हमारे स्कूलों में 25 करोड़ से अधिक बच्चे हैं, जिनमें काफी योग्यता है. वे कल के चैम्पियन हैं और हमारे देश का भविष्य हैं. दुनिया में बहुत ही कम बच्चे ओलंपियन बन पाते हैं, लेकिन हर बच्चे को ओलम्पिक के आदर्शों से अवगत कराया जा सकता है. यही ओवीईपी का मिशन है, जो भारत के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया है.
भारत करेगा IOC सत्र की मेजबानी
इस साल की शुरुआत में नीता अंबानी ने आईओसी सत्र 2023 की मेजबानी के लिए हुई नीलामी में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था, जहां 40 वर्षों के बाद भारत को मेजबानी का अधिकार मिला. भारत में होने वाला आईओसी सत्र 2023 भारतीय खेल इतिहास में एक नया आयाम जोड़ सकता है. साथ यह सत्र ओलंपिक की मेजबानी हासिल करने की दिशा में मील पत्थर साबित होने जा रहा है.