
ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड के फाइनल में भारत संयुक्त रूप से विजेता बना है. भारत के साथ ही इस फाइनल मुकाबले में रूस को भी संयुक्त रूप से विजेता चुना गया है. दरअसल, इंटरनेट कनेक्शन में कमी के कारण भारत और रूस को संयुक्त रूप से विजेता चुना गया है.
भारत ने रविवार को शतरंज ओलंपियाड में इतिहास रच दिया. ऑनलाइन हुए शतरंज ओलंपियाड में भारत पहली बार विजेता बना है. हालांकि भारत को रूस के साथ संयुक्त रूप से विजेता चुना गया है. दरअसल, रूस के खिलाफ खेला जा रहा फाइनल मुकाबला इंटरनेट कनेक्शन टूटने के बाद पूरा नहीं हो सका. जिसके कारण भारत और रूस को संयुक्त रूप से विजेता चुना गया.
यह पहली बार है जब FIDE, अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ, ने ऑनलाइन प्रारूप में ओलंपियाड का आयोजन करवाया है. इस दौरान भारतीय टीम में कप्तान विदित गुजराती, पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद, कोनेरू हंपी, डी हरिका, आर प्राग्गनानंद, पी हरिकृष्णा, निहाल सरीन और दिव्या देशमुख द्वारा फाइनल मुकाबले में रूस के खिलाफ देश का प्रतिनिधित्व किया गया.
भारत की इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है. पीएम मोदी ने बधाई देते हुए कहा है कि शतरंज ओलंपियाड जीतने पर हमारे शतरंज खिलाड़ियों को बधाई. उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण सराहनीय है. उनकी सफलता निश्चित रूप से अन्य शतरंज खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी. मैं रूसी टीम को भी बधाई देना चाहूंगा.
वहीं पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी बधाई दी है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मौके पर भारतीय टीम को बधाई दी है.
गोल्ड मेडल
इंटरनेट कनेक्शन जाने के बाद FIDE अध्यक्ष ने भारत और रूस की दोनों टीमों को ही विजेता घोषित करते हुए गोल्ड मेडल देने का फैसला किया. शतरंज ओलिंपियाड इतिहास में भारत पहली बार चैंपियन बना है. हालांकि रूस पहले भी कई बार शतरंज ओलंपियाड का विजेता रह चुका है.
(राहुल रावत की रिपोर्ट)