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PM Narendra Modi and Sharmila: पैरा एथलीट शर्मिला ने पीएम मोदी को सुनाया अपना दर्द, पति करता था अत्याचार

इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स इंग्लैंड के बर्मिंघम में 28 जुलाई से 8 अगस्त के बीच खेले जाएंगे. इसके लिए 215 भारतीय खिलाड़ियों का चयन किया गया है.

PM Modi and Sharmila Yadav (Twitter) PM Modi and Sharmila Yadav (Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:04 PM IST
  • शर्मिला ने 34 साल की उम्र में खेल शुरू किया
  • दो साल के अंदर ही नेशनल में गोल्ड मेडल जीता

PM Narendra Modi and Sharmila: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (20 जुलाई) को कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए जाने वाले खिलाड़ियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इस दौरान उन्होंने कुछ प्लेयर्स से उनका हाल जाना और उनकी कहानी के बारे में बात की.

इसी दौरान हरियाणा की शॉटपुट पैरा एथलीट शर्मिला से भी प्रधानमंत्री मोदी ने बात की. इस दौरान शर्मिला थोड़ी भावुक हुईं और उन्होंने मोदी को अपनी दर्दभरी आपबीती सुनाई. शर्मिला ने बताया कि कैसे छोटी उम्र में शादी हुई और प्रताड़ित होने के बाद यहां तक मेहनत से किस तरह पहुंचीं.

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34 साल की उम्र में शॉटपुट खेल शुरुआत करने वाली हरियाणा की शर्मिला ने दो साल के अंदर ही गोल्ड मेडल जीत लिया था. इस पर मोदी ने उनसे पूछा कि हमें भी बताइए यह चमत्कार कैसे और किसकी प्रेरणा से हुआ है. इस पर शर्मिला ने प्रधानमंत्री को अपने दर्द और स्ट्रगल की कहानी सुनाई.

पहले पति ने शर्मिला पर काफी अत्याचार किए

शर्मिला ने कहा, 'मैं हरियाणा के रेवाड़ी में रहती हूं. मेरे जीवन में बहुत बड़े तूफान आए हैं. मुझे बचपन से खेलने का शौक था, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला था. मेरा परिवार गरीब था. मां ब्लाइंड थीं. हम तीन बहनें और एक भाई हैं. मेरी छोटी उम्र में शादी कर दी गई थी. मेरे पति ने भी मुझ पर काफी अत्याचार किए. मेरी दो बेटियां है. वे दोनों भी स्पोर्ट्स में हैं. हम तीनों मां-बेटी पर बहुत अत्याचार हुए, तब मेरे माता-पिता मुझे अपने घर ले आए.'

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शर्मिला की दोनों बेटियां भी स्पोर्ट्स में हैं

शर्मिला ने कहा, 'मैं 6 साल मायके में रही. मैं बहुत कुछ करना चाहती थी, लेकिन मुझे कोई रास्ता नहीं मिला. फिर दूसरी शादी के बाद हमारे रिश्तेदार टेकचंद भाई ने मेरा काफी सपोर्ट किया. उन्होंने रोज सुबह-शाम 4-4 घंटे काफी मेहनत करवाई. उनकी वजह से ही मैं आज दो साल के अंदर नेशनल में गोल्ड जीत सकी. मेरी बड़ी बेटी जेवलिन के अंडर-14 में और छोटी बेटी टेबल टेनिस में है. मैं अपनी बेटियों का जीवन बेहतर बनाना चाहती हूं.'

पीएम मोदी ने उनकी बात सुनकर कहा, 'आपकी कहानी ऐसी है कि कोई और भी होता, तो शायद हार मान लेता, लेकिन आपने काफी हिम्मत दिखाई है. आप सभी के लिए एक प्रेरणा हैं. आपने साबित कर दिया है कि अगर जीतने का जज्बा हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है. हर मुश्किल चुनौती आपके हौसले के सामने हार जाती है.'

 

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