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Praful Patel: देश में वर्तमान समय में फुटबॉल का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (COA) ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के अपदस्थ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही में दखल देने के लिए अवमानना याचिका दायर की है.
न्यायालय ने पिछले सप्ताह इस राष्ट्रीय महासंघ के चुनाव कराने का आदेश दिया था. सीओए ने अपनी याचिका में कहा है कि पटेल ने इस माननीय न्यायालय की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से 35 सदस्य संघों (एआईएफएफ के राज्य संघों) की एक बैठक बुलाई थी.
याचिका के साथ उक्त बैठक की प्रतिलिपि भी संलग्न है. यह बैठक 8 अगस्त को जूम पर सुबह 11 बजे आयोजित की गई थी. इसमें कहा गया है कि इन लोगों ने शीर्ष अदालत के आदेशों की घोर अवमानना कर न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप किया है.
फुटबॉल गतिविधियों में भाग लेने पर लग सकती है रोक
याचिका में पटेल को फुटबॉल से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधियों में भाग लेने या पद संभालने से रोकने का आग्रह किया गया है. इनमें विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा और एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) भी शामिल हैं.
इस याचिका में कहा गया है कि इन लोगों ने शीर्ष अदालत के आदेशों की घोर अवमानना कर न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप किया है. याचिका में पटेल को फुटबॉल से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधियों में भाग लेने या पद संभालने से रोकने का आग्रह किया गया है. इनमें विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा और एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) भी शामिल हैं.
याचिका में शीर्ष अदालत से न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप करने और जानबूझकर खुलेआम आदेशों की अवहेलना करने के लिए कथित अवमानना करने वालों के खिलाफ अदालत की अवमानना के लिए कार्रवाई शुरू करने और कानून के अनुसार अधिकतम दंड देने का आग्रह भी किया गया है.
पटेल के अलावा 7 लोगों को भी अवमानना का दोषी बताया
इस वर्चुअल बैठक में आईएफए (बंगाल फुटबॉल निकाय) के अध्यक्ष सुब्रत दत्ता, दिल्ली फुटबॉल प्रमुख शाजी प्रभाकरन और पांच अन्य लोगों ने भाग लिया था. इस बैठक में नए संविधान को तैयार करने में बातचीत के लिए एआईएफएफ के राज्य संघों के प्रतिनिधियों की 7 सदस्यीय समिति गठित की गई थी.
पटेल के अलावा इन सातों को भी अवमानना का दोषी बताया गया है. शीर्ष अदालत में जमा की गई प्रतिलिपि से पता चलता है कि भारतीय फुटबॉल के अंदर कैसा खेल खेला जा रहा है. तीन सदस्यीय सीओए की ओर से पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने अवमानना याचिका दायर की है.
इसमें कहा गया है, 'उक्त बैठक में उन्होंने स्वीकार किया है कि उन्होंने फीफा-एएफसी से 5 अगस्त के पत्र की व्यवस्था करवाई थी. इससे प्रफुल्ल पटेल और राज्य संघों की माननीय न्यायालय द्वारा तय की गई समयसीमा और उसके निर्देशानुसार होने वाले चुनावों में हस्तक्षेप करने और उनमें बाधा डालने की गलत मंशा का पता चलता है.'
फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को पांच अगस्त को भेजे गए पत्र में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण भारत पर प्रतिबंध लगाने और उससे अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार वापस लेने की धमकी दी थी. उसने यह पत्र उच्चतम न्यायालय के एआईएफएफ के चुनाव करवाने के निर्देश दिए जाने के बाद भेजा था. चुनाव 28 अगस्त को होंगे और सीओए ने पहले ही इसके लिए चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिया है. पटेल अभी फीफा परिषद के सदस्य हैं.