
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के कामकाज को संचालित करने के लिए गठित भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की एडहॉक कमेटी को बहाल कर दिया है. यह फैसला पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान की याचिका पर आया है. दिसंबर में महासंघ के चुनाव के बाद ये समिति बनी थी.
कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा कि IOA का एडहॉक कमेटी को भंग करने का फैसला केंद्रीय खेल मंत्रालय के दिसंबर में हुए चुनावों के तुरंत बाद WFI को निलंबित करने के आदेश के अनुरूप नहीं है. साथ ही कहा कि जब तक निलंबन का आदेश वापस नहीं लिया जाता, तब तक एडहॉक कमेटी के लिए महासंघ के कामकाज को संभालना जरूरी है.
जस्टिस सचिन दत्ता ने हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस को डब्ल्यूएफआई का प्रशासक नियुक्त करने की याचिकाकर्ताओं की प्रार्थना को खारिज कर दिया और कहा कि IOA एडहॉक कमेटी का पुनर्गठन कर सकता है.
कोर्ट ने कहा कि न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि एडहॉक कमेटी को भंग करना अनुचित था, साथ ही कहा कि IOA एडहॉक कमेटी का पुनर्गठन कर सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह एक मल्टी-मेंबर बॉडी है. इसमें प्रख्यात खिलाड़ी या विशेषज्ञ शामिल हों. न्यायालय ने साफ किया कि एडहॉक कमेटी सिर्फ तब तक कार्य करती रहेगी, जब तक खेल मंत्रालय द्वारा जारी 24 दिसंबर 2023 का आदेश लागू रहता है. कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय उक्त आदेश को वापस लेने या समीक्षा करने के लिए स्वतंत्र होगा. न्यायालय के आदेश को इस संबंध में कोई बाधा नहीं समझा जाएगा.
कोर्ट ने एडहॉक कमेटी को भंग करने को अनुचित इसलिए माना, क्योंकि युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा WFI के संबंध में जारी किया गया 24 दिसंबर 2023 का आदेश अभी भी लागू है. न्यायालय के पास ऐसा कोई भी रिकॉर्ड नहीं है, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि जिन कारणों यह आदेश जारी किया गया था, वे दूर हो गई हैं या हल हो गई हैं. कोर्ट ने कहा कि जब तक 24 दिसंबर 2023 के निलंबन के आदेश पर पुनर्विचार, समीक्षा या वापसी नहीं हो जाती, तब तक WFI के मामलों का प्रबंधन करने के लिए एक एडहॉक कमेटी की जरूरत है.
बता दें कि अदालत ने पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और अन्य द्वारा इस साल फरवरी में दायर आवेदन पर अपना फैसला सुनाते हुए यह निर्देश दिया है. इस आवेदन में डब्ल्यूएफआई के कामकाज और संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इस आवेदन पर आदेश इस साल मई में सुरक्षित रखा गया था और हाल ही में मामले को हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिसमें कहा गया था कि जल्द ही आदेश सुनाया जाएगा.