
India’s Anshul Jubli qualifies for Road to UFC final: यूं तो भारत में इन दिनों T20 क्रिकेट विश्व कप की चर्चा जोरों पर है पर इसी बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबु धाबी में अंतरराष्ट्रीय मिक्स मार्शल आर्ट्स (MMA) प्रतियोगिता में फाइटर अंशुल जुबली ने भारत का परचम लहराया है. अंशुल ने अल्टीमेट फाइटिंग चैम्पियनशिप (UFC) की रोड टू यूएफसी प्रतियोगिता में दक्षिण कोरिया के फाइटर को मात देकर फाइनल में जगह बनाई.
खास बात यह है कि UFC की प्रतियोगिता में जीत हासिल करने वाले अंशुल पहले भारतीय हैं. भारत में कुछ लोग MMA और UFC के बारे में जानते हैं पर ज्यादातर लोगों को इसके बार में नहीं पता है. अंशुल ने aajtak.in से बताया कि MMA फाइट बॉक्सिंग, रेसलिंग, किक बॉक्सिंग, कराटे जैसे कॉम्बैट स्पोर्ट्स से कैसे अलग है. साथ ही उन्होंने सेना में जाने का सपना देखने से MMA फाइटर बनने तक के अपने सफर को साझा किया है.
अंशुल ने UFC की अंतरराष्ट्रीय मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स प्रतियोगिता की लाइट वेट कैटेगरी का सेमीफाइनल मुकाबला जीता. जिसमें उन्होंने साउथ कोरिया के क्यूंग प्यो किम को पस्त कर फाइनल में अपनी जगह बनाई. अब आपके भी मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर ये MMA है क्या? इसके जवाब में अंशुल बताते हैं कि MMA यानी मिक्स्ड मार्शल आर्ट, यह सभी कॉम्बैट स्पोर्ट्स (फाइटिंग स्पोर्ट्स) का मिक्स है. आसान शब्दों में कहें तो MMA में बॉक्सिंग, रेसलिंग, किक बॉक्सिंग, कराटे जैसे अन्य कॉम्बैट स्पोर्ट्स के दांव-पेच शामिल होते हैं. इसमें बॉक्सिंग की तरह पंच के लिए हाथों का इस्तेमाल और कुश्ती के दांव और किक बॉक्सिंग की तरह पैरों का भी इस्तेमाल होता है.
कैसे अलग हैं MMA के नियम?
भारत में WWE फाइट को लगभग हर कोई जानता है. UFC अभी भारत में इतनी पॉपुलर नहीं हुई है, जितनी WWE. लेकिन WWE फाइट एक एंटरटेनमेंट फाइट होती है, जो दर्शकों को एंटरटेन करने का काम करती है. इसके साथ ही डब्ल्यूडब्ल्यूई की फाइट्स फिक्स और स्क्रिप्टेड होती हैं. वहीं, दूसरी और UFC MMA फाइट रीयल फाइट होती हैं.
अन्य खेलों की ही तरह UFC MMA के भी अपने नियम हैं. जिनके हिसाब से फाइट होती है. अंशुल बताते हैं कि जैसे बॉक्सिंग में रिंग होता है, उसी तरह MMA में केज होता, जिसे उसके शेप (8 side) के कारण ऑक्टागन भी कहा जाता है. UFC MMA फाइट में आमतौर पर पांच-पांच मिनट के तीन राउंड होते हैं, लेकिन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पांच-पांच मिनट के पांच राउंड खेले जाते हैं.
MMA में इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लव्स का वजन और साइज बॉक्सिंग ग्लव्स के मुकाबले काफी कम होता है. MMA में रेफरी के साथ-साथ तीन जज भी होते हैं, जो देखते हैं कि MMA की तकनीक को इस्तेमाल किया गया है या नहीं और किस फाइटर ने कैसे डिफेंड या अटैक किया है, और इसके आधार पर प्वाइंट दिए जाते हैं.
MMA फाइट तीन तरह से जीती जा सकती है -
1.Decision- तीन राउंड को देखकर दिए गए स्कोर के आधार पर प्वाइंट्स दिए जाते हैं. जिस फाइटर के प्वाइंट ज्यादा होते हैं वह विजेता घोषित किया जाता है.
2.Knock out- अगर सामने वाला फाइटर खुद को डिफेंड नहीं कर पाता है तो उस हालत में दूसरे फाइटर को जीता हुआ माना जाता है.
3.Submission: अगर एक फाइटर खुद से हार मान कर सरेंडर कर ले तो सामने वाले फाइटर की जीत मानी जाती है.
MMA को समझने के बाद अब दिमाग में सवाल ये आता है कि UFC क्या है? UFC यानी अल्टीमेट फाइटिंग चैम्पियनशिप. UFC, मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स प्रमोशन की सबसे बड़ी कंपनी है, जो MMA की फाइट करवाती है.
CDS की तैयारी के लिए सीखा MMA
भारत के उभरते MMA फाइटर अंशुल जुबली की बात करें तो, वह मूल रूप से उत्तराखंड के उत्तरकाशी के रहने वाले हैं. पिता बीएसफ (BSF) के रिटायर्ड अफसर हैं. बचपन में ज्यादा वजन होने की वजह से अपने आप को फिट रखने के लिए उनकी रुचि खेलों के तरफ हो गई और उन्होंने फुटबाल और वॉलीबाल जैसे खेल खेलने चालू कर दिए. ग्रेजुएशन के साथ-साथ अंशुल अपनी पिता की तरह आर्मी में शामिल होने के लिए CDS की तैयारी करने लगे.
परीक्षा की तैयारी के दौरान ही उन्होंने देहरादून में एमएमए सीखना चालू कर दिया. इसके बारे में बताते हुए अंशुल जुबली कहते हैं कि ऐसा उन्होंने इसलिए करा था जिससे उन्हें आर्मी में शामिल होने में मदद मिले. लेकिन इस दौरान उन्हें, अहसास हुआ कि उन्हें फाइटर बनना है और MMA में भारत को पहचान दिलवानी है.
अजेय अंशुल...
अंशुल ने इसके बाद 2018 में दिल्ली आकर MMA की तैयारी शुरू की और 2018 में नेशनल प्रतियोगिता जीती थी. जिससे उनका हौसला और बढ़ा और उन्होंने 2019 में MMA फाइट में प्रोफेशनल डेब्यू किया. अंशुल ने इसके बाद पांच मुकाबले खेले और पांचों जीते. हाल ही में उन्होने अबु धाबी में आयोजित हुई road to UFC प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में जीत हासिल कर कुल छठे मैच पर कब्जा किया. .
अंशुल की सेमीफाइनल में यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि अब तक के इतिहास में UFC ऑक्टागन में किसी भी भारतीय फाइटर को जीत नहीं मिली है. ऐसा करने वाले अंशुल पहले भरतीय MMA फाइटर हैं. अपने अब तक के MMA फाइटिंग करियर में अंशुल अजेय हैं. इन्होंने जो भी फाइट खेली वह सभी जीती हैं. अब अंशुल Road to UFC की लाइट वैट कैटेगरी के फाइनल में खेलेंगे, जो फरवरी 2023 में दक्षिण कोरिया में खेला जाएगा. इस फाइनल मुकाबले में अंशुल इंडोनेशिया के फाइटर को चुनौती देंगे.
MMA को लेकर अंशुल का कहना है कि जिस तरह से भारत में क्रिकेट और अन्य खेलों को लोकप्रियता मिली है, उसी तरह वह MMA को भी पहचान दिलाना चाहते हैं. MMA की अमेरिका, रूस और ब्राजिल जैसे देशों में खासी लोकप्रियता है. ऐसे में अंशुल जुबली का कहना है कि इतनी बड़ी प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर और इसे जीत कर वह MMA फाइटिंग वर्ल्ड में भारत को एक अलग पहचान दिलाना चाहते हैं.