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Sakshi Malik Wrestling Career: बस कंडक्टर की बेटी साक्षी ने ओलंपिक-कॉमनवेल्थ में ऐसे मचाया धमाल... अब रोते हुए लिया संन्यास

साक्षी मलिक एक भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं. उन्होंने रेसलिंग से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है. उन्हें सबसे बड़ी पहचान 2016 रियो ओलंपिक से मिली थी, जब उन्होंने 58 किग्रा कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था. जानिए साक्षी का रेसलिंग करियर और उनकी मेडल टेली के बारे में...

भारतीय स्टार महिला रेसलर साक्षी मलिक. (Getty) भारतीय स्टार महिला रेसलर साक्षी मलिक. (Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:11 PM IST

Sakshi Malik Wrestling Career: भारतीय स्टार महिला रेसलर साक्षी मलिक ने गुरुवार (21 दिसंबर) को अचानक संन्यास का ऐलान कर दिया. दरअसल, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) का चुनाव संपन्न होने के बाद साक्षी खुश नहीं थीं. इस चुनाव में संजय सिंह ने जीत दर्ज की थी, जो पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी रहे हैं.

जबकि साक्षी, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट समेत कई रेसलर काफी समय से बृज भूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इन सभी की मांग की थी कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को होना चाहिए.

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साक्षी के पिता दिल्ली में बस कंडक्टर थे

साक्षी मलिक एक भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं. साक्षी का जन्म 3 सितंबर 1992 को हरियाणा के रोहतक जिले के मोखरा गांव में हुआ था. उनके पिता सुखबीर दिल्ली परिवहन निगम के बस कंडक्टर थे. मां सुदेश मलिक स्थानीय स्वास्थ्य क्लिनिक में पर्यवेक्षक थीं.

भारतीय स्टार रेसलर साक्षी ने 12 साल की उम्र में छोटू राम स्टेडियम, रोहतक के एक अखाड़े और कोच ईश्वर दहिया के साथ कुश्ती की ट्रेनिंग ली थी. मगर इसी दौरान साक्षी ने रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से शारीरिक शिक्षा में मास्टर डिग्री पूरी की.

2016 ओलंपिक में साक्षी को मिली पहचान

सितंबर 2016 में उन्हें विश्वविद्यालय के कुश्ती निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. साक्षी वर्तमान में भारतीय रेलवे के दिल्ली मंडल के वाणिज्यिक विभाग, उत्तर रेलवे क्षेत्र में कार्यरत हैं. साक्षी का रेसलिंग करियर शानदार रहा है. उन्हें सबसे बड़ी पहचान 2016 रियो ओलंपिक से मिली थी, जब उन्होंने 58 किग्रा कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था. तब वो ये मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं.

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साक्षी ने 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. साथ ही 2022 में आयोजित यासर डोगू टूर्नामेंट, इस्तांबुल, तुर्की में भाग लिया. ट्यूनीशिया में आयोजित 2022 ट्यूनिस रैंकिंग सीरीज इवेंट में उन्होंने अपने इवेंट में कांस्य पदक जीता. साक्षी ने इससे पहले ग्लासगो में 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक और दोहा में 2015 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था.

साक्षी मलिक ने जीते ये बड़े मेडल

ओलंपिक 2016   -   ब्रॉन्ज मेडल

कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 -  सिल्वर मेडल
कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 -  ब्रॉन्ज मेडल
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 -  गोल्ड मेडल

एशियन चैम्पियनशिप 2015 -  ब्रॉन्ज मेडल
एशियन चैम्पियनशिप 2017 -  सिल्वर मेडल
एशियन चैम्पियनशिप 2018 -  ब्रॉन्ज मेडल
एशियन चैम्पियनशिप 2019 -  ब्रॉन्ज मेडल

कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप 2013 -  ब्रॉन्ज मेडल
कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप 2017 -  गोल्ड मेडल

रोते हुए साक्षी ने रेसलिंग से लिया संन्यास

WFI चुनाव के बाद गुरुवार को साक्षी ने रोते हुए प्रेस कॉन्प्रेंस में कहा, 'लड़ाई पूरे दिन से लड़ी. अगर प्रेसिडेंट बृजभूषण जैसी ही रहेगा. उसका पार्टनर और सहयोगी रहेगा तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं. मैं आपको कभी भी वहां नहीं दिखूंगी. मेरा सपोर्ट करने वाले सभी देशवासियों को धन्यवाद.'

साक्षी मलिक ने कहा, 'हमने जो मांग की थी वो पूरी नहीं हुई. हमारी मांग थी महिला प्रेसिडेंट की. महिला प्रेसिडेंट होगी तो शोषण नहीं होगा. लेकिन ना पहले महिला की कोई भागीदारी थी. आज आप पूरी लिस्ट उठाकर देख लीजिए महिलाओं को कोई स्थान नहीं दिया गया. बस यही कहना चाहूंगी कि ये जो लड़ाई है वो हमने तो पूरी हिम्मत करके लड़ी. ये लड़ाई जारी रहेगी, क्योंकि आने वाली जो जनरेशन है बेटे-बेटियां हैं उन्हें यह लड़ाई लड़नी पड़ेगी.'

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