
Satwiksairaj, Chirag Shetty: वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2022 में भारतीय स्टार शटलर जोड़ी चिराग शेट्टी और सात्विक साईराजरंकीरेड्डी ने इतिहास रच दिया है. इस जोड़ी ने सेमीफाइनल में जगह बनाते हुए भारत का डबल्स कैटेगरी में एक मेडल पक्का कर दिया है.
यह वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के इतिहास में मेन्स डबल्स कैटेगरी में भारत का पहला मेडल है. ओवरऑल (महिला-पुरुष) डबल्स में भारत का यह दूसरा मेडल रहेगा. इससे पहले 2011 में भारत ने महिला डबल्स कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. यह मेडल ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने दिलाया था.
चिराग-सात्विक ने जापानी जोड़ी को हराया
बता दें कि शुक्रवार को चिराग और सात्विक की जोड़ी ने अपना क्वार्टर फाइनल मुकाबला जीता है. इस मैच में जापानी जोड़ी युगा कोबायाशी और ताकुरो होकी को 24-22, 15-21, 21-14 से हराया. इस बार वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2022 जापानी की राजधानी टोक्यो में ही खेली जा रही है.
सात्विक और चिराग ने भी अपने लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया है. सेमीफाइनल में उनका सामना आरोन चिया और सोह वूई यिक की छठी वरीयता प्राप्त मलेशियाई जोड़ी से होगा.
चिराग शेट्टी और सात्विक साइराज रंकीरेड्डी की जोड़ी लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही है. इस जोड़ी ने हाल ही में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. अब इस भारतीय जोड़ी से वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में भी गोल्ड की उम्मीद है.
चैम्पियनशिप में भारत का यह 13वां मेडल
वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के इतिहास में यह भारत का 13वां मेडल रहेगा. अब तक भारतीय बैडमिंटन स्टार्स ने इस चैम्पियनशिप में 12 मेडल जीते हैं. पहला मेडल प्रकाश पादुकोण ने 1983 में दिलाया था. तब डेनमार्क में हुई चैम्पियनशिप में प्रकाश पादुकोण ने सिंगल्स कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
भारत ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में अब तक एक ही गोल्ड जीता है. यह स्वर्ण पदक भी पीवी सिंधु ने 2019 में दिलाया था. भारत का रिकॉर्ड 2011 के बाद से इस चैम्पियनशिप में शानदार रहा है. इस दौरान भारत ने लगातार मेडल जीते हैं.
... लेकिन एचएस प्रणॉय हार गए
भारत एक और पदक अपने नाम कर सकता था, लेकिन चीन के झाओ जुन पेंग ने तीन गेम तक चले एक मैच में एचएस प्रणॉय को 19-21, 21-6, 21-18 से हराकर भारतीयों का दिल तोड़ दिया.
इससे पहले एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला का विजय अभियान तीन बार के स्वर्ण पदक विजेता मोहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान की जोड़ी से पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में हारने के साथ समाप्त हो गया.