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नए अध्यक्ष संजय सिंह की मान्यता रद्द, कुश्ती संघ निलंबित, पहलवानों के 'दंगल' के बीच सरकार का धोबी पछाड़ दांव!

भारतीय कुश्ती संघ के हाल ही में चुनाव संपन्न हुए थे, जिसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी और पहलवान अनीता श्योराण को हार मिली थी. इसके बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था. अब सरकार ने नए कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है. 

बृजभूषण शरण सिंह और संजय सिंह (फाइल फोटो) बृजभूषण शरण सिंह और संजय सिंह (फाइल फोटो)
राहुल रावत/विक्रांत गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

भारतीय कुश्ती संघ के हाल ही में चुनाव संपन्न हुए थे, जिसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी और पहलवान अनीता श्योराण की हार हुई थी. इसके बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था. उन्होंने कहा था कि बृजभूषण जैसा ही कोई दूसरा अब कुश्ती संघ का अध्यक्ष बन गया है. इसके अलावा संजय सिंह के चुने जाने के बाद बजरंग पूनिया ने भी प्रधानमंत्री आवास के सामने अपना पद्मश्री रख दिया था और एक चिट्ठी भी लिखी थी. वहीं पहलवानों की मांग को देखते हुए अब सरकार ने नए कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है. 

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खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को रद्द करते हुए संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी है. खेल मंत्रालय ने अगले आदेश तक किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक लगा दी है. WFI को लेकर दिए गए निर्देश में कहा गया है कि ऐसा लगता है मानो पुराने पदाधिकारी ही सभी फैसले ले रहे हैं. 

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खेल मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा है, "WFI के नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय द्वारा लिए गए फैसले पूरी तरह से नियमों के खिलाफ हैं और WFI के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन हैं. इन फैसलों से नए अध्यक्ष की मनमानी दिखाई देती है, जो सिद्धांतों के खिलाफ है और पारदर्शिता से रहित हैं. निष्पक्ष खेल, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमों का पालन महत्वपूर्ण है. एथलीटों, हितधारकों और जनता के बीच विश्वास बनाना महत्वपूर्ण है."  

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वहीं विनेश फोगाट ने आजतक से बात करते हुए कहा, “ये अच्छी खबर है. हम चाहेंगे कि इस पद पर कोई महिला आनी चाहिए ताकि ये संदेश जाए कि महिलाएं आगे बढ़ें. अच्छा आदमी आना चाहिए.”

वहीं खेल मंत्रालय के एक्शन पर बजरंग पूनिया ने आजतक से बातचीत में कहा कि मुझे अभी तक इसके बारे में जानकारी नहीं है. अगर ये फैसला लिया गया है तो बिलकुल ठीक लिया गया है. जो हमारी बहन बेटियों के साथ हो रहा है. ऐसे लोगों का सभी फेडरेशन से सफाया होना चाहिए.  

बता दें कि धोबी पछाड़ कुश्ती का एक पेंच जिसमें एक पहलवान अपने प्रतिद्वंदी को कमर पर लादकर चित गिरा देता है और उसे पूरी तरह से पस्त कर देता है. खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ से जुड़े तमाम विवाद को शांत करने के लिए ऐसा ही कुछ दांव चला है.

हाल ही में कुश्ती संघ ने जूनियर नेशनल चैंपियनशिप की घोषणा की थी, जिसमें ये टूर्नामेंट 28 दिसंबर से यूपी के गोंडा में शुरू होना था. इसको लेकर रेसलिंग छोड़ चुकीं साक्षी मलिक ने सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा, 'मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं, वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नयी कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फैसला लिया है." 

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साक्षी मलिक ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "गोंडा बृजभूषण का इलाका है. अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जाएंगी. क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है? समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं."

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