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Thomas Cup 2022 India: 14 बार के चैम्पियन को मात, बैडमिंटन में परचम, क्यों खास है भारत की ये जीत?

टीम इंडिया की जीत इसलिए भी खास है क्योंकि मलेशिया, इंडोनेशिया, डेनमार्क जैसी टीमों में टॉप रैंकिंग के खिलाड़ी मौजूद थे और उन्हें मात देना कतई आसान नहींं था. भारत थॉमस कप जीतने वाला महज छठा देश है.

Team India (getty) Team India (getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2022,
  • अपडेटेड 7:35 AM IST
  • थॉमस कप में टीम इंडिया ने रचा इतिहास
  • पहली बार खिताब पर किया कब्जा

जब इंसान किसी चीज को करने की ठान लेता है, तो असंभव भी संभव बन जाता है. भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने भी ऐसा ही कर दिखाया है. रविवार को बैंकॉक में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने इंडोनेशिया को 3-0 से मात दी. फाइनल मुकाबले में 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशियाई टीम को जीत का दावेदार बताया जा रहा था, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने सारे अनुमानों को गलत साबित कर दिया.

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भारतीय टीम ने 13वें प्रयास में जाकर यह कामयाबी हासिल की है. इससे पहले भारत ने 12 मौकों पर इस टूर्नामेंट में भाग लिया था, जहां उसका बेस्ट प्रदर्शन 1979 में रहा था. तब भारतीय टीम सेमीफाइनल तक पहुंचे में कामयाब रही थी. इसके अलावा 1952 और 1955 के इवेंट में भी भारत ने अंतिम राउंड तक का सफर तय किया था.

एथेंस में सिर्फ एक खिलाड़ी ने लिया भाग

इस ऐतिहासिक जीत पर पूर्व हॉकी प्लेयर वीरेन रस्कीन्हा कहते हैं, 'जब मैंने एथेंस 2004 में ओलंपिक खेला था, तब पुरुषों के बैडमिंटन ड्रॉ में केवल एक भारतीय खिलाड़ी था जो बहुत जल्दी हार गया था. आज हम 2022 में थॉमस कप चैम्पियन हैं. भारतीय बैडमिंटन में कितनी गहराई है. क्या परिवर्तन है. गजब जीत की मानसिकता.'

भारतीय फुटबॉल के दिग्गज सुनील छेत्री जीत से उत्साहित थे और उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'भारतीय खेल के लिए क्या क्षण है. हम पहली बार थॉमस कप चैंपियन हैं और हमने इसे हासिल करने के लिए बेस्ट टीम को हराया. खिलाड़ियों और स्टाफ को बधाई. कुछ चीजों में समय लगता है, लेकिन किसी को यह न कहने दें कि आप यह चीज नहीं कर सकते.'

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भारत की जीत यादगार है क्योंकि 2014, 2016, 2018 के इवेंट में भारत नॉकआउट तक भी नहीं पहुंच सकी थी. वहीं 2020 में वह क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गई थी. इस बार भी भारत को ग्रुप स्टेज में चीनी ताइपे ने हरा दिया था, जिसके बाद विश्लेषकों का मानना था कि भारत क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाएगा. लेकिन टीम इंडिया ने मलेशिया, डेनमार्क और इंडोनेशिया को मात देकर स्वर्णिम कामयाबी हासिल कर ली.

क्यों खास है यह जीत?

यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि मलेशिया, इंडोनेशिया, डेनमार्क जैसी टीमों में टॉप रैंकिंग के खिलाड़ी मौजूद थे. लेकिन सात्विक-चिराग , लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत. एचएस प्रणय के आगे इनकी एक नही चली. फाइनल में  सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने केविन संजाया और मोहम्मद अहसान को धूल चटाई, जिनके नाम पर कई बड़े खिताब दर्ज हैं. वहीं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत ने भी अपने से ऊंची रैंकिंग के खिलाड़ियों को धूल चटाई.

एशियाई टीमों का रहा है दबदबा

भारत थॉमस कप जीतने वाला महज छठा देश है. इंडोनेशिया सबसे सफल टीम है, जिसने 14 बार जीत हासिल की है. वहीं 1982 से इस टूर्नामेंट में भाग ले रही चीनी टीम ने 10 और मलेशिया ने 5 खिताब जीते हैं. भारत, जापान और डेनमार्क तीनों के पास एक-एक खिताब है. परंपरागत रूप से थॉमस कप में एशियाई टीमों का दबदबा रहता है. डेनमार्क यह खिताब जीतने वाली पहली गैर एशियाई टीम थी, जिसने 2016 के फाइनल में इंडोनेशिया को 3-2 से हराया था.

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