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भारत के घर-घर में बैडमिंटन का रैकेट ज़रूर देखने को मिलता है, लेकिन इसी फील्ड में एक काम करने में दशकों लग गए. अब टीम इंडिया ने इंटरनेशनल लेवल पर कुछ ऐसा कमाल किया है जो कभी नहीं हुआ. भारतीय टीम बहुचर्चित थॉमस कप के फाइनल में है और इतिहास रचने के करीब है. भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच चुकी है.
शुक्रवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने डेनमार्क को 3-2 से मात दी. फाइनल मुकाबले में भारत का सामना 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशिया से होना है. भारत ने पहली बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई है.
थॉमस कप प्रतियोगिता को आयोजित करने का विचार सर जॉर्ज एलन थॉमस का था, जो 1900 के दशक की शुरुआत में एक बेहद सफल अंग्रेज बैडमिंटन खिलाड़ी थे. जॉर्ज थॉमस फुटबॉल विश्व कप एवं डेविस कप की तर्ज पर इस पुरुष टूर्नामेंट का आयोजन करना चाहते थे. जॉर्ज एलन थॉमस की मेहनत रंग लाई और पहली बार 1948-49 में इंग्लिश जमीं पर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
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दो साल पर होता है टूर्नामेंट का आयोजन
थॉमस कप को पहले तीन साल पर आयोजित किया जाता था, लेकिन 1982 में हुए फॉर्मेट में बदलाव के बाद यह दो साल पर आयोजित किया जाने लगा है. थॉमस कप को पुरुषों का विश्व टीम चैम्पियनशिप भी कहा जाता है. बैडमिंटन की शासी निकाय 'बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) के सदस्य देश इसमें भाग लेते हैं.
इंडोनेशिया ने जीते हैं सबसे ज्यादा खिताब
अबतक 31 बार आयोजित हुए थॉमस कप टूर्नामेंट में केवल पांच देश विजेता बन सके है. इंडोनेशिया सबसे सफल टीम है, जिसने 14 बार जीत हासिल की है. 1982 से इस टूर्नामेंट में भाग ले रही चीनी टीम ने 10 और मलेशिया ने 5 खिताब जीते हैं. जापान और डेनमार्क दोनों के पास एक-एक खिताब है. परंपरागत रूप से थॉमस कप हमेशा एशियाई देशों द्वारा जीता गया था. डेनमार्क यह खिताब जीतने वाली पहली गैर एशियाई टीम थी, जिसने 2016 के फाइनल में इंडोनेशिया को 3-2 से हराया था.
13वीं बार भाग ले रही है भारतीय टीम
भारतीय टीम मौजूदा सीजन को मिलाकर कुल 13वीं बार इस टूर्नामेंट में भाग ले चुकी है, लेकिन उसे पहली खिताब की तलाश है. भारतीय टीम 1979 के बाद से कभी भी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी थी. लेकिन इस बार उसने 2016 के चैम्पियन डेनमार्क को हराकर फाइनल में जगह बना ली है.
थॉमस कप में भारत का प्रदर्शन:
1952 फाइनल राउंड इंटर-जोन (तीसरा)
1955 फाइनल राउंड इंटर-जोन (तीसरा)
1973 पहला राउंड इंटर-जोन (पांचवां)
1979 सेमीफाइनल
1988 ग्रुप स्टेज - 8वां
2000 ग्रुप स्टेज - 7वां
2006 क्वार्टर फाइनल
2010 क्वार्टर फाइनल
2014 ग्रुप स्टेज - 11वां
2016 ग्रुप स्टेज - 13वां
2018 ग्रुप स्टेज - 10वां
2020 क्वार्टर फाइनल
2022 फाइनल*
इंडोनेशिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में लक्ष्य सेन का सामनाएंथनी सिनिसुका गिंटिंग से होगा. वहीं किदांबी श्रीकांत का सामना दुनिया के 8वें नंबर के खिलाड़ी जोनाथन क्रिस्टी से होने की उम्मीद है. क्रिस्टी के खिलाफ भारतीय खिलाड़ी का 4-5 का रिकॉर्ड है. अगर मैच आखिरी टाई तक जाता है तो एचएस प्रणय का सामना शेसर हिरेन रुस्तवितो से हो सकता है.