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Thomas Cup Badminton: 'किस्मत नहीं, मेहनत के दम पर खिताब जीता', थॉमस कप जीत पर प्रकाश पादुकोण

थॉमस कप 2022 में भारत ने मलेशिया और डेनमार्क जैसी टीम को हराकर पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी. इसके बाद खिताबी मुकाबले में 14 बार की रिकॉर्ड चैम्पियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराया...

Team India Badminton (@BWF) Team India Badminton (@BWF)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST
  • भारत ने पहली बार जीता थॉमस कप बैडमिंटन खिताब
  • फाइनल में 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशिया को हराया

भारतीय बैडमिंटन टीम ने पहली बार थॉमस कप खिताब जीतकर इतिहास रच दिया. रविवार को फाइनल में 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशिया को 3-0 से करारी शिकस्त दी. इस ऐतिहासिक जीत के हीरो लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी रही. 

इस जीत पर पूर्व भारतीय बैडमिंटन दिग्गज प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद ने इंडिया टुडे से बात की. ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय दिग्गज प्रकाश पादुकोण ने कहा कि यह जीत किस्मत के दम पर नहीं मिली, बल्कि भारतीय टीम ने अपनी मेहनत के दम पर खिताब जीता है.

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बतौर टीम यह खिताब जीतेंगे, सोचा नहीं था: प्रकाश

प्रकाश पादुकोन ने कहा, 'इसमें किस्मत का कोई रोल नहीं है, हमने मेहनत से यह खिताब जीता है. यह हमारे लिए ऐतिहासिक दिन रहा. हमने सिर्फ इंडोनेशिया को ही नहीं, बल्कि मलेशिया जैसी कई बड़ी टीमों को भी मात दी है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि बतौर टीम हम यह खिताब कभी जीत पाएंगे.' दरअसल, थाईलैंड में खेले गए थॉमस कप 2022 में भारतीय टीम ने मलेशिया और डेनमार्क जैसी टीम को हराकर पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी, इसके बाद खिताबी मुकाबले में 14 बार की रिकॉर्ड चैम्पियन इंडोनेशिया को शिकस्त देकर इतिहास रचा.

खेल में देशभर का सपोर्ट जरूरी: गोपीचंद

ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाले दूसरे भारतीय दिग्गज गोपीचंद ने कहा, 'यह भारत के लिए ऐतिहासिक रहा है. डबल्स में हमें कभी ऐसा सपोर्ट नहीं मिला, इस बार साल्विक चिराग काफी शानदार रहे. यह पहली बार नहीं होगा, मुझे उम्मीद है कि आगे भी ऐसा होता रहेगा.' उन्होंने कहा, 'खेल में जरूरी है कि देशभर का सपोर्ट मिले. हमारे देश में ऐसा होता है. 2010 कॉमनवेल्थ और महिलाओं में 2012 ओलंपिक काफी महत्वपूर्ण रहे. उसका असर आज आप देख लीजिए.'

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हमारे देश में काफी टैलेंट है: प्रकाश

66 साल के प्रकाश पादुकोण ने कहा, '90 के दशक में यह खेल उतना लोकप्रिय नहीं था.1998 में गोपी जब कप्तान थे, तभी से काफी बदलाव देखने को मिला है. 1998 कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीता. इसके बाद टीम ने मुड़कर नहीं देखा. अब टीम को काफी सही समय पर पूरा सपोर्ट मिला है. आर्थिक मदद काफी सपोर्टिव होती है. 2012 में सिंधु ने ब्रॉन्ज जीता. मुझे लगता है कि एकेडमी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. कुछ एकेडमी सरकार की मदद से चल रही हैं और टैलेंट को सपोर्ट कर रही हैं. इसमें आर्थिक मदद भी दी जाती है. हमारे देश में काफी टैलेंट है. अब उम्मीद है कि और भी बुलंदियों पर पहुंचेगा.'

'क्रिकेट को सपोर्ट मिला, बैडमिंटन को भी मिले'

प्रकाश ने कहा, 'आज हमारे देश में क्रिकेट को धर्म माना जाता है. क्रिकेट में काफी विकल्प हैं. दुनियाभर में भारतीय टीम काफी मजबूत है. भारत में क्रिकेट को बढ़ावा मिलने पर आलोचना होती है, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता हूं. यह एक बड़ी उपलब्धि है. सुनील गावस्कर के समय से अब तक भारत में क्रिकेट मजबूत हुआ है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार की मदद और मार्केट सपोर्ट से बीसीसीआई ने मजबूत काम किया है. बीसीसीआई मजबूत हुआ है. ऐसा ही इस खेल में भी होना चाहिए. सरकार और मार्केट का सपोर्ट मिले.'

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