Advertisement

'मैं पराई महिलाओं को...', भारत की चेस खिलाड़ी से उज्बेक प्लेयर ने नहीं मिलाया हाथ, मांगी माफी

उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक याकुबोएव ने भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. शतरंज खिलाड़ी मुकाबले से पहले हाथ मिलाते हैं या नमस्ते करते हैं, 2019 में ग्रैंडमास्टर बनने वाले याकुबोएव ये बाजी हार गए.

भारत की चेस प्लेयर आर. वैशाली (फोटो- X) भारत की चेस प्लेयर आर. वैशाली (फोटो- X)
aajtak.in
  • विज्क ऑन जी (नीदरलैंड्स),
  • 27 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST

नीदरलैंड्स के विज्क ऑन जी में खेले जा रहे टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में नया विवाद खड़ा हो गया. इस विवाद के केंद्र में उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक याकुबोएव हैं. याकुबोएव ने चौथे दौरे के मुकाबले से पहले भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. शतरंज खिलाड़ी मुकाबले से पहले हाथ मिलाते हैं या कम से कम हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं, लेकिन उज्बेक खिलाड़ी ने ऐसा नहीं किया.

Advertisement

याकुबोएव ने दी सफाई

जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो नोदिरबेक याकुबोएव ने सफाई दी. साथ ही उन्होंने वैशाली से माफी भी मांगी. उज्बेक खिलाड़ी ने कहा कि वो धार्मिक कारणों से पराई महिलाओं को नहीं छूते हैं. उज्बेक खिलाड़ी ने साल 2023 में दिव्या देशमुख से मुकाबले के दौरान भी कुछ ऐसा ही किया था.

नोदिरबेक याकुबोएव ने X पर लिखा, 'प्रिय शतरंज मित्रों, मैं वैशाली के साथ खेल में हुई स्थिति के बारे में बताना चाहता हूं. महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के प्रति पूरा सम्मान है. मैं सभी को सूचित करना चाहता हूं कि मैं पराई महिलाओं को धार्मिक कारणों से नहीं छूता हूं.

उन्होंने आगे कहा, 'मैं वैशाली और उनके भाई का भारत के सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों के तौर पर सम्मान करता हूं. अगर मेरे व्यवहार से उन्हें ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं. मेरे पास कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण हैं: 1. शतरंज हराम नहीं है.'

Advertisement

"2.मैंने पहले जो किया (2023 में दिव्या के साथ खेल और उसी तरह के अन्य मामले),  मैं इसे अपने लिए गलत मानता हूं."

"3. मैं वही करता हूँ जो मुझे करना चाहिए. मैं दूसरों से ये आग्रह नहीं करता कि वो विपरीत जेंडर से हाथ न मिलाए. मैं महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने के लिए आग्रह नहीं करता. यह उनका काम है कि वे क्या करते हैं."

नोदिरबेक याकुबोएव ने आगे लिखा, 'आज मैंने इरिना बुलमागा (रोमानिया की चेस प्लेयर) को इसके बारे में बताया. वह इसके लिए सहमत हो गईं. लेकिन जब मैं खेल हॉल में आया, तो निर्णायकों ने मुझसे कहा कि मुझे कम से कम नमस्ते तो करना चाहिए. दिव्या और वैशाली के साथ मुकाबले से पहले उन्हें इसके बारे में नहीं बता सका और एक अजीब स्थिति बन गई."

यह भी पढ़ें: ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद की कहानी... बहन को देखकर सीखा Chess

वैशाली ने हासिल की जीत

साल 2019 में ग्रैंडमास्टर बनने वाले 23 वर्षीय नोदिरबेक याकुबोएव बाजी हार गए और चैलेंजर्स वर्ग में आठ दौर के बाद उनके तीन अंक हैं. वैशाली ने उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी को हराने के बाद अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया। आठ दौर के बाद भारतीय खिलाड़ी के चार अंक हैं. प्रतियोगिता में पांच और दौर खेले जाने बाकी हैं.

Advertisement

बता दें कि आर. वैशाली भारतीय चेस खिलाड़ी रमेशबाबू प्रज्ञानानंद की बहन हैं. प्रज्ञानानंद अपने बहन से लगभग 3 साल छोटी हैं. आर प्रज्ञानानंद ने वैशाली से प्रभावित होकर शतरंज को महज तीन साल की उम्र में अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था. खास बात यह है कि बड़ी बहन वैशाली को इसलिए यह खेल सिखाया गया, जिससे कि वह टीवी पर टीवी पर कार्टून देखने में कम समय बिताएं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement