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'भगवान परोस कर भी छीन लेता है', बहन विनेश की हार पर भावुक हुईं बबीता फोगाट

बबीता फोगाट ने कहा कि विनेश के डिसक्वालिफाई होने की घटना पर भरोसा नहीं हो पा रहा है. विनेश ने पहले (मंगलवार को) जो मैच खेला, वह 50 किलोग्राम भारवर्ग में ही लड़ी थी. उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक को अपने नियम में बदलाव करना चाहिए. विनेश फाइनल में पहुंच गई थी तो उसे कम से कम सिल्वर मेडल तो मिलना चाहिए.

बबिता फोगाट ने कहा कि विनेश को कम से कम सिल्वर मेडल मिलना चाहिए बबिता फोगाट ने कहा कि विनेश को कम से कम सिल्वर मेडल मिलना चाहिए
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

ओलंपिक संघ ने विनेश फोगाट को 50 किलो वर्ग में महिला कुश्ती का फाइनल मुकाबला खेलने के अयोग्य ठहरा दिया है. विनेश के डिसक्वालिफाई होने पर भारतीय रेसलर और विनेश की बहन बबिता फोगाट ने कहा कि ये सब देखकर बहुत दुख हो रहा है. पूरा देश गोल्ड के इंतजार में बैठा था. देश के लिए एक मेडल तो पक्का था. एक कहावत सुनी थी कि भगवान देकर भी छीन लेता है, ये आज आंखों से देख भी लिया. हमें भरोसा नहीं हो पा रहा है कि विनेश को अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
 
बबीता ने कहा कि नियम कहते हैं कि जब आप रिंग में जाते हैं तो एक ग्राम अधिक वजह की भी छूट नहीं होती है. क्योंकि मैं खुद एक बार डिसक्लाविफाई हो चुकी हूं. नियम सभी के लिए बराबर थे. मैं मानती हूं कि विनेश ने भी पूरी कोशिश की थी. स्टाफ से भी हमारी बात हुई थी, बजरंग ने भी कहा कि विनेश पूरी रात वजन घटाने में लगी रही. पूरा सपोर्टिंग स्टाफ भी इसमें लगा रहा. अगर विनेश के पास थोड़ा और समय होता तो वह वजन घटा लेती.

'विनेश और देश का Bad Luck था'

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विनेश की बहन ने कहा कि मुझे पता चला है कि उनका वजह रात में ढाई किलो ज्यादा था, और सुबह तक 100 ग्राम वजन ही ज्यादा रह गया था. लेकिन हमें निश्चित टाइम पीरियड में ही वजन कंट्रोल करना था. अगर समय ज्यादा हो जाता है तो फिर वो एथलीट डिसक्वालिफाई हो जाता है. इसे लापरवाही तो नहीं कह सकते, लेकिन हर किसी ने अपना प्रयास किया है. विनेश ने वजन घटाने की बहुत कोशिश की थी. लेकिन विनेश की हेल्थ का भी ध्यान रखना था, और वेट भी लूज करना था. लेकिन कह सकते हैं कि विनेश का बैड लक था और पूरे देशवासियों के लिए भी बैड लक था. 

'विनेश के डिसक्वालिफाई होने की घटना पर भरोसा नहीं हो रहा'


बबिता ने कहा कि विनेश के डिसक्वालिफाई होने की घटना पर भरोसा नहीं हो पा रहा है. विनेश ने मंगलवार को जो मैच खेले थे, उनसे पहले भी वजन तौला गया था, जिसमें विनेश का वजन 50 किलोग्राम आया था. उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक को अपने नियम में बदलाव करना चाहिए. इसे लेकर इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने यूनियन वर्ल्ड रेसलिंग और ओलंपिक कमेटी को पत्र लिखा है. उनसे बातचीत जारी है, मेरी मांग है कि वह फाइनल में पहुंच गई थी, तो उसे कम से कम सिल्वर मेडल तो मिलना चाहिए. 

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बबीता ने की विनेश को सिल्वर देने की मांग

रेसलर बबिता ने कहा कि अगर कल ही विनेश का वजन 50 किलोग्राम नहीं आया होता तो हम मान लेते कि वह डिसक्वालिफाई हो जाती और फाइनल में पार्टिसिपेट नहीं कर पाती. लेकिन फाइनल में पहुंचने से पहले उसका वजन ठीक था, विनेश ने तीन मैच खेले थे, अगर वह फाइनल में फाइट नहीं लड़ सकती तो उन्हें सिल्वर तो देना चाहिए. वर्ल्ड के रेसलर भी कह रहे हैं कि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी को अपने नियमों में बदलाव करने चाहिए. 

बबीता ने बताया- क्यों बढ़ा विनेश का वजन

वजन को लेकर बबीता ने कहा कि किसी भी मैच से पहले वजन तौला जाता है, जब एथलीट बाउट में जाते हैं, तो कुछ खाकर जाते हैं. जब वेट लूज करके कुछ खाते हैं तो एकदम से वजन बढ़त ही है. वजन घटने के बाद हम अगर 100 ग्राम भी खाएंगे, तो वह बॉडी के अंदर रिएक्ट करेगा. दरअसल, विनेश ने अपना वजन कम किया था, ऐसे में जब उन्होंने कुछ खाया तो उनकी बॉडी ने रिएक्ट किया और ढाई किलो तक वजन बढ़ गया. 

जिन्हें रेसलिंग नहीं पता वो आज ज्ञान दे रहे 

वहीं, भारतीय रेसलर बजरंग पूनिया ने कहा कि आज ऐसे लोग बोल रहे हैं जिन्हें ये नहीं पता रेसलिंग क्या होती है, वेट कम कैसे कम किया जाता है, खिलाड़ी के जीवन में एक-एक ग्राम की क्या अहमियत होती है. भले ही विनेश मेडल लेकर न आए, वह चैंपियन है. उन्होंने फाइनल में जाकर इतिहास बनाया है. वजन वाला मामला पहली बार नहीं हुआ है, जिसे इस बारे में पता नहीं है, ऐसे लोग ज्ञान बांट रहे हैं. बजरंग ने कहा कि विनेश ने अपनी कैटेगरी ठीक करने के लिए हर संभव प्रयास किए. हमारे देश के बहुत से नेता कह रहे थे कि बिना मेडल के लौट रही हैं, तो मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आपको रेसलिंग के बारे में नहीं पता तो किसी से पूछ लीजिए. 

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खुद को देशभक्त बताने वाले लोग आज जश्न मना रहे

बजरंग पूनिया ने कहा कि विनेश का वजन 6 अगस्त की सुबह मुकाबले से पहले 49.9 किलोग्राम था. जब खिलाड़ी फाइट करता है तो उसे ज्यादा एनर्जी चाहिए. हर खिलाड़ी का एक-दो किलो वजन खाने से बढ़ता है. उन्होंने कहा कि मुकाबले के बीच कोई वजन नहीं जांचता. मैच के बाद ही विनेश ने वजन तौला. इसके बाद उन्होंने बहुत ज्यादा ट्रेनिंग की. जब खिलाड़ी वजन घटाता है तो एक-एक घूंट के लिए तरस जाते हैं. उन्होंने कहा कि हम ये कह रहे हैं कि विनेश को सिल्वर क्यों नहीं मिल रहा. इस पर कोई बात नहीं कर रहा. बीजेपी के जो ट्रोलर्स हमें जंतर-मंतर के प्रदर्शन के दौरान ट्रोल कर रहे थे, वे आज दोबारा से जश्न मना रहे हैं और खुद को ऐसे लोग देशभक्त बताते हैं. 

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