
Manu Bhaker Paris Olympics 2024 medal Hat Trick: पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर 'धाकड़' एथलीट बनकर उभरी हैं. उन्होंने एक के बाद एक दो मेडल जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा लिया है. अब मनु के पास एक और इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने के करीब हैं.
मनु भाकर ने आज (2 अगस्त को) वूमेन्स 25 मीटर पिस्टल के फाइनल में जगह बनाई. मनु कुल 590 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. ईशा सिंह ने निराश किया, वह 18वें पोजीशन पर रहीं. फाइनल मुकाबला कल (3 अगस्त) भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे से होगा.
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत के लिए अभूतपूर्व तीसरे पदक की ओर कदम बढ़ाते हुए शुक्रवार को निशानेबाजी की 25 मीटर महिला पिस्टल स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालिफाई किया लेकिन ईशा सिंह प्रतियोगिता से बाहर हो गईं.
मनु ने प्रिसिजन में 294 और रेपिड में 296 अंक के साथ कुल 590 अंक जुटाकर क्वालिफिकेशन में दूसरा स्थान हासिल करते हुए फाइनल में प्रवेश किया.
मनु ने प्रिसिजन दौर में 10-10 निशानों की तीन सीरीज में क्रमश: 97, 98 और 99 अंक जुटाए. रेपिड दौर में उन्होंने तीन सीरीज में 100, 98 और 98 अंक हासिल किए.
हंगरी की मेजर वेरोनिका ने 592 अंक के साथ ओलंपिक के क्वालिफिकेशन रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए क्वालिफिकेशन में शीर्ष स्थान हासिल किया.
ईशा प्रिसिजन में 291 और रेपिड में 290 अंक के साथ कुल 581 अंक जुटाकर 18वें स्थान पर रहीं और आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह नहीं बना सकीं. उन्होंने प्रिसिजन की पहली दो सीरीज में 95 और 96 अंक जुटाने के बाद 100 अंक के साथ जोरदार वापसी की, लेकिन रेपिड दौर में 97, 96 और 97 अंक ही जुटा सकीं.
इस स्पर्धा का फाइनल शनिवार तीन अगस्त को खेला जाएगा.क्वालिफिकेशन के प्रिसिजन दौर के बाद मनु और ईशा क्रमश: तीसरे और 10वें स्थान पर थे.
प्रिसिजन दौर में शीर्ष दो स्थान पर रहीं वेरोनिका और फ्रांस की कैमिली जेद्रेजेवस्की ने भी मनु के समान 294 अंक जुटाए, लेकिन दोनों ने ‘एक्स’ (लक्ष्य का केंद्र) पर अधिक निशाने लगाकर पहले दो स्थान पर कब्जा जमाया. मनु ने ‘एक्स’ पर सात निशाने साधे, जबकि वेरोनिका और कैमिली ने क्रमश: 15 और 13 बार ऐसा किया।
मनु भाकर ने व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने के बाद सरबजोत सिंह के साथ मिलकर मिश्रित टीम वर्ग में भी कांस्य पदक जीता. वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं.
मनु बना चुकी हैं ये रिकॉर्ड
मनु भाकर आजादी के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय पहली ही बन चुकी हैं. उन्होंने 30 जुलाई को सरबजोत सिंह के साथ पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में दक्षिण कोरिया को हराकर इतिहास रचा था . ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे, लेकिन वह उपलब्धि आजादी से पहले की थी.
भारतीय जोड़ी ने कोरिया के ली वोन्हो और ओ ये जिन को 16-10 से हराकर देश को इस ओलंपिक में देश को दूसरा पदक दिलाया. इससे पहले मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था.
हैट्रिक जड़ने की कोशिश करुंगी: मनु
दूसरा ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद मनु भाकर इवेंट में अपने पार्टनर सरबजोत सिंह के साथ काफी खुश दिखीं थी. जब उनसे पूछा गया कि वह अब मेडल की हैट्रिक भी जड़ सकती हैं , इस पर उन्होंने कहा कि वह मेडल जीतने के लिए पूरी जान लगा देंगी और हैट्रिक जड़ने की कोशिश करूंगी.
शूटिंंग में आए हैं 3 मेडल
देखा जाए तो पहली बार किसी भारतीय शूटर ने ओलंपिक की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में पदक जीता है. भारत का मौजूदा ओलंपिक खेलों में ये तीसरा मेडल रहा. इससे पहले भारत के पिछले दो मेडल भी शूटिंग में आए थे. यानी पहली बार शूटिंग में भारत ने किसी ओलंपिक सीजन में तीन मेडल हासिल किए.
भारत के ओलंपिक मेडलिस्ट की पूरी लिस्ट, जानें कौन, कब बना विजेता
एथलीट/खेल | मेडल | इवेंट | ओलंपिक सीजन |
नॉर्मन प्रिचर्ड* | सिल्वर | पुरुषों की 200 मीटर रेस | पेरिस 1900 |
नॉर्मन प्रिचर्ड** | सिल्वर | पुरुषों का 200 मीटर बाधा दौड़ (हर्डल रेस) | पेरिस 1900 |
भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | एम्स्टर्डम 1928 |
भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | लॉस एंजिल्स 1932 |
भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | बर्लिन 1936 |
भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | लंदन 1948 |
भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | हेल्सिंकी 1952 |
भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | मेलबर्न 1956 |
केडी जाधव | ब्रॉन्ज | पुरुषों की बेंटमवेट कुश्ती | हेल्सिंकी 1952 |
भारतीय हॉकी टीम | सिल्वर | पुरुष हॉकी | रोम 1960 |
भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | टोक्यो 1964 |
भारतीय हॉकी टीम | ब्रॉन्ज | पुरुष हॉकी | मेक्सिको सिटी 1968 |
भारतीय हॉकी टीम | ब्रॉन्ज | पुरुष हॉकी | म्यूनिख 1972 |
भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | मास्को 1980 |
लिएंडर पेस | ब्रॉन्ज | पुरुष एकल टेनिस | अटलांटा 1996 |
कर्णम मल्लेश्वरी | ब्रॉन्ज | भारोत्तोलन (महिलाओं का 54 किग्रा | सिडनी 2000 |
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ | सिल्वर | पुरुषों की डबल ट्रैप शूटिंग | एथेंस 2004 |
अभिनव बिंद्रा | गोल्ड | पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग | बीजिंग 2008 |
विजेंदर सिंह | ब्रॉन्ज | पुरुषों की मिडिलवेट बॉक्सिंग (मुक्केबाजी) | बीजिंग 2008 |
सुशील कुमार | ब्रॉन्ज | पुरुषों की 66 किग्रा कुश्ती | बीजिंग 2008 |
सुशील कुमार | सिल्वर | पुरुषों की 66 किग्रा कुश्ती | लंदन 2012 |
विजय कुमार | सिल्वर | पुरुषों की 25 मीटर रैपिड पिस्टल शूटिंग | लंदन 2012 |
साइना नेहवाल | ब्रॉन्ज | महिला एकल बैडमिंटन | लंदन 2012 |
मैरी कॉम | ब्रॉन्ज | महिला फ्लाइवेट मुक्केबाजी | लंदन 2012 |
योगेश्वर दत्त | ब्रॉन्ज | पुरुष 60 किग्रा कुश्ती | लंदन 2012 |
गगन नारंग | ब्रॉन्ज | 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग | लंदन 2012 |
पीवी सिंधु | सिल्वर | महिला एकल बैडमिंटन | रियो 2016 |
साक्षी मलिक | ब्रॉन्ज | महिला 58 किग्रा कुश्ती | रियो 2016 |
मीराबाई चानू | सिल्वर | महिला 49 किग्रा भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) | टोक्यो 2020 |
लवलीना बोरगोहेन | ब्रॉन्ज | महिला वेल्टरवेट बॉक्सिंंग (64-69 किग्रा) | टोक्यो 2020 |
पीवी सिंधु | ब्रॉन्ज | महिला एकल बैडमिंटन | टोक्यो 2020 |
रवि कुमार दहिया | सिल्वर | पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा कुश्ती | टोक्यो 2020 |
भारतीय हॉकी टीम | ब्रॉन्ज | पुरुष हॉकी | टोक्यो 2020 |
बजरंग पुनिया | ब्रॉन्ज | पुरुष 65 किग्रा कुश्ती | टोक्यो 2020 |
नीरज चोपड़ा | गोल्ड | पुरुषों का भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) | टोक्यो 2020 |
मनु भाकर | ब्रॉन्ज | वूमेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल | पेरिस 2024 |
मनु भाकर-सरबजोत सिंह | ब्रॉन्ज | 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम | पेरिस 2024 |
स्वप्निल कुसाले | ब्रॉन्ज | 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन | पेरिस 2024 |
*** नोट: नॉर्मन प्रिचर्ड ने ब्रिटिश झंडे के तहत भारत की ओर से भाग लिया था, वह एक ब्रिटिश मूल के खिलाड़ी थे.