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Vinesh Phogat Medal Case Update: भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को मेडल मिलेगा या नहीं, अब इस पर CAS (Court of Arbitration for Sport) ने एक और अपडेट दिया है. इसमें बताया गया है कि CAS की एडहॉक डिवीजन ने विनेश फोगाट के मामले में एप्लीकेशन को रजिस्टर कर लिया है. विनेश ने ओलंपिक में खुद के अयोग्य (डिसक्वालिफाई) होने के बाद भावुक पोस्ट में रिटायरमेंट का फैसला किया था.
वहीं विनेश को मेडल मिलेगा या नहीं मामले की मध्यस्थता एक ऑस्ट्रेलियाई जज कर रही हैं. वहीं ओलंपिक खत्म होने से पहले इस पर फैसला आ सकता है. पेरिस ओलंपिक का समापन 11 अगस्त को हो रहा है.
CAS की ओर से आज (9 अगस्त) को विनेश फोगाट के मामले में एक प्रेस रिलीज जारी की गई और इस मामले से जुड़ा बड़ा अपडेट दिया गया. विनेश के केस को CAS OG 24/17 विनेश फोगट vs यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के तौर पर दर्ज किया गया है.
CAS ने बताया कि इस मामले में विनेश फोगाट की ओर से 7 अगस्त 2024 को भारतीय समयानुसार 8 बजकर 15 मिनट पर एप्लीकेशन दी गई थी. इसमें विनेश ने निवेदन किया था कि उनको फाइनल में क्वालिफाई करने की अनुमति दी आए और वह गोल्ड मेडल मुकाबले के लिए योग्य मानी जाएं.
CAS ने कहा कि विनेश के मामले में एड हॉक डिवीजन प्रक्रिया तेज है, लेकिन एक घंटे के भीतर योग्यता पर निर्णय जारी करना संभव नहीं हैं. लेकिन अब इस मामले को अब एक पूर्व जज डॉ एनाबेल बेनेट एसी एसी ( Dr Annabelle Bennett AC SC) के पास भेजा गया है. एनाबेल बेनेट एसी एससी. फेडरल कोर्ट ऑफ ऑस्ट्रेलिया में एडिशनल जज हैं. जो इस मामले की मध्यस्थता कर रही हैं.
इसी बीच सचिन तेंदुलकर ने एक पोस्ट में विनेश फोगाट का खुलकर समर्थन किया और कहा कि विनेश सिल्वर मेडल डिजर्व करती हैं, जो उनको मिलना चाहिए. सचिन ने अपने पोस्ट में समय के हिसाब से नियम बदलने चाहिए.
CAS क्या करता है
कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट Court of Arbitration for Sport (CAS) दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक स्वतंत्र संस्था है. इसका काम खेल से जुड़े सभी कानूनी विवादों का निपटारा करना है. 1984 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय निकाय काम खेल से संबंधित विवादों को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाते का काम करता है. इसका मुख्यालय लॉज़ेन , स्विटजरलैंड में है और इसकी अदालतें न्यूयॉर्क शहर, सिडनी और लॉज़न में स्थित हैं. अस्थायी अदालतें वर्तमान ओलंपिक मेजबान शहरों में भी स्थापित की जाती हैं.
महज 100 ग्राम वजन था ज्यादा
ओलंपिक में भारत की उम्मीदों को तब झटका लगा जब विनेश फोगाट को डिसक्वालिफाई (अयोग्य) घोषित किया गया था. 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल रेसलिंग कैटगरी में उनका वजन करीब 100 ग्राम अधिक पाया गया था. विनेश के पास गोल्ड मेडल जीतने का मौका था, लेकिन वजन अधिक होने के कारण फाइनल मुकाबले से कुछ घंटे पहले ही उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया. ऐसे में नियम के कारण वह सेमीफाइनल जीतने के बाद भी मेडल से चूक गईं.