
Vinesh Phogat Biography, Records, Medals and Age: रेसलर विनेश फोगाट ने कुश्ती को अलविदा (Vinesh Phogat Retirement) कह दिया है. उन्होंने गुरुवार (8 अगस्त) को सोशल मीडिया पोस्ट में यह जानकारी दी. महज 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से विनेश को महिला 50 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंं गोल्ड मेडल मैच से पहले डिस्क्वालिफाई कर दिया गया.
बहरहाल, 29 साल की विनेश अपने रिटायरमेंट से पहले कई ऐसे रिकॉर्ड बना गई हैं, जो ताउम्र कुश्ती की आने वाली पीढ़ी के लिए उदाहरण पेश करेंगे. वो भले ही मेडल जीतने से चूक गईं लेकिन वह भारत की सबसे बेहतरीन पहलवानों में से एक के शीर्ष पर काबिज हो गई हैं.
तीन बार की ओलंपियन रह चुकी हैं. वह सबसे पहले ओलंपिक के लिहाज से रियो 2016 में नजर आईं, इसके बाद वह टोक्यो 2020 और अब पेरिस 2024 में खेलीं.
विनेश फोगट के नाम एक नहीं बल्कि तीन-तीन कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडल हैं. वह दो वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. इसके अलावा उनके नाम एक एशियन गेम्स गोल्ड मेडल भी है. 2021 में एशियन चैंपियन का खिताब भी अपने नाम किया था.
विनेश की आदर्श रहीं हैं उनकी बहनें
विनेश अपनी चचेरी बहनों के नक्शेकदम पर कुश्ती में आगे बढ़ीं. गीता फोगट और बबीता कुमारी भारत के उस फोगाट परिवार से आती हैं, जिसने कुश्ती में भारत के लिए खूब कीर्तिमान गढ़े हैं. भारत के सबसे प्रसिद्ध कुश्ती परिवारों में से एक से आती हैं. विनेश का पालन पोषण भी उनके ताऊ महावीर सिंह फोगट ने किया, विनेश के पिता राजपाल फोगाट मौत तब हुई जब वह 9 साल की थीं.
2014 में जीता पहला कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल
एक शानदार जूनियर करियर के बाद विनेश ने 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता था.
रियो ओलंपिक में भी टूटा था विनेश का सपना
विनेश ने इस्तांबुल में ओलंपिक क्वालिफाइंग स्पर्धा जीतकर रियो 2016 के लिए अपना कोटा स्थान सुनिश्चित किया था. पर क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने के बाद 21 साल की उम्र में देश के लिए पदक जीतने का विनेश का सपना टूट गया.
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अंतिम आठ में चीन की सुन यानान का सामना करते हुए विनेश को पहले पीरियड के मध्य में दाहिने घुटने में चोट लग गई थी. तब उनको रोते हुए मैट से स्ट्रेचर पर ले जाया गया, उसकी पीड़ा और दर्द स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थीं, तब भी उनकी पदक की संभावनाएं चकनाचूर हो गई थीं. लेकिन यह पहली बार नहीं था जब विनेश को अपनी मजबूती दिखानी पड़ी और उन्होंने इस उलटफेर को प्रेरणा शक्ति में बदल दिया.
फिर 2028 कॉमनवेल्थ में जीता गोल्ड
2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और इसके बाद एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था, वहीं 2019 सीजन में 53 किग्रा वर्ग में कूदने का फैसला किया. विनेश फोगाट इस बदलाव से अप्रभावित रहीं और नूर-सुल्तान में वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपना पहला पदक जीतने से पहले एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता. वहां उनके प्रदर्शन ने टोक्यो 2020 के लिए स्थान सुनिश्चित किया.
टोक्यो ओलंपिक से पहले था शानदार फॉर्म
टोक्यो ओलंपिक से पहले विनेश फोगाट शानदार फॉर्म में थीं. वह पूरे साल अजेय रहीं और उन्होंने 2021 एशियाई चैंपियनशिप में अपना पहला गोल्ड मेडल भी जीता. टोक्यो 2020 में महिलाओं की 53 किग्रा में प्रथम वरीयता प्राप्त विनेश फोगट ने स्वीडन की सोफिया मैटसन पर जीत के साथ शुरुआत की, लेकिन बेलारूस की वेनेसा कलादजिंस्काया के खिलाफ अपनी अगली बाउट हार गईं और आगे नहीं बढ़ सकीं. हालांकि, बाद में विनेश ने बाद में खुलासा किया कि वह टोक्यो ओलंपिक 2020 के दौरान सर्वश्रेष्ठ शारीरिक और मानसिक स्थिति में नहीं थीं और इसके तुरंत बाद उनकी कोहनी की सर्जरी हुई थी. टोक्यो 2020 में महिलाओं के 53 किग्रा क्वार्टर फाइनल में जीत की प्रबल दावेदार मानी जा रही विनेश को एक बार फिर क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा.
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ में जीता गोल्ड मेडल
विनेश फोगाट ने 2022 में मैट पर वापसी की और बेलग्रेड में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2022 में ब्रॉन्ज मेडल और बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतकर तुरंत सफलता हासिल की. उन्होंने उस साल बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर का पुरस्कार भी जीता. फोगाट को हांगझोऊ में होने वाले एशियन गेम्स 2023 के लिए भारतीय टीम में भी नामित किया गया था, लेकिन चोट के कारण वह प्रतियोगिता से चूक गईं. पेरिस ओलंपिक में भी उनका वजन ज्यादा निकला, इस कारण वह डिस्क्वालिफाई (अयोग्य) कर दी गईं.
विनेश फोगाट के नाम है ये खिताब और मेडल
वर्ल्ड चैम्पियनशिप
कांस्य पदक - 2022 बेलग्रेड-53 किग्रा
कांस्य पदक - 2019 नूर-सुल्तान 53 किग्रा
एशियन गेम्स
स्वर्ण पदक- 2018 जकार्ता-50 किग्रा
कांस्य पदक- 2014 इंचियोन- 48 किग्रा
कॉमनवेल्थ गेम्स
स्वर्ण पदक - 2014 ग्लासगो- 48 किग्रा
स्वर्ण पदक - 2018 गोल्ड कोस्ट-50 किग्रा
स्वर्ण पदक - 2022 बर्मिंघम-53 किग्रा
एशियन चैंपियनशिप
स्वर्ण पदक - 2021 अल्माटी- 53 किग्रा
रजत पदक - 2015 दोहा- 48 किग्रा
रजत पदक - 2017 नई दिल्ली- 55 किग्रा
रजत पदक - 2018 बिश्केक-50 किग्रा
कांस्य पदक - 2013 नई दिल्ली- 51 किग्रा
कांस्य पदक - 2016 बैंकॉक- 53 किग्रा
कांस्य पदक – 2019 शीआन-53 किग्रा
कांस्य पदक – 2020 नई दिल्ली- 53 किग्रा
यूथ रेसलिंग चैम्पियनशिप
रजत पदक – 2013 जोहान्सबर्ग- 51 किग्रा
तो USA की पहलवान से खेलतीं तो विनेश और आता गोल्ड?
विनेश फोगाट अगर अयोग्य साबित नहीं होती तो उनका मुकाबला अमेरिका (USA) की पहलवान से होना था. ऐसे में फोगाट के फाइनल में पहुंचने के बाद यह माना जा रहा था कि वह गोल्ड मेडल जीत लेंगी. विनेश फोगाट ने मंगलवार को महिला 50 किग्रा फ्रीस्टाइल इवेंट के सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर युसनेइलिस गुजमैन (Yusneylys Guzman) को 5-0 से करारी शिकस्त दी थी. विनेश का फाइनल बुधवार (7 अगस्त) को यूएसए की एन सारा हिल्डेब्रांट से होना था. इससे पहले उन्होंने प्री क्वार्टरफाइनल में 50 किग्रा में ओलंपिक चैम्पियन और चार बार की विश्व चैम्पियन युई सुसाकी को हराया था.
विनेश की वजन कम करने की कोशिश हुईं फेल
विनेश का वजन मंगलवार रात (6 अगस्त) को 52 किलो था, उन्होंने साइक्लिंग, स्किपिंग आदि करके उसका वजन कम करने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सकीं. गगन नारंग, दिनशॉ पारदीवाला, उनके पति, फिजियो, मेडिकल स्टाफ, आईओए अधिकारी, भारत में मौजूद लोग ओजीक्यू (ओलंपिक गोल्ड क्वसेट) ने उनका वजन कम करने के लिए रात भर काम किया.
रिपोर्टों के मुताबिक- डॉ पारदीवाला ने यहां तक कहा कि हम उनकी जान को खतरे में नहीं डाल सकते हैं. मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी भी सामने आई है कि उन्होंने हर संभव कोशिश की. विनेश दर्द से कराह रही थी, क्योंकि उसका शरीर टूट रहा था, उन्होंने आखिरी कोशिश के तौर पर सॉना के लिए गईं. इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिस पर उनको पेरिस में ही ओलंपिक विलेज पॉलीक्लिनिक में भर्ती किया गया. वह 50 किलोग्राम रेसलिंग के फाइनल में पहुंची थी. इवेंट के दूसरे दिन 50 किलोग्राम वर्ग में विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था.