भारत और इंग्लैंड के बीच महिला टी-20 वर्ल्ड कप का पहला सेमीफाइनल बारिश की वजह से रद्द हो गया. जिससे हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय टीम फाइनल में पहुंच गई. टीम इंडिया अब इतिहास रचने के करीब है. महिला टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार उसे फाइनल खेलने का मौका मिला है. इससे पहले भारतीय टीम (2009, 2010, 2018) तीनों बार सेमीफाइनल में हार गई थी.
अब 8 मार्च को भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा. सिडनी में ही गुरुवार को खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में उसने साउथ अफ्रीका को 5 रनों (D/L Method) ) से हराया. साउथ अफ्रीकी टीम ग्रुप बी में शीर्ष पर रही थी.
आईसीसी ने सेमीफाइनल और फाइनल के लिए कोई रिजर्व-डे नही रखा है. दरअसल, पहले ही स्पष्ट था कि बारिश से मैच धुलने पर दोनों टीमों में जो अपने ग्रुप में शीर्ष पर रही है, वही फाइनल में जाएगी.
इतना ही नहीं, 8 मार्च को मेलबर्न में होने वाला फाइनल भी धुल जाता है तो फाइनल में पहुंची दोनों टीमों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित कर दिया जाएगा.
सिडनी में टीम इंडिया पर बारिश मेहरबान रही. भारत और इंग्लैंड के बीच टी-20 वर्ल्ड कप का पहला सेमीफाइनल बारिश की भेंट चढ़ गया. बारिश इस कदर जारी रही कि टॉस भी नहीं हो पाया.
भारतीय टीम ग्रुप-ए के सभी मैच जीत कर टॉप (8 अंक) पर रही थी और इसी प्रदर्शन की बदौलत वह फाइनल में जाने में कामयाब रही.
इंग्लैंड की टीम ग्रुप बी में दूसरे स्थान (6 अंक) पर रहा थी और इसी वजह से वह फाइनल की हकदार नहीं बन पाई. इंग्लैंड को ग्रुप मुकाबले में साउथ अफ्रीका से हार मिली थी. और बाद में यही उसके टी-20 वर्ल्ड कप से बाहर जाने का कारण बना.
वैसे, सेमीफाइनल में भारत की तुलना में इंग्लैंड का पलड़ा भारी दिख रहा था. पिछली बार 2018 के महिला टी-20 वर्ल्ड कप में भी भारत का सामना अंग्रेज महिलाओं से हुआ था, लेकिन तब भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि इंग्लैंड को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली थी.
रिकॉर्ड इंग्लैंड के पक्ष में था, जिसने महिला टी20 विश्व कप में भारत के खिलाफ इस मैच के रद्द होने से पहले तक हुए पांचों मुकाबलों में जीत दर्ज की थी.
वेस्टइंडीज में पिछले टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में भी इंग्लैंड ने भारत को आठ विकेट से हराया था, जबकि इससे पहले 2009, 2012, 2014 और 2016 में भी टीम इंडिया को ग्रुप चरण में इस टीम के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी.