विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी का स्टाइल अलग है. भले ही धोनी की तरह विराट वर्ल्ड क्रिकेट में अभी तक कामयाबी के कीर्तिमान नहीं बना पाए, लेकिन उनका जुनून जल्द ही उन्हें बड़े मुकाम पर ले जा सकता है.
बतौर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली बिल्कुल दो अलग शख्सियत हैं. एक ने टीम इंडिया को ऐतिहासिक कामयाबियां दिलाई हैं, तो एक कल की उम्मीदों का नायक है. एक के नाम खिताबों की लंबी फेहरिस्त है, तो एक से खिताबों की बड़ी उम्मीद.
विराट कोहली अपने आक्रामक तेवर के लिए जाने जाते हैं. बल्लेबाजी हो या कप्तानी विराट कोहली अपना तेवर बरकरार रखते हैं. वह आक्रामक हैं और अपनी भावनाएं छिपाते नहीं.
2011 में टीम इंडिया के स्ट्रैंथ और मेंटल कंडीशनिंग कोच रह चुके पैडी अपटन ने महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी पर बड़ा बयान दिया है.
पैडी अपटन ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी पर चर्चा की है. कोहली और धोनी की कप्तानी में अंतर पूछने पर पैडी अपटन ने कहा, 'धोनी और कोहली दो अलग तरह के कप्तान हैं. धोनी शांत और ठंडे दिमाग वाले कप्तान हैं. वहीं, कोहली इमोशनल कप्तान हैं.'
पैडी अपटन ने कहा, 'विराट मैदान पर काफी ऊर्जावान होते हैं और इमोशन उनमें साफ नजर आता है. वह अपने इमोशन का खुलकर इजहार करते हैं.' पैडी अपटन ने कहा, 'कप्तान जिस तरह से बर्ताव करते हैं उसका बहुत असर टीम के खिलाड़ियों पर भी पड़ता है. अगर टीम में कोई खिलाड़ी ज्यादा भावुक है तो वह कप्तान की बातों और कार्यों से ज्यादा प्रभावित होगा.'
उन्होंने कहा, 'अगर किसी खिलाड़ी को बार-बार खारिज किया जाता है तो उसके कॉन्फिडेंस पर इसका असर पड़ता है. कोहली खिलाड़ियों में जोश भरते हैं और साथ ही उनमें खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को कमजोर करने की भी क्षमता है.'
पैडी अपटन ने कहा, 'टीम में अगर किसी खिलाड़ी की तारीफ की जाए तो यह उसका हौसला बढ़ाता है, जिससे फिर वह अपनी बेस्ट परफॉरमेंस देता है.' गौरतलब है कि 2011 में जब भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता तो पैडी अपटन टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ में शामिल थे. हालांकि विराट कोहली की कप्तानी में भारत एक भी आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया है. अब फैंस को कोहली से 2020 टी-20 वर्ल्ड कप की उम्मीद है.