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जब भारत ने तोड़ा इंग्लैंड का गुरूर, गांगुली ने फ्लिंटॉफ से लिया था बदला

तरुण वर्मा
  • 13 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:10 AM IST
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18 साल पहले आज ही दिन के टीम इंडिया ने सौरव गांगुली की कप्तानी में इंग्लैंड की धरती पर अंग्रेजों का गुरूर तोड़ा था. 13 जुलाई 2002 को भारतीय टीम ने क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले 'लॉर्ड्स' के मैदान पर इंग्लैंड को मात दी थी. भारत ने नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को हराकर इतिहास रचा था.

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टीम इंडिया की इस यादगार जीत में युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ और जहीर खान हीरो थे. मोहम्मद कैफ ने इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में युवराज सिंह के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 121 रनों की पार्टनरशिप की थी और टीम इंडिया को मैच और सीरीज दोनों में जीत दिलाई.

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नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को हराने के बाद गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में टी-शर्ट उतारकर लहराई थी. भारत ने इंग्लैंड के रखे गए 326 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था और ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.

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लॉर्ड्स के स्टेडियम में जहीर खान और मोहम्मद कैफ ने विनिंग रन पूरा किया तो मैदान में मानो बिजली सी दौड़ गई. एंड्रयू फ्लिंटॉफ तो हताश होकर पिच पर ही बैठ गए, लेकिन भारत मैच जीत चुका था.

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बालकनी में मौजूद तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली टी-शर्ट लहरा रहे थे. ये वो मैच था, जब भारत ने दिखाया कि वो न सिर्फ विदेशों में खेल सकता है बल्कि जीत भी सकता है. अगर कहें कि वर्ल्ड क्रिकेट में भारत की दादागिरी इस मैच से शुरू हुई तो गलत नहीं होगा.

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नेटवेस्ट ट्रॉफी के इस रोमांचक फाइनल मैच में इंग्लैंड ने भारत के सामने जीत के लिए 325 रन का विशाल स्कोर रखा था और 326 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया के पांच विकेट महज 146 रन पर ही गिर गए थे, लेकिन युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने शानदार बल्लेबाज कर टीम इंडिया को जीत दिलाने में बेहद अहम रोल निभाया.

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मोहम्मद कैफ ने नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारत को इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत दिलाई थी. युवराज सिंह ने 69 रनों की शानदार पारी खेली.

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दोनों ने मिलकर अंग्रेज गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते हुए टीम इंडिया को जीत दिला दी. इस जीत के हीरो मोहम्मद कैफ को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया.

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बता दें कि इस मैच से पहले 3 फरवरी 2002 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक मैच में इंग्लैंड ने भारत को हरा दिया था. जीत के बाद एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने टी-शर्ट उतारकर जश्न मनाया था. फ्लिंटॉप के जीत के जश्न का जवाब सौरव गांगुली ने 13 जुलाई 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में दिया था.

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युवराज सिंह ने एक बार स्पोर्ट्स तक से कहा था कि नेटवेस्ट ट्रॉफी के इस रोमांचक फाइनल मैच में जीत के बाद मैंने भी अपनी जर्सी उतारी थी, लेकिन इंग्लैंड में ठंड होने के कारण मैंने अंदर एक सफेद टी-शर्ट पहनी थी इसलिए उस समय किसी का ध्यान मेरी तरफ नहीं गया.

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