भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने हाल ही में टीम इंडिया में युवा खिलाड़ियों की मदद के लिए मेंटल कंडीशनिंग कोच की अहमियत पर जोर दिया था ताकि यह लोग मैदान पर अच्छा प्रदर्शन कर सकें.
इस पर टीम के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने कहा है कि कोचिंग स्टाफ ही मेंटल कंडीशनिंग कोच की दोहरी भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वह टीम के खिलाड़ियों के साथ काफी ज्यादा समय बिताते हैं.
बांगर ने कहा, 'आमतौर पर, कोच ही मेंटल कंडीशनिंग कोच की भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वह खिलाड़ियों के साथ काफी सारा समय बिताते हैं और दूसरा यह कि खिलाड़ी का कोच पर भरोसा करता है.'
बांगर ने कहा, 'इसलिए कोच और खिलाड़ी के बीच में इस तरह का भरोसा होना चाहिए कि जहां खिलाड़ी कोच के पास जाकर अपनी असुरक्षा के बारे में बात कर सके और उसे इस बात का भरोसा हो कि वह जो कुछ भी कोच से कह रहा है वो उन दोनों के बीच में ही रहेगा.'
इससे पहले युवराज सिंह ने कहा था कि वह खिलाड़ियों की मानसिकता पर काम कर सकते हैं, खासकर वनडे और टी-20 फॉर्मेट में जिसमें उन्हें दशकों से महारत हासिल है.
भारत की दो विश्व कप जीतों का अहम हिस्सा रहे युवराज ने कहा, 'मैं वनडे और
टी-20 फॉर्मेट के बारे में ज्यादा जानता हूं और इसिलए मैं खिलाड़ियों से
अपना अनुभव बांट सकता हूं कि वो नंबर-4, 5, 6 पर किस मानसिकता के साथ जा
सकते हैं.