भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने हाल ही में टीम इंडिया में युवा खिलाड़ियों की मदद के लिए मेंटल कंडीशनिंग कोच की अहमियत पर जोर दिया था ताकि यह लोग मैदान पर अच्छा प्रदर्शन कर सकें.
युवराज सिंह ने कोच बनने की इच्छा जाहिर की थी. युवराज सिंह ने कहा कि वह खिलाड़ियों की मानसिकता पर काम कर सकते हैं, खासकर वनडे और टी-20 फॉर्मेट में जिसमें उन्हें दशकों से महारत हासिल है.
भारत की दो विश्व कप जीतों का अहम हिस्सा रहे युवराज ने कहा था, 'मैं वनडे और टी-20 फॉर्मेट के बारे में ज्यादा जानता हूं और इसिलए मैं खिलाड़ियों से अपना अनुभव बांट सकता हूं कि वो नंबर-4, 5, 6 पर किस मानसिकता के साथ जा सकते हैं.
लेकिन पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि सफल टी-20 बैटिंग कोच बनने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट का अनुभव जरूरी नहीं है, क्योंकि ऐसे कोच का काम खिलाड़ियों को सकारात्मक मानसिकता के साथ खेलने में मदद करना है.
क्रिकेट से राजनीति में आए गौतम गंभीर ने कहा कि टी-20 क्रिकेट के लिए अलग से बल्लेबाजी कोच की जरूरत नहीं है. उन्होंने स्टार स्पोटर्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में कहा,‘एक स्पेशल फॉर्मेट के लिए अलग से टी-20 बल्लेबाजी कोच नहीं रख सकते हैं.'
गौतम गंभीर ने कहा, 'यह सही नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेले या पर्याप्त क्रिकेट नहीं खेले व्यक्ति सफल टी-20 बल्लेबाजी कोच नहीं बन सकते.’ उन्होंने कहा,‘टी-20 प्रारूप में एक कोच का काम आपको सकारात्मक मानसिकता देना है ताकि आप स्वाभाविक खेल दिखा सको.’
उन्होंने कहा, ‘वह आपको यह नहीं सिखाएगा कि लैप शॉट कैसे खेलना है या रिवर्स लैप कैसे लगाना है. दुनिया का कोई कोच यह नहीं कर सकता.’ गंभीर ने हालांकि यह कहा कि सफल खिलाड़ी होने से बेहतर चयनकर्ता बनने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा, ‘सफल कोच बनने के लिए बहुत क्रिकेट खेला होना जरूरी नहीं है, लेकिन चयनकर्ता बनने के लिए यह जरूरी है.’