
अफ्रीका और पश्चिमी एशिया के 10 शरणार्थी खिलाड़ियों को रियो डि जनेरियो में ओलंपिक खेलों में ओलंपिक ध्वज में हिस्सा लेने के लिए चुना गया. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा है कि यह दुनियाभर में शरणार्थियों और प्रवासियों के लिए 'आशा की किरण' है.
शरणार्थी टीम में 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल
ओलंपिक की पहली शरणार्थी टीम में दक्षिण सुडान, सीरिया, कांगो और इथोपिया के खिलाड़ियों को शामिल किया गया है. जो ट्रैक एवं फील्ड, तैराकी और जूडो स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे. टीम में छह पुरुष और चार महिला खिलाड़ियों को जगह मिली है. ये पांच अगस्त को रियो के माराकाना स्टेडियम में उद्घाटन समारोह के दौरान ओलंपिक ध्वज के पीछे चलेंगे.
इस टीम को शुरुआत में 43 दावेदारों के बीच से चुना गया है. महिला मैराथन की पूर्व विश्व रिकॉर्ड धारक कीनिया की तेग्ला लोरोप इस टीम को संभालेंगी. आईओसी ने इसके अलावा पांच कोचों और पांच अन्य टीम अधिकारियों को भी चुना है.
टीम का नाम रिफ्यूजी ओलंपिक टीम
इस टीम को आधिकारिक रूप से रिफ्यूजी ओलंपिक टीम (आरओटी) कहा जाएगा. टीम के खिलाड़ी उद्घाटन समारोह में खिलाड़ियों की परेड में अंतिम स्थान पर आने वाले मेजबान ब्राजील के खिलाड़ियों से पहले आएंगे.