
भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने रियो ओलंपिक के बाद संन्यास लेने की घोषणा की. बिंद्रा ने कहा कि वह आगामी रियो खेलों के बाद अपने करियर को समाप्त करेंगे जहां वह उद्घाटन समारोह में देश के ध्वजवाहक होंगे. बीजिंग ओलंपिक 2008 के गोल्ड मेडल विजेता 33 साल के बिंद्रा ने कहा कि उनका 20 साल लंबा खेल करियर विशेष रहा.
अभिनव बिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा, ‘20 साल का मेरा खेल करियर आठ अगस्त को खत्म होगा, यह विशेष रहा.’
रियो ओलंपिक के पांच जनवरी को होने वाले उद्घाटन समारोह के लिए भारतीय दल के ध्वजवाहक चुने गए बिंद्रा ने इसे ‘सर्वोच्च’ सम्मान करार दिया.
बिंद्रा ने कहा, ‘ओलंपिक खेलों में ध्वजवाहक होना खिलाड़ी का सर्वोच्च सम्मान होता है. मैं आभारी हूं कि मुझे इस सम्मान के लायक समझा गया.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि जब हम रियो ओलंपिक स्टेडियम में मार्च करेंगे तो हमें एक अरब से अधिक लोगों का समर्थन मिलेगा.’
बिंद्रा इस साल पांचवीं बार ओलंपिक में हिस्सा लेंगे. वह आठ अगस्त को पुरुष 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में चुनौती पेश करेंगे.
बिंद्रा ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भारत के एकमात्र स्वर्ण पदक विजेता हैं. बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलंपिक खेलों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि हासिल की थी. यह दिग्गज निशानेबाज इसके अलावा रियो खेलों में भारतीय दल का सद्भावना दूत भी है.
बिंद्रा ने आईओए महासचिव राजीव मेहता को भेजे पत्र में इस पेशकश को स्वीकार करते हुए लिखा, ‘ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहे भारतीय दल का ध्वजवाहक बनना मेरे लिए सर्वोच्च सम्मान है. मैं इसके लिए औपचारिक स्वीकृति देता हूं.’