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Rio Olympic : पहलवान नरसिंह यादव की मुश्किलें बढ़ीं, वाडा ने की क्लीन चिट खारिज

भारतीय पहलवान नरसिंह यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. वर्ल्ड डोपिंग एजेंसी यानी वाडा ने नरसिंह को क्लीनचिट दिए जाने के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की है. अब इस मामले पर 18 अगस्त को सुनवाई होगी.

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अमित रायकवार/BHASHA
  • रियो डी जेनेरियो,
  • 16 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

भारतीय पहलवान नरसिंह यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. वर्ल्ड डोपिंग एजेंसी यानी वाडा ने नरसिंह को क्लीनचिट दिए जाने के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की है. अब इस मामले पर 18 अगस्त को सुनवाई होगी. नरसिंह के रियो में खेलने पर ज्यूरी आखिरी फैसला करेगी. यही नहीं, अगर वाडा नरसिंह के पक्ष से संतुष्ट नहीं हुई तो वह उन पर चार साल की पाबंदी लगा सकती है. 19 अगस्त को नरसिंह का मुकाबला है लेकिन अब उनके खिलने पर सस्पेंस पैदा हो गया है.

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नरसिंह की मुश्किलें बढ़ी

यही नहीं, अगर वाडा नरसिंह के पक्ष से संतुष्ट नहीं हुई तो वह उन पर चार साल की बैन लगा सकती है.19 अगस्त को नरसिंह का मुकाबला है लेकिन अब उनके खेलने पर सस्पेंस पैदा हो गया है. भारत का सौ से ज्यादा एथलीटों का दल अभी तक एक भी पदक नहीं जीत सका है और सभी की नजरें कुश्ती पर हैं.

लंदन ओलंपिक में मिले थे भारत को दो पदक
लंदन ओलंपिक में भारत ने कुश्ती में दो पदक जीते थे लिहाजा इस बार आठ सदस्यीय दल से उस प्रदर्शन के दोहराने की उम्मीद है. ओलंपिक से पहले हालांकि भारतीय दल की तैयारियां विवादों से घिरी रही, जब नरसिंह को आखिरी मौके पर डोपिंग स्कैंडल से खुद को पाक साफ निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा. नरसिंह से जुड़े डोपिंग विवाद के कारण पूरी टीम की तैयारियां बाधित हुई है. लेकिन नरसिंह ने साहस के इसका सामना किया और तमाम मुश्किल परिस्थितियों से विजयी होकर निकले. विवाद की शुरुआत तब हुई जब दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में चयन ट्रायल की मांग की जबकि भारत के लिये कोटा नरसिंह ने हासिल किया था. मामला दिल्ली उच्च न्यायालय तक गया जिसने सुशील की मांग खारिज कर दी थी.

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यूनाइटेड वर्ल्ड कुश्ती ने माना थआ नरसिंह का अनुरोध
रियो जाने से पहले नरसिंह ने पॉजिटिव बताए जाने के बाद नाडा ने कहा था कि 'वह साजिश का शिकार हुए है. आखिर में भारतीय कुश्ती महासंघ ने युनाइटेड विश्व कुश्ती से अनुरोध करके 74 किलो वर्ग में उसके नाम पर पुनर्विचार करने को कहा जिसे विश्व ईकाई ने मान लिया. अब नरसिंह को चाहिये कि इन तमाम बातों को भुलाकर अपने काम पर फोकस करे.

'मुकाबले के लिए फोकस हूं'
नरसिंह ने खेलगांव पहुंचने से पहले कहा,‘मैं इसके बारे में सोचना नहीं चाहता. मैं अपने अभ्यास पर ध्यान दे रहा हूं. मैं अपने देश के लिए पदक जीतना चाहता हूं. मेरे लिए यही उम्मीद बची है.' नरसिंह पर अपनी उपयोगिता साबित करने का अतिरिक्त दबाव होगा क्योंकि उसे भारत के लिए दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाले पहलवान पर तरजीह दी गई है. डिफेंडिंग चैंपियन जोर्डन बरोस इस वर्ग में पदक के दावेदारों में है.

योगेश्वर से उम्मीदें
इस बीच लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त पर सभी की नजरें होंगी जो अपना चौथा और आखिरी ओलंपिक खेल रहे हैं. योगेश्वर पुरूषों के 65 किलोवर्ग में 21 अगस्त को उतरेंगे. उनका सामना इटली के विश्व चैंपियन फ्रेंक चामिजो और फिर रूस के सोसलान रामोनोव से होगा. नरसिंह और योगेश्वर के अलावा संदीप तोमर 57 किलो फ्रीस्टाइल भी पदक के दावेदार है क्योंकि पिछले कुछ अर्से में वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट से पदक के बिना नहीं लौटे हैं.

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