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रियो ओलंपिक: लिएंडर पेस बोले- मैं सॉफ्ट टारगेट बन गया हूं और लोग मेरे पीछे पड़े हैं

पेस ने कहा कि वह फिट रहें तो 2020 में टोक्यो में अपने आठवें ओलंपिक में भी हिस्सा लेना चाहेंगे.

लिएंडर पेस लिएंडर पेस
रोहित गुप्ता
  • रियो डि‍ जेनेरियो,
  • 07 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 3:19 PM IST

रोहन बोपन्ना के साथ पुरुषों के युगल मैच के पहले ही दौर में हारने पर भावुक लिएंडर पेस ने अपनी निराशा जताते हुए कहा कि वह एक सॉफ्ट टारगेट बन गए हैं और इस वजह से ही लोग उनके पीछे पड़े रहते हैं.

पेस उन खबरों से नाराज थे, जिनमें कहा गया कि वह बोपन्ना के साथ कमरा शेयर नहीं करना चाहते थे और फिर उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि खेल गांव में कमरा नहीं दिया गया. यह पूछे जाने पर कि क्या युगल ओलंपिक पदक के बिना उनके सुनहरे करियर की चमक कुछ कम हो जाएगी, पेस ने कहा, ‘मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है. मैं एक आसान निशाना हूं, इसलिए लाग मेरे पीछे पड़े रहना चाहते हैं. ठीक है, ऐसा करिए. मैं भी एक आम इंसान हूं, अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं. लेकिन लिएंडर एक आसान लक्ष्य है. मैं आगे बढ़ता रहूंगा क्योंकि मेरा संकल्प दृढ़ है. मुझे पता है कि काफी मनगढंत कहानियां बनाई जा रही हैं.’

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पेस ने कहा, ‘ग्रैंड स्लैम जीतने के लिए कितनी मेहनत करनी होती है, यह सब नहीं समझते. लोग नहीं समझते कि दस ग्रैंड स्लैम जीतने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है. लोग नहीं समझते कि 18 ग्रैंड स्लैम जीतने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है. लोग यह भी नहीं समझते कि सात बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है.’

कहा- फिट रहा तो 2020 में टोक्यो ओलंपिक में भी खेलूंगा
पेस ने कहा कि वह फिट रहें तो 2020 में टोक्यो में अपने आठवें ओलंपिक में भी हिस्सा लेना चाहेंगे. उन्होंने कहा, ‘चार साल एक लंबा समय है और आप उतने दूर की नहीं सोचते. इस समय मैं निराश हूं. मुझे अपने सातवें ओलंपिक खेलों का लुत्फ उठाने का मौका नहीं मिला. इस उम्र में भी खेलते रहने के लिए आपको काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.’ पेस ने माना कि उनके ओलंपिक करियर में कुछ चीजें अधूरी रहीं जैसे कि युगल में कभी भी पदक ना जीत पाना.

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एथेंस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल से चूकने का आज भा अफसोस
1996 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले पेस ने कहा, ‘जहां तब ओलंपिक में युगल की बात है, एथेंस में जो हुआ वह दुखद था. वह खुशी का पल नहीं था. हम एक समय मैच प्वाइंट पर थे, कांस्य पदक का मैच था. हमें पदक जीतने के लिए मैच प्वाइंट चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और यह हमेशा मेरे जेहन में रहता है.’ पेस ने कहा, ‘अतीत की खूबसूरती यह है कि आप उसे बदल नहीं सकते, आप उससे बस सीख सकते हैं.’

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