
100 ग्राम वजन ज्यादा होने से 140 करोड़ भारतीयों की स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदें टूट गई हैं. विनेश फोगाट को 50 किलो वर्ग महिला कुश्ती का फाइनल खेलने से कुछ घंटे पहले ही अयोग्य करार दे दिया गया. लेकिन पूरा देश ही नहीं बल्कि अब दुनिया के बड़े बड़े खिलाड़ी भी विनेश फोगाट को गोल्डन गर्ल कह रहे हैं. क्योंकि विनेश फोगाट ने दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी को मंगलवार को हराया. तीन मुकाबले लगातार जीते. विनेश ने ऐसा कोई भी रास्ता नहीं अपनाया, जहां मेडल तो बच जाता लेकिन नैतिकता ना होती. यानी सिर्फ रेसलिंग के मैट पर ही नहीं बल्कि नैतिकता के मैट पर भी गोल्डन गर्ल विनेश फोगाट रहीं.
इसके बाद देशभर के लोगों को इंतजार और विश्वास ये था कि कुछ यूं ही सात अगस्त की रात ओलंपिक में पहली बार महिला कुश्ती के फाइनल में पहुंची विनेश फोगाट अब इतिहास रच देंगी. गोल्ड मेडल जीतेंगी. तिरंगा लहरा देंगी. लेकिन सबकुछ रुक गया. थम गया. और 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया और देश के हिस्से आने वाला मेडल चूक गया. हालांकि विनेश ने अपनी अयोग्यता को खेल मामलों की कोर्ट CAS में चुनौती दी है.
दरअसल, मंगलवार को विनेश फोगाट ने प्री क्वार्टर फाइनल में जापान की पहलवान को हराया. क्वार्टर फाइनल में फिर यूक्रेन की रेसलर को हराया. सेमीफाइनल में क्यूबा की पहलवान को पटक दिया. लेकिन बुधवार रात होने वाले फाइनल मुकाबले में जब पहली बार भारत को ओलंपिंक की महिला कुश्ती के फाइनल में इतिहास रचते दुनिया देखती तब 50 किलो की कैटेगरी में खेलती विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा होने से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.
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इधर, 100 ग्राम वजन ज्यादा होने से विनेश को डिसक्वालिफाई किए जाने की खबर ने भारत को स्तब्ध कर दिया. सबको लगा हमारी चैंपियन बेटी के साथ ये कैसे हो सकता है. तब तक खबर आई कि विनेश को अस्पताल में एडमिट कराया गया है. भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत IOA यानी भारतीय ओलंपिक संघ की प्रमुख पीटी उषा से बात की. पीटी उषा से बात करके प्रधानमंत्री ने लिखा- विनेश चैंपियनों में चैंपियन बताया है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि विनेश मजबूत होकर वापसी करें. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृहमंत्री अमित शाह, नेता विपक्ष राहुल गांधी समेत देश के तमाम मुख्यमंत्रियों तक ने विनेश को असली गोल्ड विजेता बताया.
बॉलीवुड से भी मिल रहा सपोर्ट
बॉलीवुड अपना दिल निकालकर विनेश के लिए दिखाने लगा. बताने लगे कि लीजेंड असली विनेश ही हैं. ये सब इसलिए क्योंकि फाइनल में पहुंचने से पहले दुनिया की नंबर एक पहलवान को विनेश ने हराया. लेकिन सिर्फ 100 ग्राम वजन बढ़ने से वही विनेश गोल्ड के लिए सिर्फ लड़ने से ही अयोग्य करार नहीं हुईं. सिल्वर मेडल से भी दूर कर दी गईं. मेडल तो दूर नियम मुताबिक उनको आखिरी पायदान पर रखे जाने का दावा हुआ. तब सवाल उठने लगा कि आखिर ऐसे कैसे हुआ कि विनेश सिर्फ सौ ग्राम से इतिहास रचने से दूर रहीं? आरोप साजिश और लापरवाही के लगने लगे.
एक केले जितने वजन के लिए विनेश अयोग्य करार
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई लापरवाही हुई है, जिसने 100 ग्राम वजन ज्यादा हो जाने से भारत का पदक की उम्मीदें, विनेश फोगाट की मेहनत पर पानी फेरा है? सुबह जब से ये खबर आई है. सब इसी बात को लेकर चौंक रहे हैं कि आखिर सौ ग्राम वजन ज्यादा होने से कोई कैसे उस सपने से दूर रह सकता है. आखिर सौ ग्राम होता है कितना है, इसको देखें तो एक साबुन की टिकिया सौ ग्राम की होती है. टी-शर्ट का वजन 100 से 130 ग्राम होता है. टूथपेस्ट की 100 से 150 ग्राम की ट्यूब आपने देखी होगी. 300 मिलीलीटर वाला पानी का ग्लास करीब 100 ग्राम का ही होता है. यूनो कार्ड्र्स, एक केला, दो अंडे, बिस्किट का एक पैकेट, मक्खन की टिकिया ये 100 ग्राम के बराबर हैं. सोचिए सिर्फ इतने ही भार से विनेश फोगाट ओलंपिक फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य करार दे दी गईं. जिसके बाद मेडल का कोई रास्ता ही नहीं बचा.
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ये है UWW का नियम
UWW यानी United World Wrestling के प्रमुख कहते हैं कि अब कुछ नहीं हो सकता. सवाल यही तो है कि वजन ज्यादा कैसे 100 ग्राम रहा कि कुछ होने की आगे नौबत ही नहीं बची? ये यूनाइडेट वर्ल्ड रेसस्लिंग के नियमों के मुताबिक हर वेट कैटेगरी में मुकाबले दो दिन चलते हैं. इसीलिए दो दिन खिलाड़ियों का वजन नापा जाता है. पहले दिन जब मुकाबला शुरु होता है तब वजन नापने को 30 मिनट मिलते हैं. पहले दिन 30 मिनट में जितनी बार चाहें खिलाड़ी वजन नापने का मौका पाते हैं. दूसरे दिन यानी बुधवार को खिलाड़ियों को 15 मिनट वजन नापने को दिया जाता है. इसी तरह मौका विनेश फोगाट को भी दोनों दिन मिला. जहां 6 अगस्त की सुबह मैच से पहले विनेश फोगाट का वजन 49.9 किलो रहा. यानी जिस 50 किलो वर्ग में विनेश खेलती हैं, उसके मुताबिक एकदम ठीक. लेकिन दावा है कि 6 अगस्त को तीन मैच के बाद विनेश का वजन 52.7 किलोग्राम हो गया.
विनेश ने वजन घटाने को लगा दी थी ताकत
दावा हुआ कि इस दौरान वजन घटाने यानी 50 किलो ग्राम वर्ग में नियम मुताबिक आने के लिए विनेश ने पूरी जान लगाकर स्किपिंग, जॉगिंग, साइकलिंग सबकी. लेकिन 7 जून यानी फाइनल मुकाबले की सुबह जब वजन के लिए 15 मिनट मिले तो तमाम कोशिश के बाद भी 50 किलो 100 ग्राम वजन आया. यानी 100 ग्राम ज्यादा. और इसी 100 ग्राम ने सारी उम्मीदों को मुकाबले से पहले हरा दिया. तो इस सौ ग्राम का जिम्मेदार कौन है? इसमें तो रत्ती भर किसी को शंका नहीं है कि जिम्मेदार विनेश नहीं हो सकतीं जो अपनी पूरी ताकत लगाकर देश के लिए मेडल जीतने में जुटी रहीं. तो फिर अब कौन जिम्मेदार है? विनेश के वजन को लेकर सियासत में कई आरोप लगाए जाने लगे. शंकाएं पैदा की जाने लगीं.
विपक्ष ने घेरा तो खेल मंत्री ने दिया जवाब
विपक्ष इस आधार पर आरोप की राजनीति कर रहा है क्योंकि विनेश फोगाट भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए. यौन शोषण के आरोपों के बाद शुरु हुए आंदोलन में प्रमुख रूप से इंसाफ की लड़ाई लड़ती रहीं. लेकिन सच ये भी है कि विनेश की मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया गया. और खेल मंत्रालय दावा करता है कि हर जरूरत को विनेश की पूरा किया गया ताकि वो देश के लिए मेडल लाएं. जिन्हें आप मंगलवार को विनेश के सेमीफाइनल जीतने के बाद खुश होते देख रहे हैं. उन कोच से लेकर सहायक स्टाफ तक विनेश को उनके मन मुताबिक दिया गया. जिनमें हंगरी के वोलेर अकोस जो विनेश के कोच हैं. ट्रेनिंग से लेकर हर जिम्मेदारी कोच की होती है.
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क्या स्टाफ से हुई चूक?
तो सवाल है कि क्या चूक इन्हीं कोच या स्टाफ से हुई है? जो आखिर मैच से पहले विनेश का 52 किलो 700 ग्राम तक कैसे पहुंच गया, इसे रोक नहीं पाएं. जो पेशेवर होने के बावजूद इतने बड़े मैच से पहले इस बात को नहीं समझ पाए कि ढाई किलो से ज्यादा वजन कुछ घंटे में कैसे कम किया जाएगा? क्या कोच औऱ स्टाफ की गलती ने भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है ? क्या कोच और स्टाफ की चूक ही देश की बेटी का पदक छीन ले गई है? पेरिस ओलंपिक 2024 फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के बाद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने बड़ा ऐलान किया है कहा है कि विनेश फोगट के सहयोगी स्टाफ पर जांच बैठाई जाएगी. पता किया जाएगा कि सहयोगी स्टाफ विनेश के वजन की ठीक से निगरानी करने में विफल क्यों रहा. अब इसकी जांच की जाएगी.
कैसे बढ़ा विनेश का वजन?
दस्तक देता सवाल है कि क्या अब नियमों को बदलने की जरूरत है. क्योंकि जिस खिलाड़ी ने एक दिन पहले अपने तीनों मैच जीते, उसे दूसरे दिन सिर्फ इसलिए मुकाबले मे नहीं उतरने दिया गया क्योंकि उसका वजन 100 ग्राम बढ़ गया था, वो सौ ग्राम भी ऐसा नहीं कि किसी गलत तरीके से बढ़ गया हो. इसीलिए एक खिलाड़ी के साथ न्याय कराने की दस्तक दुनिया में उठने लगी है. छह बार के विश्व चैपियन और लंदन ओलंपिक में गोल्ड मेडल विजेता अमेरिका के रेसरल जॉर्डन बरोज ने विनेश फोगाट के मामले को देखने के बाद नियम बदलने की मांग की है. जॉर्डन बरोज ने मांग रखी है कि रेसलर एक दिन बाद एक किलो वजन की छूट देनी चाहिए. वजन करने का समय सुबह 8.30 से बढ़ाकर 10.30 कर देना चाहिए. - सेमीफाइनल में जीत के बाद, दोनों फाइनलिस्ट के मेडल सुरक्षित हों, भले ही दूसरे दिन वजन कम करने में चूक जाएं. गोल्ड मेडल केवल उसी पहलवान को मिले जिसने दूसरे दिन भी वजन कम रखा है. इसी आधार पर छह बार के विश्व चैंपियन जॉर्डन बरोज ये मांग भी रखते हैं कि विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिया जाए. यही मांग हमारे देश में भी बहुत सारे लोग कर रहे हैं.
(आजतक ब्यूरो)