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टीम इंडिया बुधवार को केनबरा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के तीसरे और आखिरी वनडे इंटरनेशनल मैच में उतरेगी. लगातार दूसरी सीरीज में क्लीन स्वीप से बचने के लिए विराट ब्रिगेड अपनी गेंदबाजी में बदलाव कर सकती है. यह मैच भारतीय समयानुसार सुबह 9.10 बजे शुरू होगा.
ऑस्ट्रेलियाई टीम अगर 3-0 से जीत दर्ज करने में सफल रहती है, तो लगातार दूसरी सीरीज में भारत का सूपड़ा साफ होगा. इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड ने भी उसे इसी अंतर से हराया था.
टी20 सीरीज से पहले एक जीत जरूरी
पहले दो मैचों में ढेरों रन बने, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने दबदबा बनाते हुए विराट कोहली की टीम के खिलाफ आसान जीत दर्ज की और टीम इंडिया अगर मनुका ओवल (केनबरा) में जीत दर्ज करती है तो टी20 सीरीज से पहले उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा.
कप्तान कोहली पहले ही स्वीकार कर चुके हैं कि ऑस्ट्रेलिया ने पहले दो मैचों में उन्हें ‘पूरी तरह से पछाड़’ दिया और उम्मीद है कि जीत की तलाश में टीम इंडिया कुछ बदलाव करेगी. पहली बार ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर आए भारत के सबसे तेज गेंदबाज नवदीप सैनी अब तक सटीक लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करने में नाकाम रहे हैं और मेजबान टीम के बल्लेबाजों ने उनके खिलाफ आसानी से रन जुटाए हैं.
गेंदबाजी संभाल सकते हैं शार्दुल-नटराजन
सैनी के 7 ओवर में 70 रन लुटाने के बाद कोहली को हार्दिक पंड्या और मयंक अग्रवाल जैसे गेंदबाजों से उनका स्पेल पूरा कराना पड़ा. पंड्या गेंदबाजी करने के लिए पूरी तरह से फिट नहीं हैं, जबकि अग्रवाल आम तौर पर गेंदबाजी नहीं करते. तीसरे और अंतिम वनडे में अगर शार्दुल ठाकुर या बाएं हाथ के तेज गेंदबाज टी नटराजन को मौका मिलता है तो हैरानी नहीं होगी.
29 साल के शार्दुल को 27 अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है, जबकि 29 साल के ही नटराजन को यॉर्कर फेंकने में महारत हासिल है. कोहली अगर टेस्ट सीरीज से पहले जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी दोनों को आराम देने का फैसला करते हैं तो शार्दुल और नटराजन दोनों को खेलने का मौका मिल सकता है.
मौजूदा सीरीज में भारतीय गेंदबाज बिल्कुल भी लय में नजर नहीं आ रहे हैं और उनके खिलाफ पहले दो मैचों में 69 चौके और 19 छक्के लगे हैं. कोहली ने कहा कि टी20 प्रारूप से वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों में ढलने को बहाना नहीं बनाया जा सकता क्योंकि पिछले काफी समय से टीम के मुख्य खिलाड़ी समान हैं.
सबसे बड़ा सवाल, स्मिथ को कैसे रोकेंगे
गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ बने हुए हैं, जिन्होंने लगातार दो मैचों में 62 गेंदों में शतक जड़े. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में नाकाम रहे ग्लेन मैक्सवेल ने भी अपनी तूफानी बल्लेबाजी से अंतर पैदा किया है, जिससे ऑस्ट्रेलिया की टीम अंतिम ओवरों में ताबड़तोड़ रन बटोरने में सफल रही है.
भारत की 66 और 51 रनों की हार को देखते हुए उनकी पारियां अहम हो जाती हैं. भारतीय कप्तान को मैच के दौरान अपने गेंदबाजों के रोटेशन के कारण भी आलोचना का सामना करना पड़ा है. गौतम गंभीर और आशीष नेहरा जैसे पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने मुख्य गेंदबाज बुमराह को पहले स्पेल में सिर्फ दो ओवर देने के लिए उनकी आलोचना की थी.
तेज गेंदबाज अगर नाकाम रहे हैं, तो स्पिनरों की विफलता ने भारत की मुसीबत को और बढ़ा दिया है. युजवेंद्र चहल पहले दो मैचों में सबसे महंगे गेंदबाज रहे. उन्होंने 19 ओवर में 160 रन लुटाए और सिर्फ एक विकेट हासिल कर सके. रवींद्र जडेजा ने रन गति पर कुछ अंकुश लगाया, लेकिन गेंद को घुमाने को अधिक तरजीह नहीं देने के कारण एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए.
बल्लेबाजी की बात करें तो कोहली और केएल राहुल दूसरे मैच में अच्छी लय में दिखे, लेकिन राहुल दूसरे पावर प्ले के दौरान स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहे, जो चिंता का सबब है. भारतीय बल्लेबाज हालांकि दोनों मैचों में ठीक ठाक प्रदर्शन करने में सफल रहे हैं और अगर गेंदबाजों का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर होता, तो मेहमान टीम के पास मौका हो सकता था.
टीमें इस प्रकार हैं -
भारत: विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, शुभमन गिल, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या, मयंक अग्रवाल, रवींद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, नवदीप सैनी, शार्दुल ठाकुर और टी नटराजन.
ऑस्ट्रेलिया: एरॉन फिंच (कप्तान), डार्सी शॉर्ट, स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन, ग्लेन मैक्सवेल, एलेक्स केरी, मिशेल स्टार्क, एडम जाम्पा, जोश हेजलवुड, सीन एबॉट, एश्टन एगर, कैमरन ग्रीन, मोइजेस हेनरिक्स, एंड्रयू टाय, डैनियल सैम्स और मैथ्यू वेड.