
एशियाई खेलों के दौरान खेलगांव में शराब निषेध करने का फैसला खिलाड़ियों के साथ आए कोचों और अधिकारियों को नागवार गुजरा है. कई ने तो शराब चोरी से खेलगांव के भीतर लाने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. बाली को छोड़कर इंडोनेशिया में 2005 से डिपार्टमेंटल स्टोर पर शराब की बिक्री निषिद्ध है.
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भारतीय दल के एक कोच ने कहा,‘कल ही मैंने खेलगांव में सुरक्षा गार्ड के पास व्हिस्की की बोतलें देखीं. वे इसे लेकर काफी सख्त हैं. खिलाड़ियों को इससे फर्क नहीं पड़ता. किसी भी बहुखेल आयोजन में एक बीयर मिलना काफी आम बात है.’
पब और रेस्त्रां में अल्कोहल उपलब्ध है, लेकिन पालेमबांग में हल्की बीयर मिलना भी मुश्किल है. जिन होटलों में तकनीकी अधिकारी रुके हैं, वहां अल्कोहल उपलब्ध है, लेकिन काफी महंगे दामों पर.
एक अन्य अधिकारी ने कहा,‘कई बार हम ड्रिंक के लिए बाहर चले जाते हैं, लेकिन खेलगांव शहर से इतना दूर है कि यह मुमकिन नहीं.’ रहने के इंतजाम को लेकर भी शिकायतें मिल रही हैं. अधिकारियों और खिलाड़ियों का कहना है कि कमरे बहुत छोटे हैं.
भारतीय निशानेबाजी दल के एक सदस्य ने कहा,‘हर जगह सामान्य कमरे होते हैं, लेकिन इतने छोटे कमरे मैंने कहीं नहीं देखे. यहां सूटकेस रखने की भी जगह नहीं है. बाथरूम में नहाने की जगह नहीं है.’ एक अन्य खिलाड़ी ने कहा,‘किसी को पांच सितारा सुविधाएं नहीं चाहिए, लेकिन सामान रखने की जगह तो होनी चाहिए.’