
बांग्लादेश के स्टार क्रिकेटर शाकिब अल हसन ने शुक्रवार को ढाका में एक घरेलू टी20 मैच के दौरान मैदान पर स्टंप को लात मारी और अंपायरों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया. उन्होंने हालांकि बाद में इसे ‘मानवीय त्रुटि’ बताते हुए माफी मांगी.
शाकिब के गुस्से का असर हालांकि उनके खेल पर गलत तरीके से नहीं पड़ा और उनकी टीम मोहम्मडन स्पोर्टिंग ने ढाका प्रीमियर लीग में अबाहानी लिमिटेड को डकवर्थ लुईस पद्धति से हरा दिया.
बांग्लादेश के 34 साल के पूर्व कप्तान ने भले ही माफी मांग ली हो, लेकिन स्टंप्स को लात मारना ‘स्तर तीन’ का अपराध है और इस बर्ताव के कारण उन पर एक मैच का निलंबन लग सकता है.
शाकिब ने अपने फेसबुक पेज पर माफी मांगते हुए लिखा, ‘प्रिय प्रशंसकों और शुभचिंतकों, मैं उन सभी से माफी मांगता हूं, जिन्हें आज के मैच में मेरे व्यवहार से दुख पहुंचा है. मेरे जैसे अनुभवी क्रिकेटर से यह बिल्कुल वांछनीय नहीं है, लेकिन कभी-कभी मैच के तनावपूर्ण माहौल में ऐसा हो जाता है. मैं सभी टीमों, टूर्नामेंट में शामिल सभी अधिकारियों और आयोजन समिति से ऐसी गलती के लिए माफी मांगता हूं. मुझे उम्मीद है कि मैं भविष्य में इस तरह का काम नहीं करूंगा. सब को प्यार.’
शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में खेले गए मैच में मुश्फिकुर रहीम के खिलाफ किए गए एलबीडब्ल्यू की अपील को नकार दिए जाने के बाद शाकिब ने अपना आपा खो दिया और स्टंप पर पैर मार दिया.
उन्होंने मैच के दौरान एक बार और ऐसी हरकत की. अबाहानी की पारी के दौरान छठे ओवर में पांचवीं गेंद के बाद जब दोनों मैदानी अंपायरों में बारिश के कारण मैच रोकने की घोषणा की, तब शाकिब ने गुस्से में दूसरे छोर के स्टंप्स उखाड़ दिया.
उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. शाकिब इसलिए गुस्से में थे क्योंकि अगर एक गेंद का खेल और होता तो मैच का नतीजा निकल जाता.
मैच हालांकि फिर से शुरू हुआ और उनकी टीम ने आसानी से जीत दर्ज की. शाकिब बांग्लादेश के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक माने जाते है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10,000 से अधिक रन बनाने के साथ लगभग 600 विकेट भी लिये है.
शाकिब पर इससे पहले मैच फिक्सिंग मामले में दो साल का प्रतिबंध लग चुका है.