
ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में कैरोलिन वोज्नियाकी ने रोमानिया की सिमोना हालेप को 7-6, 3-6, 6-4 से हराकर 43वें प्रयास में पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता. डेनमार्क की वोज्नियाकी इस जीत के साथ ही दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी भी बन गईं. मैराथन मुकाबले के बाद खिताब जीतने के साथ ही वह अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सकीं.
भीषण गर्मी और उमस के बीच दो घंटे 49 मिनट तक चले मैच में दोनों खिलाड़ियों को मेडिकल सहायता लेनी पड़ी. वोज्नियाकी 2009 और 2014 में अमेरिकी ओपन फाइनल में पहुंची थीं. वह 2010 में शीर्ष रैंकिंग तक भी पहुंचीं, लेकिन कभी ग्रैंड स्लैम नहीं जीत पाई थीं.
दोनों का यह तीसरा ग्रैंड स्लैम फाइनल था. वोज्नियाकी ने आक्रामक शुरुआत की और 3- 0 की बढ़त बना ली. पिछले दो ग्रैंड स्लैम फाइनल में कोई सेट नहीं जीत सकी इस खिलाड़ी ने 5-3 की बढ़त कर ली. हालेप ने वापसी की कोशिश की, लेकिन टाइब्रेक में पहला सेट वोज्नियाकी ने जीत लिया.
दूसरे सेट में हालेप ने अपने कोच को इशारा किया कि उसकी तबीयत बिगड़ रही है. उसका रक्तचाप चेक किया गया और बर्फ की पट्टी भी लगाई गई. उसने दूसरा सेट बेहतर खेल का प्रदर्शन करते हुए जीत लिया.
तीसरे सेट में वोज्नियाकी को अपने फिजियो को बुलाना पड़ा. उसके बाएं घुटने में पट्टी बांधी गई. उसने अपनी लय हासिल करते हुए यह सेट और मैच जीता.