
भारतीय महिला वेटलिफ्टर संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल हो गई हैं. चानू के शरीर में टेस्टास्टेरॉन स्टेरॉयड पाया गया है. ये स्टेरॉयड खिलाड़ियों के लिए बैन है. इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के मुताबिक डोप टेस्ट में संजीता चानू के खून में स्टेरॉयड पाया गया. टेस्ट में फेल होने के बाद उन्हें अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया गया है.
कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता था गोल्ड
बता दें, संजीता चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. वहीं, 2014 में ग्लास्गो गेम्स में भी वो गोल्ड जीत चुकी हैं. डोप टेस्ट में फेल होने से उनके मेडल छिन सकते हैं.
इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने इस मामले पर कहा कि, 'संजीता चानू का डोप टेस्ट नवंबर में वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान हुआ. रिपोर्ट में दिसंबर की तारीख दर्ज है. फेडरेशन को ये रिपोर्ट मई के मध्य में मिली है. इस दौरान चानू ने कॉमनवेल्थ गेम में हिस्सा लिया था.'
संजीता ने चार साल पहले ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स से अपना दमदार सफर शुरू किया था. तब 20 साल की संजीता चानू ने सब को चौंकाते हुए देश को गोल्ड मेडल दिलाया था. 2014 के ग्लास्गो कॉमनवेल्थ खेलों में संजीता ने 42 किलो ग्राम कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया था.
अर्जुन पुरस्कार नहीं मिलने पर चली गई थीं कोर्ट
संजीता 2017 में उस समय भी सुर्खियों में आई थीं, जब अर्जुन पुरस्कार पाने वालों की सूची में उनका नाम नहीं था. इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अर्जुन अवॉर्ड तो संजीता को नहीं मिला था, लेकिन उन्होंने अपना जवाब पिछले साल कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 53 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर दिया.