
इंग्लैंड ने पहले क्रिकेट टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन भारत को 227 रनों से हराकर चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई. जैक लीच की फिरकी के जादू और दुनिया के सबसे सफल तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की तूफानी गेंदबाजी को भारतीय बल्लेबाज झेल नहीं पाए.
दूसरा टेस्ट भी इसी एमए चिदंबरम स्टेडियम में 13 फरवरी से खेल जाएगा. इंग्लैंड के खिलाफ भारत को अपने घर में सबसे बड़ी हार (रनों के लिहाज से) का सामना करना पड़ा. इससे पहले इंग्लैंड ने 2006 में मुंबई में टीम इंडिया को 212 रनों से मात दी थी.
इस जीत के साथ इंग्लैंड अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप तालिका में शीर्ष पर पहुंच गया है, जबकि इस मैच से पहले वह चौथे स्थान पर था. इस मैच से पहले शीर्ष पर चल रहा भारत चौथे स्थान पर खिसक गया.
लीच (76 रन पर 4 विकेट) और एंडरसन (17 रन पर 3 विकेट) की सधी हुई गेंदबाजी के सामने भारतीय टीम 420 रनों के विश्व रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए कप्तान विराट कोहली (72) और शुभमन गिल (50) के अर्धशतकों के बावजूद 58.1 ओवरों में 192 रनों पर ढेर हो गई.
इंग्लैंड की जीत का मंच एंडरसन ने सुबह के सत्र में ही तैयार कर दिया था. एंडरसन ने पहले सत्र में गिल, अजिंक्य रहाणे (0) और ऋषभ पंत (11) को पवेलियन भेजकर भारत के बल्लेबाजी क्रम की रीढ़ को तोड़ा.
जो रूट ने इस जीत के साथ इंग्लैंड के सबसे सफल कप्तान के रूप में माइकल वॉन की बराबरी की, जिनकी अगुआई में इंग्लैंड ने सर्वाधिक 26 जीत दर्ज की थी. वॉन ने 51 मैचों में इंग्लैंड की अगुआई की थी, जबकि रूट 47वें टेस्ट में इंग्लैंड की कमान संभाल रहे थे.
इंग्लैंड ही पिछली विदेशी टीम थी, जो भारत में आकर टेस्ट सीरीज जीतने में सफल रही थी और टीम ने इस उपलब्धि को दोहराने की ओर पहला कदम बढ़ाया. इंग्लैंड ने 2012-13 में भारत को उसकी सरजमीं पर 2-1 से हराया था.
भारत ने दिन की शुरुआत एक विकेट पर 39 रनों से की. सलामी बल्लेबाज गिल शुरुआत से ही अच्छी लय में दिखे. उन्होंने लीच की दिन की दूसरी ही गेंद पर चौका जड़ा, लेकिन चेतेश्वर पुजारा (15) ने बाएं हाथ के स्पिनर लीच की तेजी से स्पिन होती गेंद पर बल्ले का मुंह लेग साइड की ओर मोड़ दिया और गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में खड़े बेन स्टोक्स के सुरक्षित हाथों में चली गई.
गिल ने आफ स्पिनर डॉम बेस को निशाना बनाया और उनके ओवरों में दो चौके और एक छक्का जड़ा. इस युवा प्रतिभावान बल्लेबाज ने लीच पर भी चौका और फिर एक रन के साथ 81 गेंदों में अपने करियर का तीसरा अर्धशतक पूरा किया.
जो रूट ने इसके बाद गेंद एंडरसन को थमाई, जिन्होंने तेजी से अंदर आती दूसरी ही गेंद पर गिल को बोल्ड कर दिया. गिल ने 83 गेंदों की अपनी पारी में 7 चौके और एक छक्का मारा.
एक गेंद बाद एंडरसन ने अजिंक्य रहाणे के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की विश्वसनीय अपील की, लेकिन अंपायर ने इसे ठुकरा दिया. इंग्लैंड ने डीआरएस का सहारा लिया, लेकिन पैड से गेंद टकराते समय अंपायर कॉल आने के कारण वह बच गए. रहाणे हालांकि इसका फायदा नहीं उठाए पाए और अगली ही गेंद पर बोल्ड हो गए. वह खाता भी नहीं खोल पाए.
कोहली ने ऋषभ पंत के साथ मिलकर 30वें ओवर में भारत का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया. पंत हालांकि अधिक देर टिक नहीं सके और सिर्फ 11 रन बनाने के बाद एंडरसन की गेंद को शरीर से दूर खेलने की कोशिश में शॉर्ट कवर पर रूट को बेहद आसान कैच दे बैठे.
बेस ने पहली पारी में नाबाद 85 रन बनाने वाले वॉशिंगटन सुंदर को खाता भी नहीं खोलने दिया. जोस बटलर ने उनका कैच पकड़ा. मैदानी अंपायर ने वॉशिंगटन को नॉटआउट करार दिया था, लेकिन डीआरएस लेने पर फैसला गेंदबाज के पक्ष में गया.
कोहली हालांकि एक छोर पर डटे रहे. उन्होंने बेस पर लगातार तीन चौके मारे. लंच के बाद कोहली ने लीच पर चौका जड़ा और फिर एंडरसन की गेंद पर एक रन के साथ अर्धशतक पूरा किया.
इंग्लैंड को दूसरे सत्र में सफलता के लिए 11 ओवर से अधिक इंतजार करना पड़ा. लीच की शॉर्ट, लेकिन उछाल लेती गेंद पर अश्विन ने बटलर को कैच थमाया. अश्विन ने 9 रन बनाए और कोहली के साथ सातवें विकेट के लिए 54 रन जोड़े.
कोहली भी इसके बाद स्टोक्स की नीची रहती गेंद पर बोल्ड हो गए, जिससे भारत की रही सही उम्मीद भी टूट गई. भारतीय कप्तान ने 104 गेंदों की अपनी पारी में 9 चौके मारे.
लीच ने शाहबाज नदीम (0) को रोरी बर्न्स के हाथों कैच कराके भारत को नौवां झटका दिया. इस बीच 57वें ओवर में अजीब घटना हुई, जब लगा कि जोफ्रा आर्चर की गेंद पर ईशांत शर्मा हिट विकेट आउट हो गए. तीसरे अंपायर ने हालांकि रीप्ले देखकर उन्हें नॉट आउट दिया, क्योंकि बेल्स हवा से गिरी थी. आर्चर ने इसके बाद जसप्रीत बुमराह (4) को बटलर के हाथों कैच कराके इंग्लैंड की जीत सुनिश्चित की.