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ये पांच वजहें जो आपको मजबूर करेंगी #Euro2016 देखने के लिए

शनिवार 11 जून से शुरू हो रहा है यूरोप का सबसे बड़ा फुटबॉल टूर्नामेंट 'यूरो कप 2016'. यूं तो इस टूर्नामेंट को देखने के लिए इतनी सी वजह काफी है कि इसमें यूरोप की बेस्ट 24 टीमें खेल रही हैं. लेकिन इसके अलावा भी पांच ऐसी वजहें हैं जिनके लिए आपको यूरो कप 2016 देखना ही चाहिए.

फ्रांस में हो रहा है यूरो कप 2016 फ्रांस में हो रहा है यूरो कप 2016
सूरज पांडेय
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  • 10 जून 2016,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

शनिवार 11 जून से शुरू हो रहा है यूरोप का सबसे बड़ा फुटबॉल टूर्नामेंट 'यूरो कप 2016'. यूं तो इस टूर्नामेंट को देखने के लिए इतनी सी वजह काफी है कि इसमें यूरोप की बेस्ट 24 टीमें खेल रही हैं. लेकिन इसके अलावा भी पांच ऐसी वजहें हैं जिनके लिए आपको यूरो कप 2016 देखना ही चाहिए. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या है कि हम आपको ये टूर्नामेंट देखने के लिए कह रहे हैं. तो जनाब खुद ही पढ़ लीजिए वो पांच कारण जिनके चलते आपको ये टूर्नामेंट देखना ही चाहिए.

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1. लीजेंड्स के लिए यूरोपियन चैंपियन बनने का आखिरी मौका
अगर आप फुटबॉल फॉलो करते हैं तो आपको पता ही होगा कि इस खेल में इटली के 38 वर्षीय गोलकीपर जियानलुइगी बफन का क्या ओहदा है. इनके अलावा फ्रेंच डिफेंडर पैट्रिक एवरा, आर्सेनल के लिए खेलने वाले 34 साल के चेक गोलकीपर पीटर चेक और क्लब फुटबॉल से रिटायर हो चुके इसी देश के 35 वर्षीय थॉमस रोसिकी की अहमियत से भी आप अंजान नहीं होंगे. वर्ल्ड चैंपियन जर्मनी के बास्टियन श्वांसटाइगर और लुकाल पोडोल्स्की की उम्र भी 31 साल हो चुकी है. इनके अलावा इटली के डैनिएले डि रोसी भी 32 साल के हो गए हैं.

31 साल के हो चुके पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो के लिए भी अगला यूरो कप खेलना मुश्किल ही है. मशहूर स्वीडिश स्ट्राइकर ज्लाटन इब्राहिमोविच भी उम्र के 34 बसंत देख चुके हैं. स्पैनिश गोलकीपर इकर कैसियस 35 साल के हो चुके हैं और इस टीम के दूसरे गोली डेविड डि गिया की स्किल्स देखते हुए अगर वो चाहेंगे तो भी अगले यूरो कप के लिए टीम में जगह नहीं बना पाएंगे. इनके साथी खिलाड़ी आंद्रेस इनिएस्ता, डिफेंडर जुआनफरान का भी अगले यूरो कप तक खेल पाना मुश्किल है. ऐसे में कौन सा खिलाड़ी अपने आखिरी यूरो कप में विजेता बनकर लौटेगा ये जानने के लिए आपको यूरो कप देखना ही पड़ेगा.

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2. युवाओं का जोश दिला पाएगा कामयाबी
सीनियर प्लेयर्स के साथ ही कई युवा खिलाड़ी भी हैं जो अपने-अपने क्लबों के साथ बेहतरीन खेल दिखाकर अच्छा नाम कमा चुके हैं. ऐसे में ये इंटरनेशनल लेवल पर यूरोपियन दिग्गजों के खिलाफ कैसा खेल दिखाते हैं ये तो देखना ही पड़ेगा. ऐसे खिलाड़ियों में बेल्जियम के केविन डि ब्रुएने, ईडेन हजार्ड, स्पेन के सेसार अपिलिक्वेटा, हेक्टर बेलरिन और अल्वरो मोराटा. पुर्तगाल के रेनाटो सांचेज, इटली के स्टीफन एल शरावे. जर्मनी के पॉल पोग्बा, किंग्स्ले कोमान, एंटोनी ग्रिजमैन और ऑस्ट्रिया के डेविड अलाबा शामिल हैं.

3. स्पेन लगा पाएगा यूरो कप की हैट्रिक
लगातार दो बार यूरो कप 2008, 2012 अपने नाम कर चुके स्पेन के पास यूरो की हैट्रिक लगाने वाली पहली टीम बनने का मौका है. ये देखना मजेदार होगा कि क्या स्पैनिश टीम इस बार का यूरो कप जीतकर यूरो की हैट्रिक लगा पाएगी. अगर मैनेजर विंसेट डेल बोस्क्यू की टीम ये कारनामा कर पाती है तो इतिहास बनना तय है. इस काम को करने के लिए स्पैनिश टीम के पास अच्छे गोलकीपर, मिडफील्डर और डिफेंडर भी हैं. स्पैनिश टीम में अच्छे फॉरवर्ड्स की कमी जरूर है लेकिन वो बिना स्ट्राइकर के भी इंटरनेशनल लेवल पर अच्छा खेल चुके हैं इसलिए उनसे उम्मीद है कि अल्वरो मोराटा, नोलितो और अरित्ज अडुरिज के दम पर 'La Furia Roja' यूरो अपने नाम कर लेंगे.

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4. क्या जर्मनी दोहरा पाएगा, स्पेन का करिश्मा
ये सवाल लगभग हर फुटबॉल प्रेमी के दिमाग में है. आपको बता दें कि 2010 का फीफा वर्ल्ड कप जीतने के बाद स्पेन ने 2012 का यूरो कप भी अपने नाम किया था. जिसके साथ ही स्पेन वर्ल्ड कप और यूरो कप दोनों एक साथ अपने पास रखने वाली तीसरी टीम बन गई थी. मौजूदा विश्वविजेता जर्मनी स्पेन के इस कारनामे को दोहराने की पूरी कोशिश करेगी. हालांकि उनकी भी मिडफील्ड और गोलकीपिंग में तो काफी दम है लेकिन स्ट्राइकर्स के मामले में जर्मन, टर्किश लीग में खेलने वाले मारियो गोमेज, पार्टटाइम स्ट्राइकर थॉमस मुलर और ज्यादातर वक्त विंगर खेलने वाले लुकास पोडोल्स्की पर निर्भर हैं.

5. कौन सा स्ट्राइकर करेगा सबसे ज्यादा गोल
फुटबॉल के मैच में गोल ना हों तो मजा थोड़ा कम हो जाता है. ऐसे में सभी जानना चाहते हैं कि कौन होगा वो स्ट्राइकर जो सबसे ज्यादा गोल कर गोल्डेन बूट अपने नाम करेगा. इस मामले में इंग्लिश टीम सबसे मजबूत नजर आ रही है. उनके पास, ईपीएल के गोल्डेन बूट विनर हैरी केन, दूसरे नंबर पर रहे जैमी वार्डी, वेन रूनी, डैनिएल स्टरिज और ईपीएल की नई सनसनी मार्कस रैशफोर्ड जैसे दमदार स्ट्राइकर्स हैं.

एंटोनी ग्रिजमैन, एंथनी मार्शल और ओलिवर गिरोड वाली फ्रांस भी स्ट्राइकर्स के मामले में दमदार दिख रही है. इन सबके अलावा एक और स्ट्राइकर है जिसपर सबकी निगाहें जमी हैं, और वो है स्वीडन का ज्लाटन इब्राहिमोविच. इनके अलावा बेल्जियम के रोमेलु लुकाकू, क्रिस्चियन बेंटेक और पुर्तगाली विंगर क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर भी सबकी निगाहें होंगी. देखने वाली बात यह है कि लगातार दो बार से इस टूर्नामेंट का गोल्डेन बूट जीतते आ रहे स्पेन का कोई खिलाड़ी इस बार भी बाजी मार लेगा या फिर इन दिग्गजों में से कोई बनेगा गोलों का शहंशाह

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