
एस्टेडियो एजटेका के प्रेस बॉक्स में बैठे हुए डिएगो माराडोना की चालबाजी की अनदेखी कर पाना असंभव था, लेकिन साथ ही उसी स्थान पर बैठे हुए इस महान फुटबॉलर की बेजोड़ फुर्ती का कायल नहीं हो पाना भी किसी के लिए संभव नहीं था.
अर्जेंटीन के महान खिलाड़ी माराडोना में इसी तरह का विरोधाभास था. वह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरीकों से जादुई थे. उनका बुधवार को 60 साल की उम्र में निधन हो गया.
माराडोना के जीवन का सबसे प्रसिद्ध और कुख्यात मैच मैक्सिको सिटी के उस समय के बेहतरीन स्टेडियम एस्टेडियो एजटेका में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया, जो विश्व कप 1986 का क्वार्टर फाइनल मुकाबला था.
किसी भी मीडियाकर्मी के लिए उस मुकाबले से दूर रहने के लालच से बच पाना आसान नहीं था क्योंकि स्टेडियम में इस मुकाबले के लिए एक लाख के आसपास दर्शक पहुंचने वाले थे.
पेले जब अपने खेल के शीर्ष पर थे, उसके बाद से ऐसा कोई फुटबॉलर नहीं हुआ जिसे इतने बड़े मंच पर खेलते हुए देखने के लालच से बच पाना संभव हो.
मैदान पर बने जोश पर नीली और सफेद जर्सी पहने अर्जेंटीना के प्रशंसकों ने चार-चांद लगा दिए थे जो अपने देश का झंडा लहरा रहे थे और ‘अल ग्रेन डिएगो’ के नारे लगा रहे थे. कुछ लोग ‘अल डियोस डिएगो’ के नारे भी लगा रहे थे.
हॉकी की तरह फुटबॉल में भी जब मूव बनता है तो दर्शकों की नजरें गेंद से अधिक खिलाड़ियों के समूह पर होती है, लेकिन माराडोना पर अपने खेल के शिखर पर थे तो सभी की नजरें अर्जेंटीना के इस 10 नंबर के खिलाड़ी पर टिकी होती थी हमेशा.
माराडोना से नजरें हटाना किसी भी दर्शक लिए संभव नहीं हो पाता था और जून के उस दिन माराडोना ने कुछ ऐसा किया जिसने उनकी विरासत की नींव रखी.
पहले हाफ गोलरहित रहने के बाद माराडोना ने 51वें मिनट में हेडर से गोल दागा. क्या ऐसा हुआ था?
इंग्लैंड के डिफेंडर की गलती से गेंद नेट की तरफ हवा में उछली, जिसके गोल से दूर करने के लिए उस समय से सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में से एक पीटर शिल्टन तेजी से दौड़े. माराडोना हालांकि अपनी फुर्ती से उन्हें छकाने में सफल रहे और अब वीडियो रीप्ले से पता चलता है कि उन्होंने अपने सिर के करीब से बाएं हाथ के मुक्के से गेंद को गोल में पहुंचा दिया.
हर तरफ गोल का जश्न था. प्रेस बॉक्स से सब कुछ ठीक लग रहा था. इंग्लैंड के खिलाड़ियों और मैनेजर के लिए यह तमाशा था... सरेआम नियमों को तोड़ना. अर्जेंटीना के लिए माराडोना अपना काम कर रहे थे.
कोई फर्क नहीं पड़ा, गोल स्वीकार किया गया और अर्जेंटीना ने 1-0 की बढ़त बनाई.
अगर मैच इसी स्कोर पर खत्म होता तो अर्जेंटीना के अलावा दुनियाभर में माराडोना की छवि हमेशा के लिए दागदार हो सकती थी. लेकिन इसके बाद वह पल आया, जिसे देखकर प्रेस बॉक्स में भी सभी झूम उठे.
माराडोना ने अपनी तेजी और फुर्ती से इंग्लैंड के लगभग आधे खिलाड़ियों को छकाया और गोल दाग दिया, जिसे देखकर स्टेडियम में मौजूद सभी लोग हैरान थे. इस गोल को शब्दों में बयां कर पाना किसी के लिए भी आसान नहीं था.
माराडोना ने उस दिन मैक्सिको सिटी में झलक दिखाई थी कि वह क्या करने में सक्षम हैं और कोई उनके जादुई खेल से नहीं बच सकता.