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राष्ट्रगान पर खड़ा नहीं होने वालों को हिना सिद्धू ने दी यह नसीहत

हिना सिद्धू ने लिखा, 'बिना राष्ट्रगान के मेडल जीतना आधा भी अच्छा नहीं लगता.'

हिना सिद्धू हिना सिद्धू
विश्व मोहन मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST

भारत की स्टार एयर पिस्टल शूटर और कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट हिना सिद्धू ने राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने वाले लोगों को नसीहत दी है. हिना सिद्धू ने ट्विटर पर लिखा कि 'राष्ट्रगान के दौरान खड़ा नहीं होने और फोन पर जोर-जोर से बात करने के बारे में वह सोच भी नहीं सकती हैं. राष्ट्रगान के वक्त खड़ा नहीं होने का मतलब है कि आप पॉप-कार्न खा सकते हैं, आपस में चिट-चैट कर सकते हैं और फोन तेज आवाज में बात कर सकते हैं.'

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हिना सिद्धू ने लिखा, 'मैं खुद को स्पोर्ट्सपर्सन के रूप में खुशकिस्मत मानती हूं. हम ऐसा सोच भी नहीं सकते हैं. बिना राष्ट्रगान के मेडल जीतना आधा भी अच्छा नहीं लगता. उन्होंने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगान फिल्मों से पहले अनिवार्य कर दिया. इससे शरारती तत्वों को इसका अपमान करने का मौका मिल गया. राष्ट्रगान को फिल्मों से पहले नहीं बजाना चाहिए, लोग वहां मनोरंजन के लिए आते हैं.'

बता दें कि राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने का ताजा मामला जम्मू एंड कश्मीर के राजौरी के बाबा गुलाम शाह बादशाह यूनिवर्सिटी में सामने आया है. जहां पर कुछ छात्र राष्ट्रगान बजने के समय उसके सम्मान में बजाए खड़े होने के बैठे-बैठे सेल्फी खींचते रहे.

एक अंग्रेजी समाचार चैनल के अनुसार यह घटना उस समय की है जब सभी छात्र सिल्वर रोलिंग ट्रॉफी के दौरान विदाई सामारोह में शरीक हुए थे. इस समारोह में राज्य गवर्नर एनएन वोहरा, राजौरी के डिप्टी कमिश्नर, एसएसपी और यूनिवर्सिटी के उपकुलपति भी मौजूद थे.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमा हॉल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाने को अनिवार्य बनाया था, लेकिन इस साल 23 अक्टूबर को कोर्ट ने कहा था कि लोगों को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमा घरों में खडे होने की जरुरत नहीं है. न्यायालय ने केंद्र से कहा कि वह सिनेमाघरों में राष्ट्रगान आयोजित करने के नियमन के लिए नियमों में संशोधन पर विचार करे.

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