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मुझे जबरन संन्यास लेने को कहा गयाः चंद्रपाल

वेस्टइंडीज के अनुभवी बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपाल ने कहा कि उन्हें मास्टर्स चैम्पियंस लीग में खेलने के मद्देनजर अनापत्ति पत्र हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने को बाध्य होना पड़ा और उन्होंने चेताया कि चयनकर्ताओं का इस तरह का व्यवहार भविष्य के क्रिकेटरों के लिए चिंता का संकेत है. चंद्रपाल ने कहा, ‘मुझे वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड द्वारा अनापत्ति पत्र (एनओसी) इस शर्त पर दिया गया कि मैं 23 जनवरी को संन्यास ले लूं.’

शिवनारायण चंद्रपाल शिवनारायण चंद्रपाल
अभिजीत श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:38 PM IST

वेस्टइंडीज के अनुभवी बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपाल ने कहा कि उन्हें मास्टर्स चैम्पियंस लीग में खेलने के मद्देनजर अनापत्ति पत्र हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने को बाध्य होना पड़ा और उन्होंने चेताया कि चयनकर्ताओं का इस तरह का व्यवहार भविष्य के क्रिकेटरों के लिए चिंता का संकेत है. चंद्रपाल ने कहा, ‘मुझे वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड द्वारा अनापत्ति पत्र (एनओसी) इस शर्त पर दिया गया कि मैं 23 जनवरी को संन्यास ले लूं.’

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उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने अपने संन्यास की घोषणा नहीं की होती तो वे इसे (एनओसी) वापस ले लेते. पिछले साल मई में इस 41 वर्षीय खिलाड़ी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले चयनकर्ताओं द्वारा यह कहते हुए टीम से बाहर कर दिया गया था कि इसका कारण उनकी फार्म में तेजी से आ रही गिरावट है. मार्च 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट आगाज करने वाले चंद्रपाल ने रोष व्यक्त किया कि वेस्टइंडीज के लिए दो दशक से ज्यादा समय के अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद उन्हें सही तरह से संन्यास लेने का मौका नहीं दिया गया जिससे उभरते हुए खिलाड़ियों को नकारात्मक संदेश जाएगा.’

चंद्रपाल ने कहा, ‘मैं क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका चाहता था लेकिन मैं इसके बारे में कुछ नहीं कर सकता. मैं सिर्फ इसे भुलाना चाहता हूं.’

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उन्होंने कहा, ‘मुझे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद मास्टर्स चैम्पियंस लीग में खेलने की एनओसी मिल गई. इतने लंबे समय तक खेलने के बाद मुझे लगता है कि मेरे साथ सही बर्ताव किया जाना चाहिए था. अगर मेरे जैसे खिलाड़ी के साथ ऐसा व्यवहार होता है तो सोचिए युवा पीढ़ी के साथ कैसा होगा.’

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